गोल्ड और प्रॉपर्टी में निवेश हमेशा से फायदे का सौदा रहा है, खासकर पिछले 10-20 वर्षों में दोनों ही एसेट ने लोगों को जबरदस्त रिटर्न दिया है. आज से 20 साल पहले जहां सोने की कीमत 5000 रुपये प्रति 10 ग्राम थी तो आज भाव 65,000 रुपये प्रति 10 ग्राम पहुंच गया है. इसी तरह, 20 वर्ष पहले जो प्रॉपर्टी 250 रुपये प्रति स्क्वॉयर फीट मिल रही थी आज उसकी कीमत एवरेज 7000 रुपये प्रति स्क्वॉयर फीट या उससे ज्यादा हो गई है. बड़े-बड़े शहरों में तो जमीन और फ्लैट की कीमतें आसमान छूने लगी हैं. दिल्ली-एनसीआर में एक अच्छी सोसाइटी में 2BHK फ्लैट खरीदने के लिए 70 लाख से 1 करोड़ तक खर्च करने पड़ते हैं. हालांकि, ऐसा नहीं है कि प्रॉपर्टी की कीमतें महानगरों में ही बढ़ी हैं. छोटे शहरों व कस्बों में भी अचल संपत्ति की कीमतें तेजी से बढ़ी हैं. आने वाले दिनों में इन छोटे शहरों में प्रॉपर्टी की कीमतों में और उछाल आ सकता है.
ऐसा इसलिए कहा जा रहा कि भारत के टियर-II और टियर-III शहरों के रियल एस्टेट मार्केट में 2023 में पूंजी प्रवाह दोगुना से अधिक देखा गया. देश भर में प्रॉपर्टी की मजबूत मांग के बीच डेवलपर्स भूमि अधिग्रहण के लिए छोटे शहरों की ओर रुख कर रहे हैं. रियल एस्टेट कंसल्टेंसी सीबीआरई के अनुसार, पूंजी प्रवाह 2022 में $600 मिलियन की तुलना में रिकॉर्ड $1.3 बिलियन तक पहुंच गया है.
क्या कहती है CBRE की रिपोर्ट
CBRE की रिपोर्ट के अनुसार, अहमदाबाद, इंदौर, जयपुर और कोयंबटूर में ई-कॉमर्स, स्टार्टअप, बैंकिंग और फाइनेंशियल सेक्टर्स में जबरदस्त प्राइवेट इक्विटी इंटरेस्ट देखा गया है. हालांकि, 2019 से 2023 तक मुंबई, दिल्ली-एनसीआर, मुंबई और बेंगलुरु अब भी संस्थागत निवेशकों के लिए पसंदीदा ठिकाना बना हुआ है. इन शहरों में करीब 45 फीसदी पूंजी निवेश किया गया है.