मौसमी चटर्जी: बॉलीवुड की रंगीन दुनिया में जहां अधिकांश एक्ट्रेस अपने करियर के शिखर पर पहुंचने के बाद शादी करती हैं, वहीं कुछ कलाकार ऐसे भी हैं जिन्होंने पारंपरिक रास्तों से अलग हटकर अपनी पहचान बनाई। ऐसी ही एक अभिनेत्री हैं मौसमी चटर्जी, जिन्होंने बॉलीवुड में कदम शादी के बाद रखा और बहुत ही कम समय में अपनी खास जगह बना ली। मौसमी चटर्जी का नाम 70 के दशक की उन अभिनेत्रियों में शुमार होता है, जिन्होंने अपने अद्वितीय अभिनय और आकर्षक व्यक्तित्व से दर्शकों के दिलों में जगह बनाई।

प्रारंभिक जीवन और शादी
मौसमी चटर्जी का जन्म 1953 में हुआ था और बहुत ही कम उम्र में उनकी शादी संगीतकार हेमंत कुमार के बेटे जयंत मुखर्जी से हो गई। आमतौर पर बॉलीवुड की अभिनेत्रियां अपने करियर की शुरुआत शादी से पहले करती हैं, लेकिन मौसमी ने एक अलग रास्ता चुना। शादी के बाद उन्होंने अपने जीवन को नए सिरे से संवारते हुए अभिनय की दुनिया में कदम रखा। उनकी यह शुरुआत एकदम साधारण नहीं थी, क्योंकि शादी के बाद घर-परिवार की जिम्मेदारियां भी थीं, लेकिन मौसमी ने यह साबित किया कि शादी और करियर को एक साथ निभाया जा सकता है।
फिल्मी करियर की शुरुआत
मौसमी चटर्जी ने 1972 में फिल्म ‘अनुराग’ से बॉलीवुड में कदम रखा। यह फिल्म उस समय काफी चर्चित हुई और मौसमी की मासूमियत और अभिनय ने दर्शकों का दिल जीत लिया। ‘अनुराग’ में मौसमी ने एक अंधी लड़की का किरदार निभाया था, जिसने अपनी गंभीर अभिनय क्षमता को साबित किया। इस फिल्म के लिए उन्हें बहुत सराहना मिली और उनका करियर तेजी से आगे बढ़ा।
उनकी अदाकारी में एक खास तरह की सादगी और मासूमियत थी, जो उस दौर की अन्य अभिनेत्रियों से उन्हें अलग बनाती थी। फिल्म ‘अनुराग’ में उनकी सादगी और गहराई ने उन्हें दर्शकों का प्रिय बना दिया और वे बहुत जल्द ही बॉलीवुड की मुख्यधारा में शामिल हो गईं।
मौसमी और देवानंद
मौसमी चटर्जी की फिल्मी यात्रा में एक दिलचस्प किस्सा यह है कि वे अभिनेता देवानंद पर पूरी तरह से फिदा थीं। मौसमी ने अपने एक इंटरव्यू में खुलासा किया था कि वह देवानंद की बड़ी प्रशंसक थीं और उन्हें बहुत पसंद करती थीं। देवानंद का चार्म और उनकी शख्सियत ने उस दौर की कई अभिनेत्रियों को प्रभावित किया, और मौसमी भी उनमें से एक थीं। देवानंद उस दौर के सबसे आकर्षक अभिनेताओं में से एक थे, जिनकी अदाकारी और व्यक्तित्व ने लाखों दिलों को जीता था, और मौसमी खुद भी उनसे अछूती नहीं रहीं।

