
गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार का भौतिकी विभाग विश्वविद्यालय के आरम्भिक एवं अग्रणी विभागों में से एक है।
Read Time:7 Minute, 17 Second
गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार का भौतिकी विभाग विश्वविद्यालय के आरम्भिक एवं अग्रणी विभागों में से एक है।
इस विभाग द्वारा 25 वर्ष पूरे होने पर हाल ही में अपनी रजत जयंती मनाई है। विभाग की अध्यक्षा प्रो. सुजाता सांघी ने बताया कि विभाग का स्कोपस डेटाबेस में विभाग के 466 रिसर्च पेपर तथा 5519 साइटेशंस हैं। वर्तमान में विभाग का एच-इंडेक्स 37 है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बलदेव राज काम्बोज ने विभाग के आधारभूत ढांचे तथा प्रयोगशालाओं का दौरा किया। उन्होंने विभाग के 25 वर्ष पूरे होने पर बधाई दी। प्रो. काम्बोज ने विभाग की व्यवस्थाओं की प्रशंसा की तथा शिक्षण व शोध में और आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया।
प्रो. सुजाता सांघी ने विभाग के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि भौतिकी विभाग की शुरुआत 1996 में लेजर टेक्नोलॉजी विभाग से शुरू हुई थी, जिसका मुख्य उद्देश्य लेजर और ऑप्टिक्स उद्योग में नई शोध कार्य को ध्यान में रखकर किया गया था। सबसे पहले लेजर टेक्नोलॉजी में स्नातकोतर और पीएचडी कोर्स शुरू किए गए। वर्तमान में विश्वविद्यालय के फिजिक्स विभाग में पीएचडी फिजिक्स, एमएससी फिजिक्स तथा बीएससी-एमएससी ऑनर्स ड्युअल डिग्री कोर्सिज का संचालन किया जा रहा है। विश्वविद्यालय में पहली विज्ञान प्रदर्शनी भौतिकी विभाग की ओर से आयोजित की गई।
विभाग का उद्देश्य विद्यार्थियों को भौतिकी के बेसिक कॉन्सेप्ट और उसकी एप्लीकेशंस के बारे में निपुण करना है, जो कि समाज व राष्ट्र के लिए उपयोगी हो। विभाग में अत्याधुनिक प्रयोगशाला है, जो कि शोध को बढ़ावा देती है। शोध के क्षेत्र में भौतिकी विभाग ने अंतरराष्ट्रीय पहचान बनाई है। विभाग को विभिन्न सरकारी संस्थाओं जैसे कि यूजीसी, डीएसटी, डीआरडीओ और सीएसआईआर से प्रोजेक्ट के द्वारा 10 करोड़ रुपए से ज्यादा की वित्तीय सहायता मिल चुकी है। विभाग से अब तक 70 से जयादा विद्यार्थी पीएचडी कर चुके हैं। विभाग में विदेशी विद्यार्थी भी शोध कर रहे है। विभाग में शोध के लिए अंतराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं उपलब्ध हैं। विभाग में अध्यापक विभिन्न अंतरराष्ट्रीय सोसायटी के सदस्य हैं।
प्रो सुजाता सांघी ने बताया कि विभाग के पूर्व विद्यार्थी डा. किरण गुलिया एवं अनेकों अन्य विद्यार्थी आज बहुत ही अच्छे मुकाम पर पहुंचे हुए है। विभाग के विद्यार्थी देश व विदेशों में सरकारी व निजी संस्थानों में उच्च पदों पर सेवाएं दे रहे हैं। वर्ष 2006 में विभाग ने आगे बढ़ते हुए एमटेक ऑप्टिकल इंजीनियरिंग में बच्चों को ऑप्टिकल कंपोनेंट्स की फेब्रिकेशन के बारे में बताया। विभाग ने अपना स्वरूप बड़ा करते हुए ड्युअल डिग्री ग्रेजुएट कोर्स 2016 में जोड़ा जिससे कि बच्चे ऑनर्स डिग्री करके समाज व राष्ट्र की सेवा कर सके।
भौतिकी विभाग ने शोध के लिए विभाग ने विभिन्न शोध संस्थानो के साथ एमओयू साइन किए हुए हैं, जिनमें यूनिवर्सिटी टेक्नोलॉजी मलेशिया, सीरी पिलानी, आईआरडीई, डीआरडीओ शामिल हैं। इसके अतिरिक्त विभाग द्वारा विभिन्न संस्थानों के साथ और भी एमओयू हस्ताक्षर किए जाने हैं। विभाग ने विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर की संगोष्ठी एवं कार्यशालाएं करवाई जैसे कि एनसीपीएमएस 2008, 2014 और 2015 व आईकैड्प 2017। डिपार्टमेंट ऑफ एटॉमिक एनर्जी की ओर से विभाग द्वारा 2018 में राष्ट्रीय कांफ्रेंस करवाई गई।
भौतिकी विभाग कोविड-19 की महामारी की परिस्थियों में भी विभाग के शिक्षक विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य के लिए समर्पित हैं। विद्यार्थियों में कौशल विकसित करने के लिए विभाग समय-समय पर विशेष व्याख्यान व वेबिनार की श्रृंखलाओं की शुरुआत की है। इस श्रृंखला के अंतर्गत अब तक कई वेबिनार करवाए जा चुके हैं। जिनमें विशिष्ट वैज्ञानिकों और बुद्धिजीवियों ने विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया है। विभाग ने इनोवेशन एट इंटरसेक्शन ऑफ साइंस एंड ह्यूमैनिटीज पर व्याख्यान करवाया। इस व्याख्यान के मुख्य वक्ता रमन साईंस सेंटर एंड प्लेनेटेरियम, नागपुर के निदेशक विजय शंकर शर्मा रहे। उन्होंने इनोवेशन के मंत्र बताए। विभाग द्वारा ओपन एंड रियल स्ट्रेटेजिक लाइफ डिस्कशन पर व्याख्यान करवाया गया, जिसके मुख्य वक्ता नॉनक्लिनिकल सेफ्टी डेटा साईंस, यानसन, जॉनसन एंड जॉनसन, यूएसए के निदेशक ललित के. वर्मा रहे। विद्यार्थियों में शोध एवं इनोवेशन गतिविधियों में बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से विभाग द्वारा आईआईटी इंदौर से विषय विशेषज्ञ प्रो. राजेश कुमार का ‘रमन स्कैटरिंग एंड बियांड’ विषय पर एक्सपर्ट लेक्चर करवाया गया।
Average Rating