फोर्ब्स की भारत के टॉप टेन अमीरों की लिस्ट (Forbes Billionaires List 2024) में देश की सबसे बड़ी रियल एस्टेट कंपनी डीएलएफ के मानद अध्यक्ष कुशल पाल सिंह (KP Singh DLF) भी शामिल हो गए हैं. वे केपी सिंह के नाम से मशहूर हैं. भारत के धनकुबेरों की सूची में 20.9 अरब डालर (KP Singh Net Worth) की संपत्ति के साथ कुशल पाल सिंह 7वें पायदान पर हैं. डीएलएफ लिमिटेड को बुलंदियों पर पहुंचाने में कुशल पाल सिंह का अहम योगदान है. कंपनी को उनके ससुर चौधरी राघवेंद्र सिंह ने साल 1946 में शुरू किया था. कुछ साल सेना में काम करने के बाद के.पी. सिंह ने 1961 में डीएलफ ज्वाइन किया था.
साल 2020 में उन्होंने डीएलएफ का अध्यक्ष पद छोड़ दिया था. पिछले साल उन्होंने यह कहकर सबको चौंका दिया था कि उन्हें 91 साल की उम्र में दोबारा प्यार हो गया है. केपी सिंह को रियल एस्टेट सेक्टर का बाजीगर कहा जाता है. आज, डीएलएफ 15 राज्यों और 24 शहरों में आवासीय, वाणिज्यिक और खुदरा संपत्तियों के साथ भारत में सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध सबसे बड़ी रियल एस्टेट कंपनी है. 1985 में डीएलएफ ने केपी सिंह की अगुवाई में गुरुग्राम (तब गुड़गांव) में अपना कारोबार फैलाना शुरू किया. कुछ वर्षों बाद ही शहर का कायाकल्प हो गया.
पिता थे वकील
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में मशहूर वकील चौधरी मुख्तार सिंह के घर में कुशल पाल सिंह का जन्म हुआ था. मेरठ से ग्रेजुएशन करने के बाद के.पी. सिंह ने इंग्लैंड से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की. पढ़ाई के बाद ही उनका चयन ब्रिटिश ऑफिसर सर्विस सिलेक्शन बोर्ड के माध्यम से भारतीय आर्मी में हुआ. कुछ वर्षों तक उन्होंने सेना में काम किया.
1961 में छोड़ी सेना की नौकरी
साल 1961 में केपी सिंह ने सेना की नौकरी छोड़ दी और अपने ससुर राघवेंद्र सिंह की कंपनी डीएलएफ लिमिटेड में काम करना शुरू कर दिया. राघवेंद्र सिंह ने डीएलएफ की स्थापना 1946 में की थी. डीएलफ ने शुरुआत में दिल्ली में 22 अर्बन कॉलोनियां विकसित की.
डीएलएफ को पहुंचाया बुलंदियों पर
डीएलएफ लिमिटेड को बुलंदियों पर पहुंचाने में केपी सिंह का ही हाथ है. सिंह ने पहले 1960 में अमेरिकन यूनिवर्सल इलेक्ट्रिक के लिए काम किया था. साल 1979 में केपी सिंह ने अमेरिकन यूनिवर्सल इलेक्ट्रिी का डीएलएफ यूनिवर्सल लिमिटेड में विलय करवा लिया. इस विलय के बाद वे अपने ससुर चौधरी रघुवेंद्र सिंह के स्थान पर कंपनी के एमडी बने. केपी सिंह ने गुरुगाम में किसानों से बड़े पैमाने पर जमीनें खरीदकर डीएलएफ सिटी का निर्माण कराया. लगभग पचास साल तक कंपनी के चेयरमैन के रूप में काम किया. उन्होंने अपने पद से साल 2020 में इस्तीफा दे दिया. अब उनके बेटे राजीव कंपनी के चेयरमैन हैं.
91 साल की उम्र में हुआ प्यार
पिछले साल केपी सिंह उस समय चर्चा में आ गए जब उन्होंने खुलासा किया कि उन्हें 91 साल की उम्र में दोबारा प्यार हुआ है. CNBC-TV18 को दिए इंटरव्यू में केपी सिंह ने बताया की पत्नी की मौत के बाद से जीवन लंबे समय तक अकेले रहने के बाद अब उनके जीवन में महिला की एंट्री हुई है. उनकी पार्टनर का नाम शीना है. केपी सिंह की पहली पत्नी का कैंसर के चलते 65 साल की उम्र में निधन हो गया था.