जब भी आप टूथपेस्ट खरीदते हैं और बाजार में सैकड़ों ब्रांड के टूथपेस्ट मिलते हैं तो पक्का आपके भी मन में ये सवाल आता होगा कि इनमें से कौन सा टूथपेस्ट बेस्ट है जो दांतों को दूध सा चमका दे? आखिर कौन सा टूथपेस्ट खरीदा जाए कि बड़ों के साथ-साथ बच्चों के दांतों के लिए भी अच्छा हो? हालांकि इन तमाम सवालों के बाद आप अक्सर बदल-बदल कर टूथपेस्ट घर लाते होंगे क्योंकि ज्यादातर लोग यही करते हैं. वहीं कुछ लोग स्वाद के आधार पर भी टूथपेस्ट खरीदकर लाते हैं. लेकिन डेंटल एक्सपर्ट कहते हैं कि सबसे अच्छा टूथपेस्ट कौन सा है, इसकी पहचान आसानी से की जा सकती है. अगर आप ऐसा कर लेते हैं तो पक्का आपके दांतों की हेल्थ अच्छी रह सकती है.
डेंटल एक्सपर्ट की मानें तो बेस्ट टूथपेस्ट स्वाद पर नहीं बल्कि उसमें मौजूद सामग्री पर निर्भर करता है. जब भी आप टूथपेस्ट खरीदने जाएं तो उसके कलर, कीमत, स्वाद या बाहरी तौर पर दिखाए जा रहे मसालों पर न जाएं. आजकल टूथपेस्ट के सैकड़ों ब्रांड के अलग-अलग फ्लेवरों में आ रहे हैं और सभी कुछ न कुछ दावा कर रहे होते हैं. इसलिए नोएडा में जेबिस डेंटल सॉल्यूशन की फाउंडर और पूर्व सीनियर कंसल्टेंट फॉर्टिस अस्पताल, डॉ. लिबि सिंह से जानते हैं..
कैसे खरीदें बेस्ट टूथपेस्ट?
डॉ. लिबि कहती हैं कि जब भी आप टूथपेस्ट खरीदें तो उसमें पीपीएम देखें कि कितना है. यह दरअसल टूथपेस्ट में फ्लोराइड यानि सोडियम फ्लोराइड की मात्रा को बताता है. सामान्य व्यस्क के दांतों के लिए बेस्ट टूथपेस्ट वह है जिसमें फ्लोराइड की मात्रा कम हो. यानि अगर आपका टूथपेस्ट 1500 पीपीएम यानि पार्ट्स पर मिलियन से नीचे फ्लोराइड वाला है तो वह आपके दांतों के लिए सुरक्षित है.
टूथपेस्ट में फ्लोराइड कंटेंट के अलावा यह देखना भी जरूरी है कि वह दरदरा न हो और सोडियम लॉरियल सल्फेट फ्री हो वह सबसे बेस्ट टूथपेस्ट है. दरदरापन दांतों के लिए नुकसानदेह होता है.
बच्चों के लिए कौन सा टूथपेस्ट है बेस्ट?
बच्चों की बात की जाए तो इनके मसूड़े और दांत दोनों ही कोमल होते हैं, इनके लिए ज्यादा सावधानी की जरूरत होती है. ऐसे में बच्चों के लिए कोशिश करें कि 1000 पीपीएम से कम मात्रा वाला ही टूथपेस्ट लें. बच्चों के लिए 500 पीपीएम की मात्रा सर्वश्रेष्ठ है.
कई टूथपेस्ट ज्यादा पीपीएम को बताते हैं बेस्ट?
डॉ. लिबि बताती हैं कि कई टूथपेस्ट में पीपीएम की मात्रा बहुत ज्यादा होती है. ऐसा अक्सर मेडिकेटेड टूथपेस्ट में होता है. जैसे सेंसोडाइन. अगर कोई पेस्ट खास किसी परेशानी को ठीक करने के लिए बनाया गया है तो उसमें पीपीएम की मात्रा ज्यादा हो सकती है. जैसे दांतों की स्केलिंग या प्लाक की क्लीनिंग कराने के बाद सेंसिटिविटी को कम करने के लिए 15-20 दिन तक इसे करने की सलाह दी जाती है. हालांकि इससे ज्यादा दिन तक ज्यादा पीपीएम वाला टूथपेस्ट दांतों को नुकसान पहुंचा सकता है.
ज्यादा पीपीएम से क्या होता है नुकसान ?
पेस्ट में अगर फ्लोराइड कंटेंट ज्यादा होता है तो व्यक्ति को फ्लोरोसिस होने की संभावना बढ़ जाती है. दांतों में पैचेस हो सकते हैं. दरदरापन होने से मसूढ़ों और दांतों दोनों को नुकसान होता है. मसूढ़ों से खून आ सकता है. दांत सेंसिटिव हो सकते हैं.