हेमा मालिनी का नाम सुनते ही भारतीय सिनेमा की ‘ड्रीम गर्ल’ की छवि हमारे सामने आती है। वह केवल एक सफल अभिनेत्री ही नहीं, बल्कि अपने दौर की सबसे लोकप्रिय हस्तियों में से एक थीं। उनकी फिल्मी करियर ने उन्हें लाखों दिलों की धड़कन बना दिया, लेकिन उनकी निजी जिंदगी भी उतनी ही चर्चित रही। उनके और धर्मेंद्र के प्रेम संबंध ने उन्हें ‘दूसरी औरत’ के रूप में करार दिया। यह कहानी केवल सिनेमा की परदे पर नहीं, बल्कि असल जिंदगी की जटिलता को उजागर करती है, जहां प्यार, संघर्ष, और समाज के कठोर निर्णय शामिल थे।

एक्शन हीरो से प्रेम: धर्मेंद्र और हेमा मालिनी की कहानी
धर्मेंद्र और हेमा मालिनी की प्रेम कहानी बॉलीवुड की सबसे चर्चित प्रेम कहानियों में से एक है। धर्मेंद्र पहले से ही शादीशुदा थे और चार बच्चों के पिता थे। फिर भी, जब हेमा मालिनी उनके संपर्क में आईं, तो दोनों के बीच एक अनकही और अटूट डोर बंध गई। पहली बार दोनों की मुलाकात 1970 की फिल्म ‘तू हसीन मैं जवान’ के सेट पर हुई। धर्मेंद्र बॉलीवुड के पहले एक्शन हीरो थे और उनके व्यक्तित्व ने हेमा को आकर्षित किया। धर्मेंद्र का आकर्षक व्यक्तित्व और हेमा की सादगी ने दोनों को करीब लाया।
हालांकि, यह रिश्ता आसान नहीं था। हेमा मालिनी ने अपनी आत्मकथा “हेमा मालिनी: बियॉन्ड द ड्रीम गर्ल” में अपने इस संबंध को साझा किया। उन्होंने लिखा, “मैं बस इतना जानती थी कि उन्होंने मुझे खुश किया, और मैं केवल खुशी चाहती थी।” यह प्रेम उनके लिए निःस्वार्थ था, लेकिन समाज के लिए यह एक विवादस्पद रिश्ता था।
‘दूसरी औरत’ का तमगा: समाज की कठोरता
हेमा मालिनी का धर्मेंद्र के साथ रिश्ता एक ऐसा कदम था, जिसे समाज ने कभी पूरी तरह से स्वीकार नहीं किया। हेमा को ‘दूसरी औरत’ के रूप में देखा जाने लगा। यह वह समय था जब समाज एक महिला को एक पुरुष के साथ उसके संबंधों के आधार पर जज करता था, खासकर जब वह व्यक्ति पहले से शादीशुदा हो।
धर्मेंद्र की पहली पत्नी, प्रकाश कौर, इस रिश्ते को लेकर नाराज़ थीं, और उनके चार बच्चों के कारण इस रिश्ते में और भी जटिलताएँ थीं। समाज ने हेमा मालिनी को एक ऐसी महिला के रूप में देखा, जिसने एक शादीशुदा आदमी के जीवन में प्रवेश किया, और उन्हें ‘दूसरी औरत’ का दर्जा दिया गया। हेमा मालिनी के लिए यह सब सहन करना आसान नहीं था, लेकिन वह इस सब से लड़ने के लिए तैयार थीं।

