कैसे सिर्फ अस्पताल शब्द के कारण एक परिवार का पुनर्मिलन हुआ, दिल्ली समाचार हिंदी में

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कैसे सिर्फ अस्पताल शब्द के कारण एक परिवार का पुनर्मिलन हुआ - दिल्ली समाचार हिंदी में




नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने परिवार से बिछड़े 30 साल के एक दिव्यांग व्यक्ति को सिर्फ एक शब्द ‘अस्पताल’ के आधार पर उसके परिवार से मिलवा दिया।

23 और 24 फरवरी की रात को दिल्ली पुलिस ने गश्त के दौरान सुल्तानपुर गांव में एक व्यक्ति को लावारिस हालत में पाया। उसने अपना नाम गौरव बताया, लेकिन अपने परिवार और घर के संबंध में अन्य जानकारी नहीं दे सका था।

पुलिस ने व्यवस्थित काउंसलिंग सत्र आयोजित किए, जहां उसने बार-बार ‘अस्पताल’ बोला, लेकिन कोई अन्य जानकारी नहीं मिल सकी।

‘अस्पताल’ शब्द के आधार पर पुलिस ने फतेहपुर बेरी, गुरुग्राम और फरीदाबाद के आसपास के इलाकों में खोज शुरू की, लेकिन कुछ भी प्रासंगिक नहीं मिला।

एक स्थानीय अस्पताल के एक मनोविज्ञानी और अन्य डॉक्टर ने उस व्यक्ति का एक बार प्री-काउंसलिंग किया, जिसमें उसने अस्पताल के नाम का खुलासा कलावती अस्पताल के रूप में किया।

पुलिस टीम कलावती अस्पताल पहुंची लेकिन किसी ने उस व्यक्ति को नहीं पहचाना जिसके बाद टीम ने मंदिर मार्ग पुलिस स्टेशन से भी संपर्क किया और लापता लोगों के संबंध में मिली शिकायतों की खोज की।

दक्षिण दिल्ली के डीसीपी अतुल ठाकुर ने कहा, “जब हम लापता लोगों की तलाश कर रहे थे, तो हमने पाया कि दिल्ली के पटवा चौक, शास्त्री पार्क के निवासी गौरव (30) के लापता होने के बारे में 11 जुलाई, 2020 को शिकायत दर्ज की गई थी। उस शिकायत के आधार पर हमने उसके परिवार को ढूंढ़ निकाला और उसकी मां ने उसकी पहचान की।”

आगे की पूछताछ के दौरान यह पता चला कि उसकी मां उसे 11 जुलाई, 2020 को जांच के लिए कलावती अस्पताल ले आई थी। वह वहां से लापता हो गया और इसलिए उसे सिर्फ ‘अस्पताल’ शब्द याद था।
(आईएएनएस)

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