टॉयलेट करने के लिए हर दिन सभी वॉशरूम जाते हैं. वेस्टर्न और इंडियन दो तरह के शौचालयों का इस्तेमाल किया जाता है. वैसे, आजकल वेस्टर्न टॉयलेट का चलन काफी बढ़ गया है. हाई राइज बिल्डिंग में तो अब ज्यादातर घरों में आपको कमोड ही देखने को मिलेगा. कुछ लोगों को ये आरामदायक भी लगता है. खासकर, उन्हें जिन्हें घुटनों में तकलीफ हो और वे नीचे नहीं बैठ सकते हैं. आपने गौर किया होगा कि कमोड के फ्लश टैंक से पानी फ्लश करने के लिए आपको बटन प्रेस करना होता है. वहां, एक नहीं बल्कि दो बटन होते हैं. एक बड़ा और दूसरा छोटा बटन होता है. कभी सोचा है कि दो बटन का क्या काम है. फ्लश टैंक पर दो बटन क्यों दिए होते हैं? कौन सा प्रेस करने से क्या होता है, दोनों एक साथ दबा दिया तो क्या होता है? जानते हैं इन्हीं सवालों के जवाब यहां.
फ्लश टैंक में दो बटन क्यों होते हैं?
फ्लश टैंक में दो बटन क्यों होते हैं, इसके बारे में अधिकतर लोगों को जानकारी नहीं होती है. कुछ लोग तो एक साथ दोनों ही बटन को प्रेस कर देते हैं. क्या ऐसा करने से पानी की बर्बादी होती है? आजकल मार्केट में कई तरह के कमोड, टॉयलेट फ्लश मिलते हैं. किसी में सिर्फ एक बटन होता है तो किसी में दो. कुछ सालों पहले टॉयलेट फ्लश में सिर्फ एक ही बटन दिए होते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है. धीरे-धीरे टेक्नोलॉजी बदलती गई और फ्लश टैंक का डिजाइन भी बदला. दरअसल, ऐसे ही दो बटन फ्लश टैंक पर नहीं दिए होते हैं. ये दोनों ही बटन अलग-अलग तरीके से काम करते हैं. इनका सीधा संबंध पानी बचाने को लेकर है.
टॉयलेट का इस्तेमाल करते हुए पानी का खर्च सही से हो, पानी की बर्बादी ना हो, उसी को ध्यान में रखकर ये उपाय किए जा रहे हैं. बड़े बटन को जब आप दबाते हैं तो इसमें प्रति फ्लश 6-7 लीटर पानी का इस्तेमाल होता है. छोटे बटन को प्रेस करते समय इससे कम पानी निकलता है. छोटा बटन प्रेस करने पर 3-4 लीटर पानी खर्च होता है. कई बार पानी निकलने की क्षमता फ्लश टैंक के आकार पर भी निर्भर करता है. अधिक बड़ा टैंक होगा तो पानी दोनों ही बटन में अलग-अलग मात्रा में निकलेगा.
छोटे बटन से पानी की बचत होती है. यदि आप पेशाब करते हैं तो छोटा बटन प्रेस करना चाहिए. लिक्विड वेस्ट को फ्लश करने के लिए आपको छोटा बटन दबाना चाहिए. वहीं, मल त्याग करने के बाद यानी सॉलिड वेस्ट को कमोड से फ्लश करने के लिए बड़े बटन को दबाना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें पानी की जरूरत अधिक होती है. यूरिन को फ्लश करने के लिए कम पानी की जरूरत होती है, इसलिए छोटा बटन दिया होता है.
सिंगल फ्लश टॉयलेट का भी कर सकते हैं यूज
सिंगल फ्लश टॉयलेट डुअल फ्लश टॉयलेट से काफी सस्ता होता है, इसलिए आज भी कई घरों, स्कूल, कॉलेज, ऑफिसेज में ये दिख जाएगा.