संसद भवन के पास से गुजरती थी ट्रेन, बस इस कारण हुई बंद

0

रायसीना हिल्‍स में संसद भवन, राष्‍ट्रपति भवन और नार्थ व साउथ ब्‍लाक के निर्माण में लाल और बलुआ पत्‍थरों का इस्‍तेमाल हुआ है. ये पत्‍थर राजस्‍थान से लाए गए हैं. संसद का निर्माण 1921 में शुरू हुआ था. उस समय नई दिल्‍ली स्‍टेशन नहीं था. पुरानी दिल्‍ली से इन पत्‍थरों को रायसीना हिल्‍स लाया जा जाता था. फोटो साभार- भारतीय रेलवे

02
NW18

इस तरह पत्‍थरों को पहुंचाने में काफी समय लग रहा था. तत्‍कालीन अधिकारियों ने पत्‍थरों को ट्रेन से रायसीना हिल्‍स पहुंचाने का फैसला किया. इसके लिए सदर बाजार से (पुरानी दिल्‍ली की ट्रेनें यहीं से गुजरती थीं) रायसीना हिल्‍स तक रेलवे ट्रैक बिछाने का फैसला किया गया और जल्‍दी ही ट्रैक बिछा दिया गया और गुड्स ट्रेनों का संचालन शुरू हो गया. फोटो साभार-भारतीय रेलवे

 

03
NW18

यह ट्रैक मौजूदा नई दिल्‍ली स्‍टेशन, कनाट प्‍लेस होते हुए संसद भवन के सामने तक बनाया गया. इसी ट्रैक पर पत्‍थर ढोने की ट्रेन शुरू की गयी, जो संसद भवन के सामने तक जाती थी, वहां से वापस लौट आती थी. इस तरह पत्‍थरों सप्‍लाई तेजी से शुरू हुई और छह वर्ष में यह तैयार हो गया. नई दिल्‍ली स्‍टेशन का निर्माण 1926 से शुरू हुआ था.फोटो साभार-भारतीय रेलवे

04
NW18

निर्माण कार्य के बाद इस ट्रैक को हटाने का फैसला लिया गया. क्‍योंकि यह ट्रैक कनाट प्‍लेस होकर जाता था. उस समय कनाट प्‍लेस नहीं बना था. इसका निर्माण 1929 में शुरू हुआ था. कनाट प्‍लेस के अलावा अन्‍य कई निर्माण के रास्‍ते पर यह ट्रैक आ रहा था. इस वजह से इसे हटा दिया. ट्रैक बनने से पहले पत्‍थरों की ढुलाई इसी पुरानी दिल्‍ली स्‍टेशन से होती थी.फोटो साभार-भारतीय रेलवे

 

05
NW18

नई दिल्‍ली स्‍टेशन से एक ट्रैक इस्‍टेट एंट्री रोड की ओर जा रहा है और कनाट प्‍लेट के बाहरी सर्कल से पहले तक है. उत्‍तर रेलवे के जनसंपर्क कार्यालय के ठीक बगल में यह रेलवे ट्रैक देखा जा सकता है. यहां तक कई इंजन आते हैं और कनाट प्‍लेस की बाहरी दीवार से लौट जाते हैं.

06
NW18

संसद भवन, राष्‍ट्रप‍ति भवन और नार्थ व साउथ ब्‍लाक के निर्माण से यहां पर पहाडि़यां थी . शाहजहां के बसाए गए शाहजहानाबाद के पास बसे मालचा गांव और उसके पास मौजूद एक किले के बीच की जगह है, जिसे रायसीना हिल्‍स कहा जाता था. इसे समतल किया गया और फिर शुरू हुआ भवन का निर्माण. यह फोटो पहाड़गंज पुल है, जिसके आसपास जमीन बंजर पड़ी थी. नई दिल्‍ली स्‍टेशन के प्‍लेफार्म से यह पुल देखा जा सकता है. फोटो साभार- भारतीय रेलवे

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here