गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार का रसायन विज्ञान विभाग यूजीसी, सीएसआईआर तथा डीएसटी के अतिरिक्त अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों के सहयोग से 13 शोध परियोजनाएं पूरी कर चुका है।

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गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार का रसायन विज्ञान विभाग यूजीसी, सीएसआईआर तथा डीएसटी के अतिरिक्त अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों के सहयोग से 13 शोध परियोजनाएं पूरी कर चुका है।

इसके साथ ही एफआईएसटी लेवल-1 प्रोग्राम भी विभाग द्वारा सफलतापूर्वक पूरा किया जा चुका है।  विभाग से 60 शोधार्थी पीएचडी की डिग्री प्राप्त कर चुके हैं, जिन्होंने रसायन विज्ञान विभाग के विभिन्न तथा सुक्षम क्षेत्रों में शोध किया है।  50 से अधिक शोधार्थी वर्तमान समय में भी रसायन विज्ञान विभाग को शोध की नई ऊंचाइयां देने में लगे हुए हैं।
विभागाध्यक्षा प्रो. सोनिका ने बताया कि रसायन विभाग की स्थापना एमएससी तथा पीएचडी रसायन विज्ञान के कोर्स के साथ 1994 में हुई थी।  2016-2017 में विभाग में ड्युअल डिग्री बीएससी ऑनर्स केमिस्ट्री-एमएससी केमिस्ट्री कोर्स की शुरुआत भी हुई।  विभाग में स्नातक और स्नातकोत्तर के लगभग 300 विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, जबकि 150 से अधिक विद्यार्थी अब तक नेट/जेआरएफ/गेट परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके हैं।
विभाग के पूर्व विद्यार्थी आईआईटी, बीएआरसी, सीएसआईआर, डीआरडीओ, आईआईएसईआर, एआईसीटीई, डीएसटी, विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों तथा भारत व विश्व के प्रतिष्ठित संस्थानों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।  विश्वविद्यालय के शिक्षकों के 400 से अधिक शोध पत्र राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के जर्नल्स में प्रकाशित हो चुके हैं।
प्रो. सोनिका ने बताया कि विभाग में एमएससी के लिए 50 तथा बीएससी ड्युअल डिग्री केमिस्ट्री-एमएससी केमिस्ट्री के लिए 45 सीटे हैं।  विभाग की प्रयोगशालाएं अंतरराष्ट्रीय स्तर के मापदंडों पर खरी उतरती हैं।  विभाग ओरगेनिक सिनथेसिस, ओरगनोमेटालिक्स, हेट्रोसाइक्लिक केमिस्ट्री, केटालिसिस, पॉलीमर केमिस्ट्री, फ्लेम रेटारडेंसी, मेडिकल केमिस्ट्री आदि के क्षेत्र में निरंतर शिक्षण व शोध के कार्यों में लगा हुआ है।  विश्वविद्यालय के शिक्षक डिवैल्पमैंट ऑफ एंटी कैंसर, एंटी माइक्रोबियल, एंटी डायबेटिक तथा एंटी टीबी एजेंडस पर भी कार्य कर रहे हैं।  विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय स्तर के मापदंडों व विषयों पर आधारित राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठियों, कार्यशालाओं, साईंस इनकलेव व ज्ञान कार्यक्रमों में प्रतिष्ठित शिक्षक, शोधार्थी व विद्यार्थी भाग लेते हैं।

 

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