समाज की समस्याओं के समाधान का तर्कशील व वैज्ञानिक दृष्टिकोण सिखाता है उच्च स्तरीय शोधन: प्रो. अवनीश वर्मा
गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार के कुलसचिव प्रो. अवनीश वर्मा ने कहा है कि उच्च स्तरीय शोध ही हमें समाज की विभिन्न समस्याओं के समाधान का तर्कशील व वैज्ञानिक दृष्टिकोण सिखाता है। यह सार्वभौमिक सत्य है कि गुणवत्ता पर आधारित शोध ही समाज व राष्ट्र को सही दिशा देने में कारगर भूमिका निभाता है तथा वर्तमान में, कोविड-19 महामारी के बाद शोध के लिए भी नये नये आयाम हमारे समक्ष आ रहे हैं। प्रो. अवनीश वर्मा विश्वविद्यालय के हरियाणा स्कूल ऑफ बिजनेस (एचएसबी) के सौजन्य से ‘रिसर्च मैथेडोलॉजी एंड डेटा एनालिसिस‘ विषय पर हुई कार्यशाला के समापन समारोह को बतौर मुख्यातिथि सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के डीन ऑफ रिसर्च प्रो. नीरज दिलबागी बतौर विशिष्ठ अतिथि उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता निदेशक प्रो. कर्मपाल नरवाल ने की। प्रो. उबा सविता एवं डा. हिमानी शर्मा कार्यशाला कार्यशाला की संयोजिका थी।
मुख्यातिथि प्रो. अवनीश वर्मा ने कहा कि श्रेष्ठ शोध को अंजाम देने में शोध की वैज्ञानिक विधियों की मुख्य भूमिका होती है, अत: इनके उचित प्रयोग के कौशल का ज्ञान होना अति आवश्यक है। उन्होंने कहा कि शोध ऐसा भी होना चाहिए कि व्यक्ति के मानसिक स्तर को मजबूत करने तथा उसको श्रेष्ठता की ओर ले जाने में सहायक सिद्ध हो। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह कार्यशाला अपने निर्धारित उद्देश्यों की प्राप्ति में सफल रही है। प्रतिभागियों ने विभिन्न सामाजिक व व्यवसायिक शोधन विषयों पर चिन्तन व मंथन किया है, जो आगे चलकर व्यवहारिक रिसर्च का रूप लेंगे तथा भविष्य में ऐसी शोध परियोजनाओं पर परिलक्षित होंगे जो समाज के लिए सार्थक साबित होंगे। विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से उन्होंने हरियाणा स्कूल ऑफ बिजनेस के शोधार्थियों के लिए सभी वाँछित सुविधाओं को समयबद्ध व चरणबद्ध तरीके से उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया तथा कार्यशाला के सफल आयोजन के लिए टीम-एचएसबी को बधाई दी।
विशिष्ठ अतिथि प्रो. नीरज दिलबागी ने अपने सम्बोधन में कहा कि कार्यशाला के दौरान शोध से जुड़ी सभी विधियों, मापदंडों व तकनीकों के बारे में प्रतिभागियों को विस्तार से बताया गया है। यह कार्यशाला प्रतिभागियों के लिए अत्यंत उपयोगी साबित होगी। उन्होंने कहा कि हरियाणा स्कूल ऑफ बिजनेस इस तरह की कार्यशाला का आयोजन हर साल करता आ रहा है जो एक सराहनीय प्रयास है। उन्होंने कहा कि शोधार्थियों को उच्च गुणवत्ता वाले रिसर्च जर्नल में ही अपने शोधपत्र प्रकाशित करने चाहिये ताकि विश्वविद्यालय की शैक्षणिक ख्याति में लगातार बढ़ोतरी की जा सके व शोधकर्ताओं के लिए भी प्रोफेशनल जीवन में गुणवत्ता वाले प्रकाशन से बेहतर कैरियर के रास्ते खुल सकें। उन्होंने भविष्य में ऐसी और कार्यशाला आयोजित करवाने के लिए राष्ट्रीय उच्च शिक्षा अभियान स्कीम से वितीय सहायता प्रदान करने का भी आश्वासन दिया।
निदेशक प्रो. कर्मपाल नरवाल ने अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में एचएसबी के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि एचएसबी में वर्तमान में 260 से अधिक शोधार्थी विभिन्न विषयों पर अपना ऊना शोधकार्य कर रहे हैं। विभिन्न कार्यशालाओं के माध्यम से सभी शोधार्थियों को लगातार उच्च गुणवत्ता की रिसर्च करने के लिए हरसंभव उत्साहित व प्रोत्साहित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एचएसबी का शोध तथा शैक्षणिक ढांचा विश्व स्तरीय है तथा अभी इस दिशा में और कार्य करने की संभावनाएं हैं। इसके लिए टीम एचएसबी निरंतर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि एक अग्रणीय बिजनेस स्कूल के रूप में टीम-एचएसबी को अपने विजन व मिशन के अनुसार अपने शैक्षणिक व शोधन सम्बंधित निर्धारित उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए और भी कड़ी मेहनत से काम करना होगा क्योंकि इस क्षेत्र में टीम-एचएसबी के प्रति समाज के हर वर्ग का विश्वास लगातार तेजी से बढ़ रहा है। उन्होंने सभी शोधकर्ताओं का आह्वान किया कि वे अपनी-अपनी शोध परियोजनाओं को लागू करते समय गुणवत्ता के साथ-साथ सामाजिक सार्थकता का भी विशेष ख्याल रखें।
डा. हिमानी शर्मा ने स्वागत सम्बोधन किया तथा बताया कि इस पांच दिवसीय कार्यशाला में 82 शोधार्थियों ने भाग लिया। धन्यवाद सम्बोधन प्रो. उबा सविता ने किया। इस अवसर पर, प्रोफेसर हरभजन बंसल, प्रोफेसर बीके पूनिया, प्रोफेसर नरेन्द्र सिंह मलिक, प्रोफेसर महेश गर्ग, प्रोफेसर विनोद कुमार बिश्नोई, प्रोफेसर पी.के. गुप्ता, प्रोफेसर अनिल कुमार, प्रोफेसर शबनम सक्सेना, प्रोफेसर संजीव कुमार, प्रोफेसर तिलक सेठी, प्रोफेसर टीका राम, प्रोफेसर सुरेश मित्तल, प्रोफेसर खुजान सिंह, प्रोफेसर दीपा मंगला, प्रोफेसर अंजू वर्मा, प्रोफेसर दलबीर सिंह, डॉ श्वेता सिंह, डॉ राजीव कुमार, डॉ हिमानी शर्मा, डॉ मनी श्रेष्ठ, डॉ वन्दना सिंह, डॉ विजेंद्र पाल सैनी, डॉ वनिता अहलावत, डॉ सुरेश भाकर, डॉ कोमल ढांडा, डॉ प्रमोद कुमार, डॉ अंजली गुप्ता, डॉ पूजा गोयल, डॉ विवेक कुमार, डॉ प्रेरणा टुटेजा सहित सभी शिक्षक उपस्थित रहे।