एचएयू में डेयरी फार्मिंग के लिए आयोजित वर्चुअल प्रशिक्षण शिविर संपन्न
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के सायना नेहवाल कृषि प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण एवं शिक्षण संस्थान की ओर से आयोजित तीन दिवसीय डेयरी फार्मिंग विषय पर वर्चुअल प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफलतापूर्वक समापन हुआ। यह जानकारी देते हुए संस्थान के सह-निदेशक (प्रशिक्षण) डॉ. अशोक गोदारा ने बताया कि इस प्रशिक्षण के माध्यम से प्रदेश के किसानों व पशुपालकों को डेयरी फार्मिंग व्यवसाय के लिए प्रशिक्षित किया गया ताकि इस व्यवसाय से वे अधिक से अधिक मुनाफा हासिल कर सकें। तीनों दिन प्रशिक्षण में हिस्सा लेने वाले प्रतिभागियों को ई-सर्टिफीकेट प्रदान किए गए। इस कार्यक्रम के सयोजक डॉ. निर्मल कुमार व डॉ. संदीप भाकर रहे। प्रशिक्षण में प्रदेश भर से 100 प्रतिभागी शामिल हुए। डॉ. विजय सनसनवाल ने डेयरी यूनिट लगाने की हरियाणा सरकार के पशु पालन विभाग की ओर से चलाई जा रही विभिन्न स्कीमों के बारे में जानकारी दी। डॉ. अमित पूनियां ने पशुपालकों को सामान्य बीमारियों के सन्दर्भ में गाय व भैंस की शारीरिक सरंचना की जानकारी देते हुए उन्हें पशु के बाहरी लक्षण देख कर समय पर निदान करने के बारे में बताया। डॉ. नीलेश ने पशुओं की बीमारियों और उनका निदान के बारे में बताया। डॉ. सत्यवान व डॉ. रविश ने चारे वाली फसलों का प्रबंध व साइलेज व हे बनाने के तरीके बताए ताकि किसान जब चारे की कमी होती है उस समय खिला कर चारे की कमी को पूरा कर सकें। डॉ. सतीश जांगड़ा ने बैंक का मॉडल प्रोजेक्ट करने व डेयरी यूनिट आसानी से लगाने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी। डॉ. संदीप ने दूध के उत्पाद बना कर इसका मूल्य सवर्धन करने की सलाह दी जिससे किसान अपनी आमदनी में इजाफा कर सकें। डॉ. शालिनी ने दूध के किंडवन करके दही, लस्सी व श्रीखंड को तैयार करने व उनकी महत्ता से अवगत कराया। डॉ. तजीन्द्र ने क्लीन दूध उत्पादन करने, क्लीन दूध उत्पादन के समय व उसके भंडारण दौरान सावधानी बरतने के बारे में विस्तारपूर्वक बताया ताकि किसान दूध ज्यादा समय तक भंडारण कर सकें। डॉ. सुमन बिशनोई ने पनीर, खोया उत्पादन करने के तरीके व उसे अच्छा व स्वादिष्ट बनाने के बारे में बताया। डॉ. महावीर ने गर्भस्थ पशु व शिशु की देखभाल और थनेला रोग के लक्षण व उनके निदानों की जानकारी दी।