Indian Army has created an app like WhatsApp for itself, PUBG is completely game over in India, read this week’s app update | इंडियन आर्मी ने खुद के लिए बनाया वॉट्सऐप जैसा ऐप तो भारत में पबजी का पूरी तरह से गेम ओवर, पढें इस हफ्ते के ऐप अपडेट

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  • भारतीय सेना ने अपने लिए व्हाट्सएप जैसा एक ऐप बनाया है, PUBG भारत में पूरी तरह से गेम पर है, पढ़ें इस हफ्ते का ऐप अपडेट

नई दिल्ली4 दिन पहले

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  • एपल वन सर्विस भारत समेत कई देशों में लॉन्च
  • अवास्ट ने 21 मलेशियस गेमिंग ऐप की पहचान की

आपको टेक्नोलॉजी पसंद है, लेकिन समय कम होने की वजह से आप इससे जुड़ी खबरें नहीं पढ़ पाते, तब हम आपके लिए टेक डिस्क्राइबर लेकर आए हैं। इस एक खबर में हम आपको इस सप्ताह अपडेट हुए ऐप्स के साथ लॉन्च होने वाली नई टेक्नोलॉजी के बारे में बताएंगे। तो चलिए जल्दी से शुरू करते हैं वीकली डिस्क्राइबर।

1. भारत में लॉन्च हुई एपल वन सर्विस

  • एपल ने अपनी नई सर्विस एपल वन को भारत समेत कई देशों में लॉन्च कर दिया है, कंपनी के सीईओ टिम कुक ने इसकी घोषणा की। एपल वन एक सब्सक्रिप्शन बंडल है, जिसमें एपल म्यूजिक, टीवी प्लस, आर्केड और आईक्लाउड स्टोरेज सर्विसेस शामिल हैं। एपल वन की कीमत 195 रुपए प्रति माह ( इंडिविजुअल के लिए) और 365 रुपए प्रति माह (फैमिली के लिए) है। अब भारतीय यूजर इसे साइन अप कर सकते हैं।
  • एपल वन के इंडिविजुअल प्लान में एपल म्यूजिक, एपल टीवी प्लस, एपल आर्केड और 50 जीबी आईक्लाउड स्टोरेज शामिल है। यदि आप एपल वन फैमिली में अपग्रेड करते हैं, तो आपको 200GB का आईक्लाउड स्टोरेज मिलता है, और सभी बेनेफिट्स को फैमिली शेयरिंग के हिस्से के रूप में परिवार के 6 सदस्यों के साथ शेयर किया जा सकता है। ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, यूके और यूएस में एक तीसरा टियर उपलब्ध है – एपल वन प्रीमियर (2,236 रुपए प्रति माह) – जिसमें एपल न्यूज प्लस और नया एपल फिटनेस प्लस (अभी लॉन्च किया जाना) और 2 टीबी तक का iCloud स्टोरेज मिलता है।

2. भारत में पबजी का पूरी तरह से गेम ओवर

  • पबजी मोबाइल और पबजी मोबाइल लाइट 30 अक्टूबर यानी आज से भारत में पूरी तरह से काम करना बंद कर दिया है। कंपनी ने एक सोशल मीडिया पर इस बात की सूचना दी। यह सरकार द्वारा लोकप्रिय बैटल रोयाल गेम के बैन होने के दो महीने बाद होने जा रहा है।
  • बता दें कि सितंबर की शुरुआत में पबजी मोबाइल और पबजी मोबाइल लाइट के साथ अन्य 116 ऐप्स को प्रतिबंधित कर दिया गया था। सरकार ने इस ऐप्स को बंद करने की वजह चीन से सुरक्षा खतरों को बताया था।

फिर वापसी कर सकती है पबजी!

