60 बरस की उम्र में बनाया बिज़नस प्लान, बनाया ऐसा बिस्कुट की सब चखते रह गए

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जिंदगी के 60 बरस बीत जाने के बाद लोग रिटायरमेंट लेकर चैन से जीवन गुजारना पसंद करते हैं. मगर कृष्णदास पॉल (Krishnadas Paul) ने बुढ़ापे में ऐसा बिजनेस बना दिया, जिसकी वैल्यू आज 2000 करोड़ रुपये से भी अधिक की है. तो यदि आपको भी लगता है कि कुछ कर गुजरने की उम्र बीत चुकी है तो आप अपने आप को कम आंक रहे हैं. कृष्णदास पॉल की सफलता की कहानी आपको नया जोश दे सकती है. चलिए जानते हैं कृष्णदास पॉल ने क्या किया और कैसे इतना बड़ी कंपनी खड़ी कर दी.

कहानी बिलकुल शुरू से शुरू करते हैं. mycorporateinfo.com पर मौजूद जानकारी के अनुसार, कृष्णदास पॉल 11 अगस्त 1943 को पश्चिम बंगाल के एक गांव कमारकिता (Kamarkita) में हुआ था. 1947 में उनके पिता ने एक डिस्ट्रिब्यूशन बिजनेस सेटअप किया और कृष्णदास ने भी बड़े होकर इसी बिजनेस का हिस्सा बने. 1975 तक यह बिजनेस 3 लाख रुपये सालाना कमाई पर टिका था. सबकुछ ठीक चल रहा था, जब तक कि पूरा परिवार एक-साथ था. जैसे ही परिवार का विभाजन हुआ तो बिजनेस भी बंट गया. कृष्णदास पॉल को मिलाकर कुल 5 भाई थे. यहां से चीजें बदलीं और बिगड़ीं.

कृष्णदास पॉल के हिस्से में डिस्ट्रिब्यूशन बिजनेस आया. इसके बाद अगले 26 सालों तक उन्होंने डाबर (Dabur), बॉर्नवीटा (Bournvita) और रैकिट (Rackitt) जैसे ब्रांड्स के लिए काम किया. वे काम तो कर रहे थे, मगर आंतरिक संतुष्टि नहीं थी. वे कुछ अपना करना चाहते थे. इसी चाहत में उन्होंने फैमिली बिजनेस को अलविदा कह दिया.

अपने बच्चों के नाम से बनाई कंपनी
उनकी उम्र 60 साल हो चुकी थी. वितरण का अनुभव तो था, मगर कंपनी चलाने का नहीं. फिर भी कृष्णदास पॉल ने अपनी एक कंपनी बनाई, जिसका नाम रखा एस.ए.जे फूड्स (SAJ Foods). SAJ का कोई विशेष अर्थ नहीं है. ये तीनों अक्षर उन्होंने अपने तीन बच्चों, शर्मिष्ठा (Sharmistha), अर्पण (Arpan), और जयीता (Jayeeta), के नाम के पहले अक्षरों से लिए. इस कंपनी के तहत वे शुगर फ्री बिस्कुट लॉन्च करना चाहते थे. ऐसे में, सन् 2000 में बिस्क फार्म (Bisk Farm) की शुरुआत हुई.

एस.ए.जे फूड्स ने जो अपना पहला प्रोडक्ट बनाया, उसे गुगली (Googly) कहा गया, क्योंकि इसका स्वाद ज़रा अलग था. यह न तो पुराने भारतीय तिलों के बिस्कुट की तरह थे, और न ही फ्रांस के प्रसिद्ध पेटिट बिरे (Petit Beurre) जैसे थे. कृष्णदास पॉल इस बिस्कुट को पूरे देश में पहुंचाना चाहते थे. मगर सफलता अभी दूर थी, तो उनका यह प्लान फेल हो गया.

15 करोड़ का लॉस लेकर भी जुटाई हिम्मत
और जब धंधा फेल होता है तो कई मुसीबतें साथ लेकर आता है. 2004 तक, बिस्क फार्म 15 करोड़ रुपये के नुकसान में थी. कृष्णदास पॉल को लगा कि यह उनके वश की बात नहीं, इसलिए इससे दूर हो जाना चाहिए. फिर जब ठंडे दिमाग से सोचा तो उन्हें लगा कि एक कोशिश और की जानी चाहिए. उन्होंने इस बार पूर्वी भारत (Eastern India) पर फोकस किया और अपना पूरा जोर लगाकर अलग-अलग क्षेत्रीय स्वादों के साथ 7 नए प्रोडक्ट लॉन्च किए.

