कोच बनना चाहते है डेविड वार्नर, बताई अपनी इच्छा

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ऑस्ट्रेलिया के विस्फोटक सलामी बल्लेबाज डेविड वॉर्नर ने टेस्ट और वनडे क्रिकेट को अलविदा कह दिया है. वॉर्नर अब सिर्फ टी20 क्रिकेट खेलेंगे. उन्होंने अपना आखिरी टेस्ट मैच पाकिस्तान के खिलाफ अपने घरेलू मैदान सिडनी में शनिवार को खेला. वॉर्नर का कहना है कि वह भविष्य में कोच बनना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि आईपीएल जैसी घरेलू प्रतियोगिताओं में आपस में ड्रेसिंग रूम साझा करने के कारण अगले एक दशक के अंदर क्रिकेट से छींटाकशी समाप्त हो जाएगी.

डेविड वॉर्नर (David Warner) ने अपनी आखिरी टेस्ट पारी में अर्धशतक जड़ा. ऑस्ट्रेलिया ने सिडनी टेस्ट में पाकिस्तान को 8 विकेट से हराया. मेजबान ऑस्ट्रेलिया ने 3 मैचों की सीरीज में पाकिस्तान का क्लीनस्वीप किया. वॉर्नर ने फॉक्स क्रिकेट से कहा,‘हां, मेरी भविष्य में कोचिंग से जुड़ने की इच्छा है. पहले मुझे अपनी पत्नी से बात करनी होगी कि क्या मुझे कुछ और दिन तक घर से बाहर रहने की अनुमति है.’ बाएं हाथ के इस बल्लेबाज को 2018 में केपटाउन में गेंद से छेड़छाड़ करने के मामले से पहले विरोधी खिलाड़ियों के प्रति आक्रामक रवैया अपनाने के लिए जाना जाता था. ऑस्ट्रेलिया ने इस प्रकरण के बाद अपनी खेल संस्कृति में बदलाव किया.

‘मेरा काम विरोधी बल्लेबाजों का ध्यान भंग करना था’
इस सप्ताह के शुरू में ऑस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाज उस्मान ख्वाजा ने दावा किया था कि वॉर्नर के करियर के शुरुआती दौर में कोचिंग स्टाफ ने उन्हें विरोधी खिलाड़ियों पर छींटाकशी करने के निर्देश दिए थे. वॉर्नर ने कहा, ‘जब मैं टीम में आया तो मेरा काम विरोधी खिलाड़ियों को परेशान करना और जब वह बल्लेबाजी कर रहे हों तो उनका ध्यान भंग करना था. एक व्यक्ति के रूप में मुझे इस तरह से तैयार किया गया था.’ उन्होंने कहा कि आईपीएल जैसी फ्रेंचाइजी टी20 लीग में खिलाड़ी विरोधी देशों के खिलाड़ियों के साथ ड्रेसिंग रूम साझा करते हैं जिसके कारण छींटाकशी जल्द ही अतीत की बात बन जाएगी.

‘भविष्य में आपको छींटकाशी देखने को नहीं मिलेगी’
वॉर्नर ने कहा,‘मुझे नहीं लगता कि भविष्य में आपको छींटकाशी या इस जैसी कोई चीज देखने को मिलेगी. यह हंसी मजाक तक सीमित रह जाएगी जैसे (पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट सीरीज के दौरान) मैं और शाहीन शाह अफरीदी करते थे. मुझे नहीं लगता कि आपको फिर से पहले जैसी आक्रामकता देखने को मिलेगी.’ डेविड वॉर्नर ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने बिना कोई फर्स्ट क्लास क्रिकेट मैच खेले बिना इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किया.

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