Oscars 2025: ‘Laapataa Ladies’ ने क्यों मारी बाजी, जानें चयन प्रक्रिया के दिलचस्प पहलू

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किरण राव की ‘Laapataa Ladies’ का सफर

भारत की ओर से Oscars 2025 के लिए नॉमिनेट हुई फिल्म ‘Laapataa Ladies’ ने दर्शकों और फिल्म समीक्षकों का ध्यान अपनी ओर खींचा है। किरण राव के निर्देशन में बनी इस फिल्म ने कई चर्चित फिल्मों को पछाड़ते हुए ऑस्कर के लिए अपनी जगह बनाई। इस चयन के पीछे की प्रक्रिया और जूरी के विचारों ने इस चर्चा को और बढ़ा दिया है।

Laapataa Ladies
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चयन की प्रक्रिया: जूरी की भूमिका

फिल्म का चयन एक 12 सदस्यीय जूरी द्वारा किया गया, जिसकी अगुवाई असमिया फिल्म निर्देशक जाह्नु बरुआ ने की। उन्होंने इस निर्णय के पीछे का कारण स्पष्ट करते हुए कहा, “जूरी को एक ऐसी फिल्म का चयन करना होता है जो भारत के सामाजिक ताने-बाने और सांस्कृतिक पहचान का प्रतिनिधित्व करे। ‘लापता लेडीज’ ने इस मामले में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है।”

बरुआ ने आगे कहा, “फिल्म का चयन करते समय हमें एक ऐसी कहानी की तलाश थी जो न केवल मनोरंजक हो, बल्कि भारत की विविधता और सामाजिक समस्याओं को भी उजागर करे। इसीलिए ‘लापता लेडीज’ को चुना गया।”

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नेटिजंस की प्रतिक्रिया

हालांकि, ‘Laapataa Ladies’ के चयन पर विवाद भी उठ रहा है। कई नेटिज़न्स का मानना है कि पायल कपाड़िया की ‘ऑल वी इमेजिन ऐज़ लाइट’, जिसने कान्स में पुरस्कार जीता, उसे ही ऑस्कर के लिए भेजा जाना चाहिए था। इस प्रतिक्रिया ने सोशल मीडिया पर एक नई बहस को जन्म दिया है, जहां लोग विभिन्न फिल्मों की गुणवत्ता और उनकी प्रतिनिधित्व क्षमता पर चर्चा कर रहे हैं।

फिल्म का महत्व और विषय

‘Laapataa Ladies’ एक ऐसी फिल्म है जो महिला सशक्तिकरण, सामाजिक मुद्दों और भारत की ग्रामीण परंपराओं पर आधारित है। फिल्म में एक अनूठी कहानी पेश की गई है, जो दर्शकों को गहराई से सोचने पर मजबूर करती है। इसकी खासियत यह है कि यह सिर्फ मनोरंजन नहीं करती, बल्कि एक महत्वपूर्ण सामाजिक संदेश भी देती है।

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चयन प्रक्रिया के अंदर की बातें

जाह्नु बरुआ ने जूरी के काम करने के तरीके को स्पष्ट करते हुए कहा कि सभी सदस्यों ने मिलकर फिल्में देखी और उन पर गहन चर्चा की। “हम 7-8 दिनों तक चेन्नई में थे और विभिन्न फिल्मों पर विचार विमर्श किया। यह प्रक्रिया न केवल फिल्म के गुणों को समझने में मदद करती है, बल्कि एक सामूहिक सहमति बनाने में भी महत्वपूर्ण होती है,” उन्होंने कहा।

जूरी के मानक

बरुआ ने बताया कि जूरी का लक्ष्य था कि वे सबसे बेहतरीन फिल्म को ऑस्कर के लिए भेजें। “हमें यह सुनिश्चित करना था कि जो फिल्म हम चुनें, वह वास्तव में भारतीय सिनेमा का प्रतिनिधित्व करे। इस काम में कोई दबाव नहीं था, क्योंकि हम सभी सदस्यों ने अपनी राय को स्वतंत्रता से व्यक्त किया।”

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भारतीय सिनेमा का भविष्य

बरुआ ने भारतीय सिनेमा के भविष्य की दिशा पर भी चिंता जताई। “हमें अपने सिनेमा के लिए एक मजबूत प्रणाली की आवश्यकता है, जिससे हम सबसे बेहतरीन फिल्में चुन सकें। यह जरूरी है कि हम भारतीय फिल्म उद्योग की प्रतिभाओं को सही दिशा में आगे बढ़ने का अवसर दें,” उन्होंने कहा।

‘Laapataa Ladies’ का चयन Oscars 2025 के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो भारतीय सिनेमा की विविधता और गहराई को दर्शाता है। हालांकि विवाद और बहस हमेशा चलती रहेगी, लेकिन यह स्पष्ट है कि चयन प्रक्रिया में जूरी ने गहराई से विचार किया है। इस फिल्म की सफलता और आगे के सफर के लिए सभी को शुभकामनाएं। भारतीय सिनेमा की यह यात्रा अब और भी दिलचस्प होती जा रही है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि ‘लापता लेडीज’ ऑस्कर में अपनी पहचान बनाती है या नहीं।

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