Success Story : इंजीनियरिंग छोड़ किसान के बेटे ने दी UPSC की परिक्षा, हासिल की 17वीं रैंक

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Success Story : आईएएस अधिकारी अविनाश कुमार बिहार के फारबिसगंज के बघुवा गांव के रहने वाले हैं. पिता और हाउसवाइफ मां के बेटे अविनाश ने 10वीं तक की पढ़ाई सरस्वती विद्या मंदिर, फारसिबगंज से ही की है. मैट्रिक के बाद उन्होंने बोकारो से इंटर किया. उन्होंने 10वीं कक्षा में 10 सीजीपीए और 12वीं कक्षा में 93 फीसदी से ज्यादा मार्क्स हासिल किए थे. अविनाश के पिता शिक्षक की जॉब से रिटायर हुए हैं.

अविनाश कुमार ने इंटरमीडिएट के बाद कोलकाता के जादवपुर विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की. इंजीनयरिंग में भी उनकी अच्छी परफॉर्मेंस रही. उन्होंने 9.6 सीजीपीए के साथ इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की. अविनाश ने ग्रेजुएशन के बाद पश्चिम बंगाल में ही एक पावर प्रोजेक्ट पर 11 महीने तक काम किया.

इंजीनियरिंग की जॉब के दौरान ही उन्हें यूपीएससी ने आकर्षित किया. अविनाश ने इसके बाद आईएएस बनने का ख्वाब देखा और जॉब छोड़कर तैयारी के लिए दिल्ली आ गए. हालांकि उनके लिए यह आसान नहीं था. एक ठीक-ठाक जॉब छोड़कर यूपीएससी की तैयारी करने के लिए दिल्ली आने का फैसला थोड़ा मुश्किल भरा रहा.

यूपीएससी के पहले दो अटेम्प्ट में अविनाश कुमार प्रीलिम्स एग्जाम भी क्लियर नहीं कर सके. लेकिन वह लगे रहे. रोजाना कई घंटे पढ़ाई करते हुए यूपीएससी के लिए पूरी तरह समर्पित रहे. आखिरकार वह यूपीएससी 2022 में प्रीलिम्स, मेन्स और इंटरव्यू राउंड क्लियर करने में कामयाब रहे. उन्होंने ऑल इंडिया 17वीं रैंक हासिल की.

अविनाश कुमार ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा महज 25 साल की उम्र में क्लियर की वह भी टॉपर रैंक के साथ. मीडिया से बातचीत में उन्होंने बताया कि शुरुआत में कोचिंग की. इसके बाद सेल्फ स्टडी को हथियार बनाया. अविनाश ने यूपीएससी एस्पिरेंट्स को सिलसिलेवार ढंग से गंभीरतापूर्वक पढ़ने की सलाह दी. उनका कहना है कि बिना सेल्फ स्टडी के यूपीएससी क्लियर नहीं किया जा सकता.

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