रोटेशन के आधार पर पचास प्रतिशत अदालतें करेगी कार्य।
जिला बार परिसर सहित सभी चैम्बर कॉम्प्लेक्स को करवाया गया सेनेटाइजेशन।
हिसार,
कोरोना के बढ़ते प्रकोप का प्रभाव अदालती कार्यवाही भी अछूती नही रही। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय को आये दिशानिर्देश अनुसार स्थानीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश अरुण कुमार सिंघल ने अदालती कार्यवाही को लेकर नए आदेश जारी किए है। जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट मनदीप बिश्नोई ने बताया कि मंगलवार से रोटेशन के आधार पर केवल पचास प्रतिशत न्यायिक अधिकारी ही अदालत में बैठेंगे।
एडवोकेट बिश्नोई ने कहा मंगलवार से आगामी 30 अप्रैल तक अदालतों में केवल जरूरी मामलों की सुनवाई होगी, जिनमे जमानत, स्टे मैटर, एकतरफा मामले, सहमति से तलाक के मामले, सुपरदारी और क्लैम केस के रिफंड बाउचर जारी करने के मामले शामिल होंगे। इसके अलावा किसी प्रकार के केसों में कोई सुनवाई नही होगी।
इसके अलावा इस अवधि के दौरान जिन लम्बित मामलों में अभियुक्त जमानत पर है, उनको भी व्यक्तिगत तौर पर पेश न होने की छूट प्रदान की गई है। जो नए मामले दायर किये जाने है वह भी केवल दोपहर साढ़े बारह बजे तक ही दायर किये जा सकेंगे।
एडवोकेट बिश्नोई ने सभी अधिवक्ताओं से आग्रह करते हुए कोविड नियमों को ध्यान में रखते हुए अपने आप को सुरक्षित रखने की बात की है। बार एसोसिएशन के सचिव एडवोकेट संदीप बूरा ने कहा कि कोरोना से बचाव के लिये सम्पूर्ण बार परिसर सहित वकीलों के चैम्बर कॉम्प्लेक्स को सेनेटाइज करवाया गया है क्यों कि इस महामारी से केवल एहतियात बरतकर ही बचा जा सकता है।