  • भारत में पबजी गेम के पब्लिशिंग राइट्स दक्षिण कोरियाई कंपनी ब्लूहोल स्टूडियो ने चीन की कंपनी टेनसेंट गेम्स को दे दिए थे, लेकिन भारत सरकार के आदेश के बाद ब्लूहोल स्टूडियो ने टेनसेंट के साथ काम करने से इंकार कर दिया। अब पबजी मोबाइल के पब्लिशिंग राइट्स फिर से पबजी कॉरपोरेशन को मिल जाएंगे।
  • पबजी कॉरपोरेशन ने कहा है कि 2 दिसंबर तक कंपनी भारत में इस गेम के राइट्स दक्षिण कोरियाई गेमिंग कंपनी क्रॉफ्टन इंक को दे देगी। ताकि देश में पबजी की सेवाएं जारी रह सके। क्रॉफ्टन इंक पहले की तरह ही निजी जानकारी का इस्तेमाल करेगा और उसे अपने पास रखेगा।

3. भारतीय सेना ने खुद के लिए बनाया वॉट्सऐप जैसा ऐप SAI

  • भारत सरकार की आत्मनिर्भर भारत मुहीम के तहत, भारतीय सेना ने ‘सिक्योर एप्लीकेशन फॉर द इंटरनेट (भारतीय खेल प्राधिकरण)’ नाम की एक सुरक्षित मैसेजिंग एप्लिकेशन को डेवलप और लॉन्च किया है। यह एंड्रॉयड प्लेटफार्म पर एंड-टू-एंड सिक्योर वॉयस, टेक्स्ट और वीडियो कॉलिंग सर्विसेस को सपोर्ट करता है। गुरुवार को रक्षा मंत्रालय ने इसकी घोषणा की।
  • यह ऐप कमर्शियली रूप से उपलब्ध मैसेजिंग ऐप जैसे वॉट्सऐप, टेलीग्राम, संवाद और जीआईएमएस (GIMS) की तरह ही है और एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन मैसेजिंग प्रोटोकॉल का उपयोग करता है। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि- साई लोकल-इन-हाउस सर्वर और कोडिंग के साथ सुरक्षा सुविधाओं पर काम करता है, जिसे उपयोगिता के अनुसार बदला जा सकता है। फिलहाल ये गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध नहीं है।

4. अवास्ट ने प्ले स्टोर पर 21 मलेशियस गेमिंग ऐप की पहचान की

  • गेमिंग के शौकीन हैं तो अब आपको थोड़ा सावधान रहने की जरूरत है। अवास्ट ने गूगल प्ले स्टोर में 21 मलेशियस गेमिंग ऐप की पहचान की है, जिनमें एडवेयर (adware) जैसे विशेषताएं मिली हैं। प्ले स्टोर पर ये गेम्स खुद को मजेदार और टाइमपास के रूप में पेश करते हैं, लेकिन वास्तव में अनचाहे और जबरन विज्ञापन प्रदर्शित करते हैं, जो यूजर को इसी तरह के अन्य ऐप्स और गेम्स डाउनलोड करने के लिए आकर्षित करते हैं। लगभग सभी गेम अभी भी डाउनलोड के लिए गूगल प्ले स्टोर में मौजूद हैं।
  • अवास्ट द्वारा पहचाने गए ये 21 ऐप और गेम्स एडवेयर की श्रेणी में आते हैं। हालांकि, ये ऐप और गेम्स डेटा चोरी नहीं करते हैं या अन्य संवेदनशील गतिविधि नहीं करते हैं, लेकिन फिर भी रेवेन्यू जनरेट करने के लिए ये यूजर को जबरन में विज्ञापन दिखाते हैं। एक बार जब ये ऐप एंड्रॉयड डिवाइस पर इंस्टॉल हो जाते हैं, उसके बाद ये अपना काम करना शुरू कर देते हैं। सेंसर टॉवर के आंकड़ों के अनुसार, अभी तक इन ऐप और गेम्स को लगभग आठ मिलियन (80 लाख) बार डाउनलोड किया जा चुका है।



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