गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार के कुलपति प्रो. बलदेव राज काम्बोज ने कहा है कि योग भारत की संस्कृति ही नहीं, बल्कि एक विज्ञान भी है।

गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार के कुलपति प्रो. बलदेव राज काम्बोज ने कहा है कि योग भारत की संस्कृति ही नहीं, बल्कि एक विज्ञान भी है।

 जून 21, 2022
 योग को जीवन का सार है।  योग भारतीय धर्म, दर्शन, अध्यात्म, संस्कृति एवं सभ्यता का मूल तत्व है।  योगी होना हमारे पूर्वजों ने जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि माना है।  कुलपति प्रो. काम्बोज विश्वविद्यालय के फिजियोथेरेपी विभाग के तत्वाधान में आठवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में 15 दिवसीय योग शिविर के समापन समारोह को बतौर मुख्यातिथि सम्बोधित कर रहे थे।  विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. अवनीश वर्मा समारोह के मुख्य वक्ता थे।
प्रो. बलदेव राज काम्बोज ने कहा कि योग एक पूर्ण चिकित्सा पद्धति है एवं एक पूर्ण आध्यात्म विद्या भी है।  योग की लोकप्रियता का रहस्य यह है कि यह लिंग, जाति, वर्ग, संप्रदाय, क्षेत्र एवं भाषा, भेद की संकीर्णताओं से कभी आबद्ध नहीं रहा है।  साधक, चिंतक, वैरागी, अभ्यासी, ब्रह्मचारी, गृहस्थ कोई भी इसका सानिध्य प्राप्त कर लाभान्वित हो सकता है।  व्यक्ति निर्माण और उत्थान में ही नहीं, बल्कि परिवार, समाज, राष्ट्र और विश्व के बहुमुखी विकास में भी योग  उपयोगी सिद्ध हुआ है। प्रो. काम्बोज ने इस अवसर पर योगाभ्यास भी किया तथा उपस्थित योग प्रशिक्षकों व प्रशिक्षार्थियों को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुभकामनाएं प्रेषित की।
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कुलसचिव प्रो. अवनीश वर्मा ने योग के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए स्वास्थ्य साधना को जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में प्रभावी बताया।  विशेष रूप से अष्ठांग योग के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि महर्षि पतंजलि के अनुसार चित्त की वृत्तियों के निरोध का नाम योग है योगश्चितवृत्तिनिरोध:।  महर्षि पतंजलि के अनुसार अष्ठांग योग के अंतर्गत प्रथम पांच अंग यम, नियम, आसन, प्राणायाम तथा प्रत्याहार ‘बहिरंग’ और शेष तीन अंग धारणा, ध्यान, समाधि ‘अंतरंग’ नाम से प्रसिद्ध हैं।
समापन समारोह में शिविर में हुई रंगोली, प्रश्नोत्तरी व पोस्टर प्रतियोगिता के विजेताओं को प्रमाण पत्र व खेलो इंडिया प्रतियोगिता में राष्ट्रीय स्तर पर तीसरा पुरस्कार जीतकर आई टीम को भी सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया।  समापन समारोह में उपस्थित प्राध्यापकों के साथ कुलसचिव प्रो. अवनीश वर्मा ने भी योगाभ्यास किया तथा एमएससी योग के विद्यार्थियों ने योगासनों का प्रदर्शन किया।
विभाग की अध्यक्षा डा. शबनम जोशी ने आए हुए सभी अतिथियों का स्वागत किया।  समापन सत्र में डा. जसप्रीत कौर ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा।  इस अवसर पर सहायक प्राध्यापिका निहारिका सिंह रोजडिया ने योग प्रोटोकोल का सामान्य अभ्यास करवाया।  मंच संचालन सहायक प्राध्यापक डा. नवीन कौशिक ने किया।  योगाचार्य मानव कुमार ने मुख्य वक्ता कुलसचिव प्रो. अवनीश वर्मा की योग उपलब्धियों से अवगत करवाया।  योग दिवस के उपलक्ष्य में 15 दिवसीय योग शिविर गत 7 जून से चल रहा था, जिसके अंतर्गत प्रतिदिन विभिन्न योगिक गतिविधियां संचालित की जा रही थी।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के शैक्षणिक मामलों के अधिष्ठाता प्रो. हरभजन बंसल, प्रोक्टर प्रो. वी.के. बिश्नोई, मेडिकल साईंस संकाय की डीन प्रो. नीरू वासुदेवा, डा. मनोज मलिक, डा. कालिन्दी, योगाचार्य प्रकाश, डा. मीनाक्षी भाटिया, विश्वविद्यालय के शिक्षक, गैरशिक्षक कमीचारी, सैकड़ों छात्र-छात्राएं व शहर के गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित रहे।
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