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गुजविप्रौवि के स्पीकाथॉन क्लब द्वारा आजादी अमृतमहोत्सव श्रृंखला के अठारहवें संस्करण का हुआ आयोजन

गुजविप्रौवि के स्पीकाथॉन क्लब द्वारा आजादी अमृतमहोत्सव श्रृंखला के अठारहवें संस्करण का हुआ आयोजन
गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार के ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल के मार्गदर्शन में स्पीकाथॉन क्लब द्वारा भारत की आजादी के 75वें वर्ष के उपलक्ष्य में ‘मिश्रित भाषण प्रतियोगिता’ के रूप में ‘आजादी अमृत महोत्सव श्रृंखला’ के 18वें संस्करण का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में विभिन्न विभागों और महाविद्यालयों के विद्यार्थियों ने ऑफलाइन व ऑनलाइन मोड में भाग लिया। विश्वविद्यालय के हरियाणा स्कूल ऑफ बिजनेस के निदेशक प्रो. कर्मपाल नरवाल समारोह के मुख्यातिथि थे। विश्वविद्यालय के पर्यावरण विज्ञान विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ. अनीता व कमल भाषण प्रतियोगिता के निर्णायक थे। प्रतियोगियों ने जिन स्वतंत्रता सेनानियों की जयंती या शहादत दिसंबर माह में होती है, उन स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके जीवन संघर्ष के बारे में चर्चा की।
प्रतिभागी विद्यार्थियों ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए सुचेता कृपलानी के जीवन संघर्ष चर्चा की। सुचेता कृपलानी 1963 से 1967 तक उत्तर प्रदेश सरकार की प्रमुख के रूप में सेवा करने वाली भारत की पहली महिला मुख्यमंत्री थीं। विद्यार्थियों ने पंडित राम प्रसाद बिस्मिल के जीवन पर भी बात की, जिन्हें 1918 में मैनपुरी घटना और 1925 में काकोरी की घटना में, उनकी प्रमुख भूमिका के लिए जाना जाता है। कुछ विद्यार्थियों ने क्रांतिकारी प्रफुल्ल चंद्र चाकी के जीवन को रेखांकित किया, जिन्होंने एक ब्रिटिश विरोधी समूह जुगंतर के सदस्य के रूप में काम किया और कई युवा बंगालियों को भारतीय स्वतंत्रता के संघर्ष में शामिल होने के लिए प्रेरित किया। विद्यार्थियों ने 1932 में कलकत्ता विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह हॉल में बंगाल के राज्यपाल स्टेनली जैक्सन पर गोली चलाने की हिम्मत करने वाले बीना दास के जीवन पर प्रकाश डाला। विद्यार्थियों ने कन्हैया लाल मानेकलाल मुंशी पर बात की, जो उनके कलम नाम घनश्याम व्यास के नाम से प्रसिद्ध थे तथा एक भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन कार्यकर्ता, राजनीतिज्ञ, लेखक और गुजरात राज्य के शिक्षाविद थे। उन्होंने 1938 में एक शैक्षिक ट्रस्ट, भारतीय विद्या भवन की स्थापना की। विद्यार्थियों ने बाल कृष्ण शर्मा के जीवन पर भी अपने विचार व्यक्त किए, जो गणेश शंकर विद्यार्थी के बाद प्रताप दैनिक के संपादक के रूप में सफल हुए और राजभाषा आयोग के सदस्य के रूप में भी कार्य किया। विद्यार्थियों ने चक्रवर्ती राजगोपालाचारी पर बात की जो एक भारतीय वकील, भारतीय स्वतंत्रता कार्यकर्ता, राजनीतिज्ञ, लेखक, राजनीतिज्ञ और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता थे और भारत के अंतिम गवर्नर-जनरल के रूप में कार्यरत थे। प्रतिभागियों ने भारत के आंध्र प्रदेश के कवि और स्वतंत्रता सेनानी गैरीमेल सत्यनारायण के जीवन पर प्रकाश डाला। उन्होंने अपने देशभक्ति गीतों और लेखन से ब्रिटिश राज के खिलाफ आंध्र के लोगों को प्रभावित और लामबंद किया, जिसके लिए उन्हें ब्रिटिश प्रशासन द्वारा कई बार जेल भी जाना पड़ा। कई विद्यार्थियों ने पोट्टी श्रीरामुलु के बारे में बोलना चुना, जो आंध्र क्षेत्र के लिए अपने आत्म-बलिदान के लिए आंध्र क्षेत्र में अमरजीवी (अमर होने) के रूप में प्रतिष्ठित हैं। विद्यार्थियों ने राजेंद्र नाथ लाहिड़ी के बारे में भी बताया जो काकोरी कांड और दक्षिणेश्वर बम विस्फोट के पीछे का मास्टरमाइंड था। वह हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन के सक्रिय सदस्य थे, जिसका उद्देश्य अंग्रेजों को भारत से बाहर करना था।
प्रो. कर्मपाल नरवाल ने मुख्य अतिथि के रूप में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए सभी विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दी और सभी शहीदों को याद किया। उन्होंने सभी विद्यार्थियों को नैतिक मूल्यों पर खरा उतरने का मूल मंत्र दिया। उन्होंने वैश्विक मंच पर खुद को स्थापित करने के लिए सभी को भाषाई बंधन से मुक्त होने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने विद्यार्थियों से अपने विचार व्यक्त करते हुए ‘इरादे, विषय और भावना’ पर काम करने की अपील की।
ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल के सहायक निदेशक डॉ. आदित्यवीर सिंह ने अपने स्वागत सम्बोधन में कहा कि आजादी अमृत महोत्सव श्रृंखला का उद्देश्य गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में ज्ञान देना, विद्यार्थियों को उनके संचार कौशल को बढ़ाने के लिए सार्वजनिक रूप से बोलने का आत्मविश्वास बढ़ाना व मंच देना है। उन्होंने बताया कि डीएन महाविद्यालय की बीएससी द्वितीय वर्ष की छात्रा विधि सचदेवा, एमएससी केमिस्ट्री की प्रथम वर्ष की छात्रा मोनिका सिहाग व एमबीए (आईबी) प्रथम वर्ष के मणिक ने प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार प्राप्त किया। इस अवसर पर पिछली दो स्पर्धाओं के विजेताओं को भी पुरस्कृत किया गया।
क्लब मेंटर डॉ. रंजीत दलाल ने धन्यवाद प्रस्ताव किया। गतिविधि समन्वयक प्रतिभा व राघव ने टीम के अन्य सदस्यों राखी, प्रकाश आदि के साथ कार्यक्रम का प्रभावी ढंग से समन्वय किया। कार्यक्रम का संचालन प्रतिभा ने किया।