रविवार को दुर्वासा ऋषि की तपोभूमि दूबलधन गांव के तीर्थ स्थल पर समस्त ग्रामीणों ने मिलकर हवन- यज्ञ कर तीर्थ स्थल के जीर्णोद्धार का आगाज किया। गांव के प्रत्येक नागरिक ने आयोजित हवन यज्ञ में एक चम्मच घी की आहुति डालकर यज्ञ को सफल बनाया।
दुर्वासा ऋषि की तपोभूमि पर हवन यज्ञ की अध्यक्षता स्वामी नितानंद जटेला धाम माजरा के महंत राजेंद्र दास जी ने की। महंत राजेंद्र दास ने समस्त ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि जिस भूमि पर ऋषि-मुनियों ने तपस्या की है वह तपोभूमि स्वयं तीर्थ स्थल व पवित्र होती है। हमें तीर्थ स्थलों के दर्शन के लिए अपने गांव से बाहर जाने की जरूरत नहीं है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में गांव के तीर्थ स्थल की स्थिति बहुत ही दयनीय हो चुकी है। हम सभी ने मिलकर इस तीर्थ स्थल का सौंदर्यीकरण व जीर्णोद्धार करना है। हमारी इस संस्कृति व धरोहर को बचाना हमारा कर्तव्य है।
महाभारत काल से जुडे व दुर्वासा ऋषि की तपोभूमि तीर्थ स्थल पर एकत्रित होकर सभी ग्रामीणों ने इसे पुनः पवित्र बनाने व इसका जीर्णोद्धार करने का संकल्प लिया। इस अवसर पर दूबलधन परिवार के समस्त सदस्यों ने हवन यज्ञ में आहुति डालकर एकता का संदेश दिया।