ज्‍यादा पैसा कमाने के ल‍िए क्‍या करें छोटे क‍िसान-Minister Agriculture Narendra Tomar

Narendra Singh Tomar: सरकार की लगातार कोश‍िश क‍िसानों को आर्थ‍िक रूप से मजबूत बनाने और उनकी आमदनी दोगुना होने पर है। इसी के मद्देनजर (Minister Agriculture Narendra Singh Tomar) कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने छोटे किसानों से ज्‍यादा से ज्‍यादा मात्रा में मोटा अनाज उगाने का आग्रह किया। उन्‍होंने कहा इससे ( Malnutrition in India and the world) भारत और दुनिया में कुपोषण को दूर करने में मदद मिल सकती है। सबसे ज्‍यादा पोषक तत्‍वों वाले रागी और ज्वार जैसे मोटे अनाज को कम पानी में उगाया जाता है। इन चमत्कारी अनाजों को यह सोचकर लोग नहीं खाते थे कि यह गरीब आदमी का भोजन है।

Malnutrition in India and the world

 

मोटे अनाज की खेती
द‍िल्‍ली में (‘Krishi Vigyan Mela’) ‘कृषि विज्ञान मेला’ के उद्घाटन भाषण में तोमर ने कहा मोटा अनाज, छोटे किसानों द्वारा उगाया जाता है, न कि बड़े किसानों द्वारा। उन्होंने कहा कुपोषण की समस्या और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों के बीच, भारत ने अग्रणी भूमिका निभाई। मौजूदा साल को दुनियाभर में मोटा अनाज के अंतरराष्‍ट्रीय वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। तोमर ने कहा, मोटा अनाज पोषण से भरपूर होने के साथ ही किसानों को अच्छी कीमत भी द‍िलाता है। ऐसा करना छोटे और सीमांत किसानों के लिए अच्छा होगा।

 

कई हिस्सों में कुपोषण की समस्या
सरकार ने क‍िसानों को आर्थ‍िक रूप से मजबूत करने के ल‍िए (PM Kisan Samman Nidhi) पीएम क‍िसान सम्‍मान न‍िध‍ि जैसी महत्‍वाकांक्षी योजना को चला रखा है। इस योजना में पात्र क‍िसानों को सालाना 6000 रुपये द‍िये जाते हैं। तोमर ने कहा, ‘हम अच्छा खा रहे हैं, लेकिन पोषण से भरपूर भोजन नहीं कर रहे हैं। न केवल भारत में, बल्कि दुनिया के कई हिस्सों में कुपोषण की समस्या है। हम अधिक मोटे अनाज उगाकर कुपोषण की समस्या का समाधान कर सकते हैं।’ उन्होंने कहा कि यदि मोटा अनाज और मोटा अनाज आधारित उत्पादों के लिए भारी मांग सृजित की जाती है, तो छोटे और सीमांत किसानों की आय बढ़ाई जा सकती है।

Krishi Vigyan Mela in pusa

उन्होंने कहा कि सरकार मोटे अनाज के लिए बाजार बनाने और अच्‍छे रेट को प्रोत्साहित करने के लिए प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि ‘गरीब आदमी के भोजन’ से परे उन्हें ब्रांड करने के लिए, सरकार ने आठ प्रकार के मोटे अनाज को ‘श्री अन्न’ के रूप में नामित करने का निर्णय लिया, जो गेहूं और चावल की तुलना में बेहतर पोषण दे सकते हैं।

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