धर्मेंद्र के लिए हेमा का विद्रोह
हेमा मालिनी अपने परिवार की बेहद आज्ञाकारी बेटी थीं। उनकी मां, जया चक्रवर्ती, ने हेमा के जीवन पर सख्त नियंत्रण रखा था। हेमा को भी इससे कोई परेशानी नहीं थी, जब तक कि धर्मेंद्र उनके जीवन में नहीं आए। जब हेमा की मां को धर्मेंद्र और उनकी बेटी के बीच बढ़ती नजदीकियों का पता चला, तो उन्होंने हेमा को किसी और से शादी करने के लिए जोर डाला। लेकिन हेमा को धर्मेंद्र के बिना अपना जीवन अकल्पनीय लगने लगा था।
हेमा मालिनी ने इस विद्रोह के बारे में कहा, “मैंने उनसे (धर्मेंद्र) कहा, ‘तुम्हें अब मुझसे शादी करनी होगी।’ उन्होंने कहा, ‘हां, मैं तुमसे शादी करूंगा।'” यह बयान इस बात का प्रमाण था कि हेमा ने अपनी खुशी के लिए समाज की कठोरता का सामना करने का साहस किया।
संजीव कुमार और जीतेंद्र से रिश्ता
धर्मेंद्र से पहले भी हेमा मालिनी के जीवन में कुछ और पुरुषों का नाम जुड़ा था। अभिनेता संजीव कुमार और जीतेंद्र के साथ उनके रिश्ते की खबरें अक्सर सुर्खियों में रहीं। संजीव कुमार ने हेमा से विवाह का प्रस्ताव भी रखा था, लेकिन हेमा ने उनके प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। इसी तरह, जीतेंद्र के साथ भी उनके संबंधों की चर्चा रही, लेकिन वह रिश्ता भी शादी तक नहीं पहुंचा।
यह घटनाएं बताती हैं कि हेमा मालिनी का जीवन केवल स्क्रीन पर दिखने वाली रोमांटिक कहानियों तक सीमित नहीं था, बल्कि उनके निजी जीवन में भी कई जटिलताएं थीं, जिनसे उन्हें जूझना पड़ा।
समाज का विरोध: मुश्किल भरे दिन
धर्मेंद्र से शादी के बाद हेमा मालिनी को समाज और मीडिया के कठोर निर्णयों का सामना करना पड़ा। लोगों ने उन पर उंगलियां उठाई, और उनके बारे में कई तरह की बातें की गईं। हेमा ने अपने संघर्षों के बारे में कहा, “हम पर आरोप लगाए गए। मेरे सामने किसी ने कुछ नहीं कहा, लेकिन मैं मूर्ख नहीं थी। मैं जानती थी कि वे मेरी पीठ पीछे मेरी चर्चा करते हैं।”
इस दौर में हेमा मालिनी ने कई बार अपने जीवन को लेकर नए निर्णय लेने की सोची। उन्होंने बेंगलुरु जाकर वहां बसने का विचार किया, ताकि वह इन सारी नकारात्मक बातों से दूर रह सकें। लेकिन आखिरकार उन्होंने अपने काम और पति धर्मेंद्र के साथ रहना चुना।

हेमा और धर्मेंद्र का विवाह
हेमा मालिनी और धर्मेंद्र का विवाह किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं था। दोनों ने समाज और परिवार के विरोध के बावजूद एक-दूसरे का साथ नहीं छोड़ा। यह शादी धर्मेंद्र के लिए भी एक बड़ा कदम था, क्योंकि वह पहले से ही प्रकाश कौर से शादीशुदा थे और उनके चार बच्चे थे।
धर्मेंद्र और हेमा की शादी ने बॉलीवुड में एक नई मिसाल कायम की, जहां एक अभिनेत्री ने अपनी खुशी और प्रेम के लिए समाज की परवाह नहीं की। धर्मेंद्र ने भी हेमा के लिए अपने जीवन में बड़ी चुनौतियों का सामना किया और दोनों ने अपने रिश्ते को सम्मानित किया।
हेमा मालिनी का साहस और आत्मनिर्भरता
हेमा मालिनी का जीवन हमें यह सिखाता है कि जीवन में कठिनाइयाँ चाहे जितनी भी हों, अगर इंसान के पास साहस और आत्मविश्वास है, तो वह किसी भी चुनौती का सामना कर सकता है। उन्होंने धर्मेंद्र के साथ अपने रिश्ते को निभाने के लिए समाज के दबावों का सामना किया, लेकिन अपनी व्यक्तिगत पहचान और आत्मसम्मान को कभी नहीं खोया।
उनकी आत्मकथा में उन्होंने लिखा, “मैं मूर्ख नहीं थी, मैं जानती थी कि लोग मेरी पीठ पीछे क्या बातें कर रहे थे, लेकिन मैंने अपने दिल की सुनी।”
हेमा मालिनी की जिंदगी केवल एक फिल्मी स्टार की कहानी नहीं है, बल्कि यह उन संघर्षों और मुश्किलों की दास्तां है, जिनका सामना उन्होंने अपने जीवन के सबसे कठिन निर्णयों में से एक के लिए किया। धर्मेंद्र के साथ उनके रिश्ते ने उन्हें ‘दूसरी औरत’ का तमगा दिया, लेकिन उन्होंने इस तमगे को अपनी ताकत बनाया और समाज के सामने खड़ी रहीं।
यह कहानी हमें सिखाती है कि प्यार और आत्मसम्मान के लिए संघर्ष करते हुए किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है। हेमा मालिनी ने यह साबित कर दिया कि चाहे कुछ भी हो, हमें अपने जीवन के निर्णय अपने हिसाब से लेने चाहिए, क्योंकि अंत में केवल हमारी खुशी मायने रखती है।