ना पिएं डिब्बाबंद जूस, सेहत को करता है नुकसान

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बहुत से लोग ऐसे हैं, जो डिब्बाबंद जूस का इस्तेमाल ज्यादा करते हैं. लेकिन अगर डिब्बाबंद जूस की बजाए ताजे फलों का सेवन किया जाए, तो बेस्ट है. क्योंकि यह पैक्ड जूस आपकी सेहत को फायदे की बजाय नुकसान पहुंचाता है. दरअसल, फलों में प्राकृतिक मिठास और रंग होता है, इसलिए इसमें अलग से मिठास और रंग देने वाली चीजों को मिलाने की जरूरत नहीं होती.

डॉक्टर सेजल रस्तोगी ने लोकल 18 से बात करते हुए बताया कि डिब्बे वाले जूस में ज्यादा मीठापन होता है. जो स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है. अक्सर छोटे बच्चे और बुजुर्ग लोग डिब्बे वाला जूस पीते हैं. जिसमें शुगर की मात्रा बढ़ी होती है जो स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है. इससे कम उम्र में मोटापे जैसी अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. पोषक तत्वों में कमी आ जाती है, जिससे आपका वजन बढ़ सकता है.

इस जूस का ना करें सेवन
डाक्टर सेजल ने आगे बताया कि प्राकृतिक फल और सब्जियों की तुलना में यह डिब्बाबंद जूस तेजी से वजन बढ़ाता है. इन डिब्बाबंद जूस का सेवन ना करें क्योंकि ये जूस रिफाइंड शुगर से बने होते हैं. जो डायबिटिक लोगों के लिए ठीक नहीं है. भले ही इसमें शुगर फ्री की सूचना दी गई हो तब भी डायबिटीज मरीजों को इनसे परहेज करना चाहिए. लंबे समय तक सुरक्षित और कलर देने के लिए कृत्रिम रंगों का इस्तेमाल किया जाता हैं. कई बार ये रंग सेहत के लिए नुकसानदायक साबित हो सकते हैं.

कृत्रिम मिठास का इस्तेमाल
उन्होंने कहा कि नाशपाती, सेब, चेरी जैसे कुछ फलों में सॉर्बिटॉल जैसी शुगर मौजूद होती है, जो आसानी से पचती नहीं और पेट में गैस, दस्त और डायरिया जैसी परेशानी सामने ला सकती है. सॉर्बिटॉल एक कार्बनिक अल्कोहल है जो चीनी या मिठास के लिए खाने और टूथपेस्ट जैसी चीजों में इस्तेमाल किया जाता है. इस कृत्रिम मिठास का इस्तेमाल आजकल बहुत सी चीजों में हो रहा है.

एसिडिटी से दिलाता है राहत
वहीं, डॉक्टर सेजल ने बताया कि उनकी जगह पर गर्मियों में ज्यादा से ज्यादा ताजे फल और उनका जूस लस्सी आदि का सेवन किया तो अच्छा रहता है. कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित और एसिडिटी से राहत दिलाने में छाछ का इस्तेमाल कर सकते हैं.

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