जितेंद्र और विनोद खन्ना के साथ काम
मौसमी चटर्जी ने अपने करियर में बॉलीवुड के कई बड़े सितारों के साथ काम किया। उनकी जोड़ी अभिनेता जितेंद्र के साथ काफी लोकप्रिय हुई। दोनों ने साथ में कई हिट फिल्में दीं, जिनमें से ‘मांग भरो सजना’ जैसी फिल्में आज भी दर्शकों के दिलों में बसी हुई हैं। मौसमी और जितेंद्र की केमिस्ट्री पर्दे पर खूब सराही गई और इनकी जोड़ी ने बॉक्स ऑफिस पर भी धमाल मचाया।
इसके अलावा, मौसमी ने विनोद खन्ना के साथ भी काम किया, जिनके साथ उनकी जोड़ी बहुत सराही गई। मौसमी ने अपने एक इंटरव्यू में खुलासा किया था कि वह विनोद खन्ना को बॉलीवुड का सबसे हैंडसम अभिनेता मानती थीं। उनका कहना था कि विनोद खन्ना के जैसे आकर्षक लुक्स और हीरो जैसी शख्सियत उस दौर के किसी भी अभिनेता में नहीं थी। विनोद खन्ना का स्टाइल, उनकी अदाकारी और उनका व्यक्तित्व फिल्मी दुनिया में उन्हें एक खास स्थान दिलाता था, और मौसमी भी उनकी प्रशंसक थीं।
कुछ यादगार फिल्में
मौसमी चटर्जी का करियर कई हिट फिल्मों से सजा हुआ है। उन्होंने ‘अनुराग’, ‘अंगूर’, ‘स्वयंवर’, ‘रोटी कपड़ा और मकान’, ‘मंजिल’ और ‘सबसे बड़ा रुपैया’ जैसी कई फिल्मों में अपने शानदार अभिनय से दर्शकों का मन मोहा।
फिल्म ‘अंगूर’ में उनके अभिनय को खासतौर पर सराहा गया, जिसमें उन्होंने एक कॉमिक रोल निभाया था। गुलजार द्वारा निर्देशित इस फिल्म में मौसमी का कॉमिक टाइमिंग बेहतरीन थी और उनके किरदार को दर्शकों ने खूब पसंद किया।
फिल्म ‘रोटी कपड़ा और मकान’ में उन्होंने एक गंभीर भूमिका निभाई, जहां उनकी अभिनय की गहराई और संवेदनशीलता ने दर्शकों को प्रभावित किया। मौसमी ने अपने करियर में हर तरह के किरदार निभाए, और हर बार वह अपनी परफॉर्मेंस से दर्शकों का दिल जीतने में कामयाब रहीं।

राजनीति में कदम
मौसमी चटर्जी ने फिल्मों के अलावा राजनीति में भी अपना हाथ आजमाया। उन्होंने 2004 में कांग्रेस पार्टी के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा। हालांकि, राजनीति में वह उतनी सफल नहीं हो पाईं जितनी फिल्मों में थीं, लेकिन उन्होंने यह साबित किया कि वह सिर्फ एक अभिनेत्री ही नहीं, बल्कि एक सामाजिक और राजनीतिक जिम्मेदारी भी निभाने को तैयार हैं।
मौसमी का सशक्त व्यक्तित्व
मौसमी चटर्जी का फिल्मी करियर और उनकी निजी जिंदगी दोनों ही बहुत प्रेरणादायक हैं। एक ऐसी महिला जिसने शादी के बाद फिल्मों में कदम रखा और फिर भी इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाई, वह निश्चित रूप से तारीफ की हकदार है। उन्होंने साबित किया कि शादी किसी महिला के करियर में बाधा नहीं होती, बल्कि सही संतुलन से परिवार और करियर दोनों को सफलता से निभाया जा सकता है।
मौसमी ने अपनी प्रतिभा से बॉलीवुड में जो मुकाम हासिल किया, वह काबिले तारीफ है। उन्होंने शादी और परिवार की जिम्मेदारियों के बावजूद अपने सपनों को पूरा किया और बॉलीवुड के सबसे बड़े सितारों के साथ काम किया। उनकी कहानी आज की पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा है कि कठिनाइयों के बावजूद अगर आपके पास जुनून और दृढ़ संकल्प हो, तो आप कुछ भी हासिल कर सकते हैं।
मौसमी चटर्जी की फिल्मी यात्रा सिर्फ एक अभिनेत्री के करियर की कहानी नहीं है, बल्कि यह उस साहस और दृढ़ता की भी कहानी है, जो उन्होंने अपने निजी जीवन और पेशेवर जीवन में दिखाया। देवानंद पर फिदा यह अभिनेत्री, जिसने शादी के बाद बॉलीवुड में कदम रखा और अपनी छाप छोड़ी, हमें यह सिखाती है कि मेहनत, समर्पण और अपने सपनों के प्रति विश्वास से कुछ भी असंभव नहीं है।