ब्रिटानिया के मैरी गोल्ड (Marie gold) और बॉरबोन (Bourbon) बिस्कुट मार्केट में जबरदस्त पकड़ बनाए हुए थे. ऐसे में जब SAJ फूड्स ने क्षेत्रीय स्वाद के साथ अपने बिस्कुट उतारे तो बाजार ने हाथों-हाथ लिए. उनके बिस्कुट पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार और ओडिशा में काफी चर्चित हो गए और लोगों की जुबान पर चढ़ गए. धीरे-धीरे पूर्वी भारत में बिस्क फार्म की धाक जमने लगी और लगभग 40% शेयर के साथ यह कंपनी नंबर-2 पर पहुंच गई. 2008 में, कंपनी की सेल 200 करोड़ रुपये तक पहुंच गई थी. कृष्णदास पॉल का अंतिम प्रयास रंग लाया और उनकी गाड़ी दौड़ पड़ी.

बिस्कुट से बेकरी प्रोडक्ट की तरफ
सफलता की सीढ़ी चढ़ने पर बिजनेस के गुर बेहतर हो जाते हैं. कृष्णदास समझ गए थे कि दूसरी कंपनियां भी उनके जैसे स्वाद वाले बिस्कुट बाजार में उतार सकती हैं. ऐसे में उन्होंने 2009 में जस्ट बेक्ड (Just Baked) लॉन्च कर दिया. जस्ट बेक्ड पर चाय के साथ खाए जाने वाले रस्क (Rusks), केक और अन्य बेकरी प्रोडक्ट बेचे गए. 2009 में ऐसे 8 आउटलेट थे, जहां पर बेकरी प्रोडक्ट बिकते थे.

इसके बाद जरूरत थी बिजनेस को मजूबती से स्थापित करने की और फैक्ट्रियां लगाकर ही ऐसा संभव हो सकता था. तो कृष्णदास पॉल ने उलुबेरिया (Uluberia) और संक्रेल (Sankrail) में फैक्ट्रियां लगाईं. इसके बाद असम के सिलिगुड़ी में 4000 टन की कैपेसिटी वाली एक और फैक्ट्री लगाई. इस दौरान उन्होंने एक बात का विशेष ध्यान रखा कि प्रोडक्ट के रेट न बढ़ाए जाएं. अब बारी थी पूर्वी भारत से बाहर निकलने की. उन्होंने तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में 1700 डिस्ट्रिब्यूटर के साथ काम शुरू किया. कुछ समय लगा और बिस्क फार्म (Bisk Farm) पूरे भारत का ब्रांड बन गया. फिलहाल कंपनी के पास कुल 6 प्लांट हैं, जिनमें से 4 पश्चिम बंगाल, एक नागपुर और एक बैंगलुरू में है. इनकी सालाना उत्पादन क्षमता 1.80 लाख टन की है.

SAJ फूड्स की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, आज कंपनी के पोर्टफोलियो में बिस्कुट, केक, कुकीज़, वैफर्स, रस्क, और स्नैक्स शामिल हैं. इन सभी श्रेणियों में अलग-अलग स्वाद के प्रोडक्ट शामिल हैं. कंपनी के सेमी स्वीट बिस्कुट की सीरीज में गुगली, गुगली ट्विस्ट, गुगली सीसेम, रिच मैरी, शुगर फ्री मैरी, पेटिट बिरे, द टॉप, टॉप गोल्ड, टॉप हर्ब्स, टॉप तड़का, आल्मंड थिंज़, मिल्क थिंज़, कॉफी थिंज़, पोटैटो थिंज़ शामिल हैं.

इसी तरह स्वीट बिस्कुट की लिस्ट में चैंप मिल्कुट (Champ Milkuit), चैंप माल्ट, बटर बिस्कोटी, कोको मलाई जैसे बिस्कुटों शुमार हैं. ईट-फिट में ईट-फिट आटा मैरी, डायजेस्टिव, ऐरोरूट (Arrowroot) शामिल हैं. इसी तरह क्रैकर्स, क्रीम, मिनी क्रीम, कुकीज़, रस्किट, केक, क्रीम रोल, वैफर्स, नमकीन, और स्वीट में भी प्रोडक्ट्स की लम्बी फेहरिस्त है. पूरा कैटलॉग आप इस लिंक पर देख सकते हैं – कैटलॉग

