फ्लाईओवर के निचे लगाते है बच्चे क्लास, देखें गजब का स्कूल

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फ्लाईओवर : करनाल के कैथल रोड़ का हाल बिल्कुल वैसा है ही जैसा कि आप और हम अक्सर टेलीविजन की कहानियों में देखते हैं. बेतरतीब तरीके से बनाई गई झोपड़ियां, खुले नाले, और बेपरवाही में इधर-उधर खेलते बच्चे, जिनका सरकारी स्कूलों में नाम तो लिखा गया है. वे स्कूल जाते नहीं हैं. इन बच्चों के माता-पिता के पास भी इतना समय नहीं है कि वे इनकी पढ़ाई पर ध्यान दे सकें.लेकिन, फिर भी आपको इस स्लम में हर रोज़ क से कबूतर, ख से खरगोश या फिर दो दूनी चार, दो तिया छह: …. की एक स्वर में ऊंची आवाज सुनाई देगी. इस आवाज़ का पीछा करेंगे तो आप एक खाली-सी जगह में फ्लाईओवर के निर्माण के लिए रखी गई कुछ पत्थर की स्लैब्स की बीच पहुंचेंगे और इन्हीं स्लैब्स में से एक स्लैब के नीचे आपको इस आवाज़ सुनाई देगी.

दरअसल, करनाल में कैथल रोड फ़्लाइओवर ने नीचे उन ज़रूरतमंद बच्चों को पढ़ाया जाता है. जो पढ़ने के इच्छुक है, लेकिन किसी ना किसी कारणवश नहीं पढ़ पाते है. ऐसे में 6 से 7 सरकारी स्कूल के शिक्षक शाम के समय 2 घंटे का वक़्त निकालकर बच्चों को इकट्ठा कर पढ़ाया करते हैं.

100 से ज़्यादा बच्चों को शिक्षा
वहीं शिक्षक जय कर्ण शास्त्री ने कहा कि वह पिछले करीब 3 सालों से इसी तरीके से बच्चों को पढ़ाते हैं. जब उन्होंने यहां पर बच्चों को पढ़ाना शुरू किया. तब उनके पास सिर्फ 10-12 बच्चे ही पढ़ने आते थे, लेकिन धीरे-धीरे अब वह 100 से ज़्यादा बच्चों को पढ़ाते है. बच्चों को पढ़ाई के साथ साथ वह सामान्य ज्ञान भी सिखाया जाता है.

पढ़ाई के साथ साथ मनोरंजन
आपको बता दें कि हर शनिवार इन बच्चों को हनुमान चालीसा का पाठ पढ़ाया जाता है, जिससे बच्चों को धर्म के प्रति जागरूक भी किया जा सके, जय करण शास्त्री ने बताया कि उनका मक़सद बच्चों को पढ़ाना है ताकि बच्चे पढ़ लिखकर आगे बढ़े. उन्होंने बताया कि पहले बच्चों को पढ़ाने के लिए इकट्ठा करना पढ़ता था, लेकिन अब वहाँ पर टीचर्स के आने से पहले ही पहुंचे होते है. इन बच्चों को पढ़ाई के साथ साथ मनोरंजन भी करवाया जाता है. जिससे बच्चों में वहां पर आने की जिज्ञासा बनी रहे इन बच्चों को कभी डांस करवाया जाता है तो कभी गीत भी सुनाए जाता है.

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