मार्च 2024 का तीसरा सप्ताह व्रत और त्योहार की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है. होलाष्टक से इस नए सप्ताह का प्रारंभ हो रहा है. इसका समापन होली से होगा. होलाष्टक के दिनों में कोई भी शुभ कार्य नहीं करते हैं. इसके 8 दिन या 8 तिथियों को अशुभ माना जाता है क्योंकि इन 8 दिनों में भक्त प्रह्लाद को मारने के लिए उनको कई प्रकार से प्रताड़ित किया. इस सप्ताह में आने वाली आमलकी एकादशी के दिन आंवले के पेड़ की पूजा की जाती है और भगवान विष्णु को आंवले का भोग भी लगाते हैं. उस दिन ही काशी में रंगभरी एकादशी भी मनाई जाती है. उस दिन भगवान शिव और माता पार्वती को पूजा में गुलाल अर्पित करते हैं. केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र से जानते हैं कि होलाष्टक, आमलकी एकादशी, होलिका दहन, होली, चंद्र ग्रहण, फाल्गुन पूर्णिमा कब हैं?
मार्च 2024 साप्ताहिक व्रत-कैलेंडर
17 मार्च, दिन: रविवार– होलाष्टक का प्रारंभ
इस साल होलाष्टक का प्रारंभ 17 मार्च को फाल्गुन शुक्ल अष्टमी तिथि से हो रहा है. इसका समापन फाल्गुन पूर्णिमा को होलिका दहन के साथ हो जाता है. होलाष्टक 24 मार्च को खत्म हो जाएगा. होलाष्टक के समय में विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन, उपनयन संस्कार, नामकरण आदि जैसे मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं.
20 मार्च, दिन: बुधवार– आमलकी एकादशी, रंगभरी एकादशी
आमलकी एकादशी 2024: इस बार आमलकी एकादशी 20 मार्च को है. आमलकी एकादशी फाल्गुन शुक्ल एकादशी तिथि को होती है. इस बार फाल्गुन शुक्ल एकादशी तिथि 20 मार्च को 12:21 एएम से 21 मार्च को 02:22 एएम तक है. उस दिन रवि योग सुबह 06:25 एएम से पूरे दिन है. ऐसे में आप सूर्योदय के बाद कभी भी पूजा कर सकते हैं. आमलकी एकादशी व्रत का पारण 21 मार्च को दोपहर 01:41 पीएम से 04:07 पीएम के बीच कर सकते हैं.
रंभगरी एकादशी 2024: 20 मार्च को रंभगरी एकादशी के दिन काशी में बाबा विश्वनाथ और माता पार्वती की विशेष पूजा होगी. भोलेनाथ के भक्त शिव और शक्ति को रंग-गुलाल अर्पित करेंगे. फिर महादेव माता गौरी के संग पालकी पर सवार होकर नगर भ्रमण के लिए निकलेंगे.