अदरक के स्वाद वाला बिस्कुट, रितिक को बनाया ब्रांड एंबेसडर
बिस्क फार्म के मीठे और नमकीन बिस्कुल लोगों का दिल जीत रहे हैं तो जस्ट बेक्ड ने चाय के अधूरेपन को पूरा करने का काम किया है. फिर कंपनी ने अदरक के टेस्ट वाले जस्ट जिंजर (Just Ginger) बिस्कुल उतारे तो लोगों ने इसे खूब पसंद किया. विदेशी कंपनियां ऐसे टेस्ट के बारे में सोच भी नहीं सकती थीं. 2021 में, बिस्क फार्म ने 1250 करोड़ रुपये के रेवेन्यू को छू लिया. इसमें से प्रॉफिट था 104 करोड़ रुपये से कुछ अधिक. पहली बार 100 करोड़ से ऊपर का प्रॉफिट कंपनी के लिए एक मील के पत्थर समान था. 2023 आते-आते बिस्क फार्म ने 2100 करोड़ रुपये की सेल की. पूरे भारत की बात करें तो 4 प्रतिशत की बाजार हिस्सेदारी के साथ यह चौथा सबसे बड़ा ब्रांड बन गया.
30 नवम्बर 2022 को आई खबर के अनुसार, बिस्क फार्म ने बॉलीवुड स्टार रितिक रोशन (Hrithik Roshan) को अपना ब्रांड एंबेसडर बनाया. एक विज्ञापन जारी किया गया, जिसमें रितिक रोशन किसी फिल्म के शॉट के लिए तैयार होते नजर आते हैं. इसी दौरान वे एक बाइक ‘गुगली’ बिस्कुट लेते हैं और उनके शरीर के साथ कुछ अजीब होने लगता है. बिस्कुट खाते ही उनकी बॉडी गजब का डांस करने लगती है. इसके बाद उनका यह वीडियो वायरल होता है और लोग इस वीडियो को लेकर ही रील बनाने लगते हैं. हालांकि यह सब विज्ञापन है, मगर बिस्क फाम के स्वीट और साल्टी फ्लेवर ने काफी ख्याति प्राप्त की है और मार्केट में बिस्कुट को नए सिरे से पारिभाषित किया है.
यही नहीं, उन्होंने पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान सौरव गांगुली को भी विज्ञापन में लिया. 2023 में कंपनी ने सौरव गांगुली के साथ एक क्रिकेट कैंपेन लॉन्च किया. इस कैंपेन में सौरव गांगुली ने अपना ट्रेडमार्क एक्शन (जर्सी लहराने वाला) भी किया. लोगों ने इस विज्ञापन को भी खूब पसंद किया.

क्या है भविष्य की प्लानिंग
अगस्त 2023 में SAJ फूड्स प्रोडक्ट्स की तरफ से एक बयान जारी किया गया, जिसमें कंपनी की भविष्य की योजनाओं के बारे में बताया गया. इसमें कहा गया कि कंपनी वित्त वर्ष 2029 तक 5000 करोड़ के रेवेन्यू को छू लेना चाहती है. कंपनी के बड़े अधिकारियों के हवाले से खबर छपी कि 2029 के बाद ही इसे पब्लिक करने का विचार है. SAJ Foods के मैनेजिंग डायरेक्टर विजय सिंह ने PTI को बताया था कि कंपनी गुवाहाटी में 100 करोड़ रुपये का प्लांट लगा रही है, जिसकी मासिक उत्पादन कैपेसिटी 10,000 टन की होगी. कंपनी ने वित्त वर्ष 2023 में कंपनी ने 2,100 करोड़ रुपये के रेवेन्यू पर क्लोज किया. इसमें नेट इनकम 200 करोड़ रुपये थी. कंपनी मिडिल ईस्ट, अफ्रीका, और साउथ-ईस्ट एशिया में अपने उत्पादों को एक्सपोर्ट करती है, जिससे कंपनी ने वित्त वर्ष 23 में लगभग 50 करोड़ का रेवेन्यू हासिल किया.

बता दें कि कंपनी के संस्थापक कृष्णदास पॉल 2020 में कोरोना महामारी की पहली लहर में दुनिया को अलविदा कह गए थे. फिलहाल यह कंपनी उनके बेटे अर्पण पॉल के हाथ में हैं, जोकि कंपनी में एग्जीक्यूटिव चेयरमैन हैं और उनके दामाद विजय सिंह मैनेजिंग डायरेक्टर हैं.

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