यह वाकया दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के टर्मिनल थ्री का है. टर्मिनल थ्री के इन-लाइन बैगेज सिस्टम में तैनात डायल सिक्योरिटी को अचनाक एक्स-रे की स्क्रीन पर एक ऐसी चीज नजर आती है, जिसे देखकर वह सिर से पैर तक कांप जाता है. आनन-फानन वह इसकी जानकारी एयरपोर्ट के आला अधिकारियों को देता है.
सूचना मिलते ही सेंट्रल इंडस्ट्रिल सिक्योरिटी फोर्स (सीआईएसएफ), डायल सिक्योरिटी, कस्टम सहित एयरलाइंस के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंच जाते हैं. एक्स-रे स्क्रीन पर नजर आ रही इस इमेज को देखकर ये सभी अधिकारी भी कुछ देर के लिए सकते में आ जाते हैं. इसके बाद, उस यात्री की तलाश शुरू की जाती है, जिसके नाम से यह बैगेज चेक-इन किया गया था.
जांच में पता चलता है कि यह बैगेज पलजीत सिंह पॉल लालवानी नाम के यात्री का है. पलजीत सिंह मूल रूप से अमेरिकी नागरिक हैं और वह एयर इंडिया की फ्लाइट एआई-101 से न्यूयार्क के लिए रवाना होने वाले थे. सीआईएसएफ और कस्टम की देखरेख में एयर इंडिया के अधिकारी पलजीत सिंह को विमान से ऑफ लोड कर बैगेज मेकअप एरिया में पहुंचते हैं.
बैगेज खुलते ही खुली रह गईं सबकी आंखें
पलजीत सिंह के मौके पर पहुंचने के बाद सभी एजेंसियों की मौजूदगी में काले रंग का सैमसोनाइट बैग खोला जाता है. जिसके भीतर से एक बड़े सींगों वाली खोपड़ी निकलती है. वहीं, जब पलजीत सिंह से इस बारे में पूछा जाता है तो वह इसका कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाते हैं. जिसके बाद, कस्टम एक्ट 1962 की धारा 110 के तहत पलजीत सिंह को गिरफ्तार कर लिया जाता है.
खोपड़ी की जांच में हुआ एक नया खुलासा
वहीं, वाइल्ड लाइफ डिपार्टमेंट के अधिकारियों की मदद से सींगों वाली इस खोपड़ी की पहचान हिरण की खोपड़ी के तौर पर की गई. इस खुलासे के बाद आरोपी पलजीत सिंह को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया. सुनवाई के बाद कोर्ट ने आरोपी पलजीत सिंह को जमानत पर रिहा तो कर दिया, लेकिन कस्टम सहित कुछ अन्य विभागों के लिए नए सख्त निर्देश जारी किए.