Side-effects of Bitter Gourd : करेला का नाम सुनते ही काफी लोग अपना नाक-भौं सिकोड़ने लगते हैं क्योंकि इसका स्वाद बेहद कड़वा होता है जिसके कारण हर कोई इसे खा नहीं पाता है. टेस्ट को नजरअंदाज कर दें तो इसे एक बेहद पौष्टिक सब्जी माना जाता है जो अपने औषधीय गुणों के लिए मशहूर है. करेला खाने कई हेल्थ इश्यू को सॉल्व किया या इसे रोका जा सकता है. हालांकि भारत के मशहूर न्यूट्रिशन एक्सपर्ट निखिल वत्स (Nikhil Vats) के मुताबिक अगर आप इसे हद से ज्यादा खाएंगे तो उल्टा असर हो सकता है. आइए जानते हैं अधिक मात्रा में करेले का सेवन करने के नुकसान क्या-क्या हैं.
कब नहीं खाना चाहिए करेला?
1. टाइप-1 डायबिटीज
जो लोग टाइप-1 डायबिटीज (Type 1 Diabetes ) से पीड़ित हैं उनके लिए करेले की सब्जी या करेले के जूस का सेवन करना अच्छा नहीं है, क्योंकि ये अचानक ब्लड शुगर को काफी कम (Low Blood Sugar Level) कर सकता है जिससे कमजोरी और चक्कर आने की शिकायत हो सकती है.
2. प्रेग्नेंसी
प्रेग्नेंट महिलाओं (Pregnant Women) को को भी करेले (Bitter Gourd) के सेवन से परहेज से बचना चाहिए क्योंकि ये गर्भाशय को प्रभावित कर सकता है और पेट में पल रहे बच्चे (Unborn Baby) की सेहत पर बुरा असर डाल सकता है.
3. किडनी स्टोन
करेले में ऑक्जलेट (Oxalate) की भरपूर मात्रा पाई जाती है इसलिए जो लोग इसका सेवन करते हैं उनको किडनी स्टोन (Kidney Stone) की समस्या हो सकती है. साथ ही करेले की वजह से गुर्दे में टॉक्सिसिटी बढ़ जाती है.
करेले का कड़वापन कैसे करें कम?
अगर आप चाहते हैं कि करेले में मौजूद कड़वापन कम हो जाए और इसका अधिक नुकसान भी न हो तो ऐसे में आपके इसे सही तरीके से पकाना होगा. सबसे पहले करेले को अच्छी तरह धो लें और इसके बीजों को निकाल दें, क्योंकि सीड्स ज्यादा कड़वे होते हैं. आप चाहें तो करेले की सब्जी बनाने में ज्यादा प्याज का इस्तेमाल कर सकते हैं.