‘सारा शहर मुझे लॉयन के नाम से जानता है…, पहचाने कौन?

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 ‘सारा शहर मुझे लॉयन के नाम से जानता है…’ ये डायलॉग आपने कभी ना कभी जरूर सुना होगा. साल 1976 में रिलीज हुई शत्रुघ्न सिन्हा की फिल्म ‘कालीचरण’ चर्चा में रही. इसमें खलनायक बने अजीत ये डायलॉग बोला था जो आज भी बहुत फेमस हैं. अजीत के बेटे शहजाद खान भी फिल्मी दुनिया से जुड़े हैं. उन्होंने ‘अंदाज अपना अपना’ में भल्ला का रोल निभाकर खूब सुर्खियां बटोरीं. हाल ही में शहजाद खान ने अपने पिता और करियर को लेकर खुलकर बात की है.

सिद्धार्थ कन्नन के साथ इंटरव्यू के दौरान शहजाद खान ने बताया कि जब उन्होंने पिता से एक्टिंग में अपना करियर बनाने की बात कही तो उनका कैसा रिएक्शन था. उन्होंने कहा, ‘जब मैंने पहली बार पिता से कहा कि मैं एक्टर बनना चाहता हूं, तो उन्होंने मुझे एक अजीब लुक दिया और कहा कि मियां, मैं तुम्हारे लिए कोई फिल्म नहीं बनाऊंगा. मैं तुम्हें लॉन्च नहीं करूंगा. तुम जाओ और स्ट्रगल करो और कोशिश करो कि तुम मेरा नाम इस्तेमाल न करो. उन्होंने कहा कि मुझे किसी से फोन पर बात भी मत करवाना. ‘

 

पिता ने देखा था कुमार गौरव का डूबता करियर
शहजाद खान ने बताया कि उन्होंने फैसला कर लिया था कि वह अपने पिता से पैसे नहीं लेंगे और दोस्तों से भी किसी भी तरह की मदद की दरकार नहीं रखेंगे. शहजाद खान ने बताया, ‘मेरे पिता ने उस समय के सुपरस्टार्स में से एक राजेंद्र कुमार के बेटे कुमार गौरव का डूबता करियर का देखा था. उनकी पहली फिल्म सुपरहिट रही, लेकिन फिर उनका करियर ट्रैक से उतर गया, तो उन्होंने सोचा कि जब हीरो के बेटे का ये हाल हो सकता है, तो मैं तो फिर भी कैरेक्टर एक्टर हूं.’

अजीत ने बेटे को पॉकेट मनी देने से कर दिया था मना
अजीत ने एक सख्त पिता थे और उन्होंने 10वीं कक्षा की परीक्षा देने के बाद बेटे शहजाद खान को पॉकेट मनी देना बंद कर दिया था. शहजाद ने कहा, ‘वह बहुत सख्त थे. मेरे साथ जितना जुल्म हो सकता था उन्होंने सब किया. मैंने यह सब सहन किया. मेरी 10वीं की परीक्षा के बाद उन्होंने मुझसे कहा कि हम तुम्हें पॉकेट मनी नहीं दे सकते. हम तुम्हें सिर्फ खाना देंगे. यह मेरे दोस्त का ऑफिस है, वहां जाकर काम करो. तुम जो भी कमाओगे, वह सब तुम्हारा होगा.’

 

शहजाद खान ने बताया कि उन्होंने कभी बस या फिर ट्रेन से ट्रैवल नहीं किया था. उन्होंने बैडस्टैंड से कोलाबा जाना शुरू किया है. उस वक्त उनका पैर फ्रैक्चर हो गया क्योंकि उन्हें नहीं पता था कि ट्रेन में कैसे चढ़ना और उतरना होता है. एक महीने के दर्द के बाद पिता ने उन्हें काम पर वापस जाने के लिए कहा.

शहजाद खान ने पिता अजीत का जताया आभार
एक्टर का कहना है कि पिता अजीत ने उन्हें एक कठिन जीवन दिया और इसके लिए वह बहुत आभारी हैं. शहजाद ने बताया कि मैं रातभर रोता था और सोचता था कि मैंने ऐसा क्या किया है, जिसकी वजह से पिता मेरे साथ ऐसा व्यवहार कर रहे हैं.

शहजाद खान ने ऐसा शुरू किया अपना करियर
शहजाद खान ने मंसूर खान की फिल्म ‘कयामत से कयामत तक’ से अपना करियर शुरू किया था. उन्होंने कई फिल्मों में अपनी एक्टिंग का जलवा बिखेरा. अंदाज अपना अपना में भल्ला को रोल निभाकर उन्हें खूब पॉपुलैरिटी मिली. शहजाद खान पिछली बार तारक मेहता का उल्टा चश्मा में नजर आए थे. वह शो में डेंजर मनी भाई की भूमिका में दिखे थे.

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