पृथ्वी थिएटर : कलाकारों का मक्का और कपूर परिवार की धरोहर

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मुंबई के फेमस जुहू बीच के पीछे, प्राइम लोकेशन पर स्थित पृथ्वी थिएटर एक ऐसा स्थल है जिसे थिएटर आर्टिस्ट मक्का मानते हैं। 1944 में भारतीय सिनेमा और रंगमंच के स्तंभकार कहे जाने वाले अभिनेता पृथ्वीराज कपूर ने इसकी नींव रखी थी। यह थिएटर उन कलाकारों के लिए महत्वपूर्ण स्थान बन चुका है जो नाटकों और प्ले के माध्यम से अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं।

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पृथ्वी थिएटर का इतिहास

पृथ्वी थिएटर की स्थापना एक अभिनेता के रूप में पृथ्वीराज कपूर के योगदान का प्रतीक है। हालांकि, इसका निर्माण पृथ्वीराज कपूर के सबसे छोटे बेटे शशि कपूर ने किया। थिएटर की इमारत को स्थापित करने का मुख्य उद्देश्य थिएटर को जीवंत और सजीव रखना था, ताकि नए कलाकारों को मंच मिल सके और दर्शकों को थिएटर का सच्चा अनुभव प्राप्त हो सके।

कपूर परिवार का योगदान

शशि कपूर और उनकी पत्नी जेनिफर कपूर ने इस थिएटर को एक धरोहर के रूप में संजोया। वर्तमान में, शशि कपूर के बेटे कुणाल कपूर इसका पूरा प्रबंधन देखते हैं। कुणाल कपूर और उनके परिवार ने इस थिएटर को सिर्फ एक व्यवसाय के रूप में नहीं, बल्कि एक कला धरोहर के रूप में सहेजा है। यहाँ का टिकट रेट बहुत सस्ता है, जिसकी वजह से थिएटर को ज्यादा कमाई नहीं हो पाती। फिर भी, कपूर परिवार इसे बेचने की बजाय इसे कलाकारों के लिए एक मंच बनाए रखना चाहते हैं।

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थिएटर की विशेषताएं

190 सीटों की कैपेसिटी वाला यह थिएटर हफ्ते के 6 दिन हाउसफुल रहता है। यहाँ पर हर वक्त कलाकारों का जमावड़ा रहता है, जो अपने नाटकों और प्ले के माध्यम से दर्शकों का मनोरंजन करते हैं। पृथ्वी थिएटर की एक खास बात यह है कि यहाँ का माहौल बहुत ही पारिवारिक और अपनत्व भरा होता है। यहाँ के लोग एक दूसरे की मदद करते हैं और नए कलाकारों को आगे बढ़ने में सहयोग करते हैं।

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अनुराग कश्यप का सफर

अनुराग कश्यप, जो आज भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के एक बड़े फिल्ममेकर माने जाते हैं, उन्होंने भी अपने करियर की शुरुआत पृथ्वी थिएटर से की थी। वे यहाँ छोटे-मोटे रोल करते थे और वेटर का काम भी किया करते थे। उन्होंने यहाँ कुर्सियों पर सोते हुए भी अपने सपनों को जिया और आज वे एक सफल फिल्ममेकर बन चुके हैं। अनुराग कश्यप की कहानी इस बात का प्रमाण है कि अगर आपके सपने बड़े हैं और आपमें मेहनत और संघर्ष की ताकत है, तो सफलता जरूर मिलती है।

कलाकारों के लिए मक्का

पृथ्वी थिएटर उन कलाकारों के लिए मक्का है जो अपनी कला को दुनिया के सामने प्रस्तुत करना चाहते हैं। यहाँ हर उम्र और हर वर्ग के कलाकार आते हैं और अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं। पृथ्वी थिएटर एक ऐसा मंच है जहाँ नए कलाकारों को अवसर मिलता है और वे अपनी कला को निखार सकते हैं। यहाँ पर आने वाले कलाकारों को एक परिवार जैसा माहौल मिलता है, जो उन्हें आगे बढ़ने में सहायता करता है।

थिएटर का भविष्य

कपूर परिवार ने यह सुनिश्चित किया है कि पृथ्वी थिएटर को हमेशा एक कला धरोहर के रूप में संजोया जाएगा। यह थिएटर सिर्फ एक इमारत नहीं, बल्कि एक विचारधारा है, जो कला और कलाकारों के प्रति सम्मान और प्रेम को दर्शाता है। पृथ्वी थिएटर का भविष्य उज्ज्वल है और यह हमेशा कलाकारों के लिए प्रेरणा स्रोत बना रहेगा।

पृथ्वी थिएटर भारतीय थिएटर के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह कलाकारों के लिए एक पवित्र स्थल है, जहाँ वे अपनी कला का प्रदर्शन कर सकते हैं और दर्शकों के दिलों में अपनी जगह बना सकते हैं। कपूर परिवार का यह योगदान न केवल भारतीय थिएटर के लिए, बल्कि समस्त कला जगत के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण है। पृथ्वी थिएटर की यह यात्रा हमें यह सिखाती है कि कला और कलाकारों के प्रति सच्ची श्रद्धा और सम्मान से ही कला का सच्चा विकास हो सकता है।

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