बचपन की यादें
बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता जैकी श्रॉफ का नाम हर किसी की जुबान पर है। उनकी अदाकारी और charisma ने उन्हें एक खास पहचान दिलाई है। लेकिन उनके जीवन की एक ऐसी कहानी है जो उनके दिल के बेहद करीब है—उनकी मां की कहानी। जैकी ने हाल ही में एक इंटरव्यू में अपनी मां को खोने का दर्द साझा किया, जो न केवल उनके लिए बल्कि हर व्यक्ति के लिए एक महत्वपूर्ण सबक है।
जब जैकी केवल 8-9 साल के थे, तब उनकी मां उनकी हर खांसी पर उठकर देखती थीं। जैकी के शब्दों में, “जब मैं खांसता था, तो मेरी मां तुरंत उठ जाती थीं और पूछती थीं, ‘क्या हुआ बेटा, ठीक तो है न?'” यह मां-बेटे का रिश्ता सिर्फ खांसी तक ही सीमित नहीं था; यह एक गहरा और अनमोल बंधन था।
धन कमाने का अनुभव
जैकी श्रॉफ ने अपनी मेहनत से काफी धन कमाया। एक समय था जब वह अपने परिवार के लिए एक बेहतर जीवन सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने अपने लिए एक बेडरूम बनवाया, जिससे उन्हें गर्व था कि उन्होंने अपनी मां को एक बेहतर जीवन दिया है। लेकिन इस खुशी के पीछे एक गहरी सोच छिपी थी।
जैकी श्रॉफ ने कहा, “मैंने पैसे कमा लिए और दीवारें खड़ी हो गईं। मैंने अपनी मां को एक बेडरूम दिया, लेकिन हमारे बीच एक दीवार खड़ी हो गई।” यह दीवार केवल एक भौतिक दीवार नहीं थी, बल्कि यह उनके रिश्ते की नजदीकियों में आई दूरी का प्रतीक थी।
एक दर्दनाक रात
जैकी श्रॉफ की मां का निधन हार्ट अटैक से हुआ। उस रात जब उनकी मां को हार्ट अटैक आया, तो जैकी को यह एहसास हुआ कि अगर वह उनके पास होते, तो शायद वह उन्हें बचा सकते थे। जैकी ने कहा, “अगर ये दीवारें न होतीं और वो खांसतीं, तो मैं उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाता।”
यह उस समय का दुखद क्षण था जब उन्होंने महसूस किया कि धन कमाना और भौतिक सुख-सुविधाएँ उनकी मां के स्वास्थ्य और उनके रिश्ते को नहीं बचा सकीं। इस घटना ने उन्हें यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि कभी-कभी पैसे और चीज़ों के लिए संघर्ष करने के बजाय, हमें अपने प्रियजनों के साथ समय बिताना चाहिए।
रिश्तों की अहमियत
जैकी का यह बयान न केवल उनके जीवन का एक व्यक्तिगत अनुभव है, बल्कि यह हमें यह सिखाता है कि हमें अपने रिश्तों को प्राथमिकता देनी चाहिए। धन और प्रसिद्धि की दौड़ में हम अक्सर अपने परिवार और प्रियजनों से दूर हो जाते हैं। जैकी की कहानी इस बात का प्रमाण है कि सच्चा सुख और संतोष उन संबंधों में है जो हम बनाते हैं।
उन्होंने यह भी कहा, “रिलेशन तो वही था, लेकिन नजदीकियां, एक दूसरे की सांसों को महसूस करना… यह सब चला गया।” यह एक गहरी भावना है जो दर्शाती है कि हम अपने रिश्तों में नजदीकी बनाए रखें, चाहे हम कितनी भी सफलताएं क्यों न हासिल कर लें।
जैकी श्रॉफ का करियर
जैकी श्रॉफ का करियर 1982 में फिल्म ‘स्वामी दादा’ से शुरू हुआ, लेकिन उन्हें असली पहचान 1983 में आई फिल्म ‘हीरो’ से मिली। इसके बाद उन्होंने कई सुपरहिट फिल्मों में काम किया और बॉलीवुड के सबसे प्रिय अभिनेताओं में से एक बन गए। उनकी अदाकारी और मेहनत ने उन्हें लाखों दिलों में जगह दिलाई है।
वर्तमान में, जैकी श्रॉफ रोहित शेट्टी की फिल्म ‘सिंघम अगेन’ में नजर आने वाले हैं, जो इस दीवाली, 1 नवंबर को रिलीज होने वाली है। यह उनकी बहुप्रतीक्षित फिल्मों में से एक है, और दर्शकों को उनकी एक्टिंग का इंतजार है।
जैकी श्रॉफ की कहानी हमें यह सिखाती है कि जीवन में सबसे महत्वपूर्ण चीजें रिश्ते हैं। जब हम जीवन की कठिनाइयों का सामना कर रहे होते हैं, तब हमें अपने परिवार और दोस्तों के साथ खड़े रहना चाहिए। पैसा कमाना और सफलता प्राप्त करना महत्वपूर्ण है, लेकिन हमारे प्रियजनों के साथ बिताया गया समय और उनके प्रति हमारा प्यार कहीं अधिक मूल्यवान है।
इसलिए, जैकी की मां को याद करते हुए, हमें यह याद रखना चाहिए कि रिश्तों की अहमियत हमेशा धन से ऊपर होती है। हमें अपने प्रियजनों के साथ समय बिताना चाहिए, क्योंकि यही हमारे जीवन का असली सुख है।