
अपने घर पर रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए छोटी मूर्ति का चयन करें. मूर्ति धातु, पत्थर या फिर मिट्टी की हो सकती है. मूर्ति खंडित और तेजहीन न हो. सुंदर मूर्ति का चयन करना चाहिए. (Canva)

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 29 मिनट 8 सेकंड से 12 बजकर 30 मिनट 32 सेकंड तक है. शुभ समय में सबसे पहले रामलला को स्नान कराएं. (canva)

रामलाल का पंचामृत से अभिषेक करें. उसके लिए मंत्र पयोदधिघृतं चैव मधु च शर्करायुतं। पंचामृतं मयानीतं स्नानार्थं प्रतिगृह्यताम॥ पढ़ें. फिर जल से स्नान कराएं और मंत्र शुद्ध जल स्नानं समर्पयामि का उच्चारण करें. (canva)

फिर रामलला को वस्त्र पहनाएं और उनका श्रृंगार करें. उनको चंदन, फूल, माला, इत्र, मुकुट, धनुष, बाण आदि से सुशोभित करें. उसके बाद पूजा स्थान पर चांदी का सिंहासन रखें. (Canva)

अब आप मूर्ति को दाहिने हाथ से ढक दें. अस्यै प्राणा: प्रतिष्ठंतु अस्यै प्राणा: क्षरन्तु च। अस्यै देवत्वम् आचार्यै मामहेति च कश्चन।। श्रीरामचंद्र देवता सुप्रतिष्ठिते वरदे भवेताम्। मंत्र का उच्चारण करके और अक्षत् डालकर रामलला को सिंहासन पर प्रतिष्ठित करें. (Canva)

यदि आपको मंत्र नहीं याद है या पढ़ने में समस्या हो रही है तो सिर्फ राम नाम का जप करें. या रामाय नम:, राम भद्राय नम:, रामचंद्राय नम:, सीतारामाभ्याम नम: का जाप करें. (Canva)

रामलला का मुख पूर्व या फिर पश्चिम दिशा में करके रखें. उनकी पूजा के लिए सफेद सुगंधित पुष्प का उपयोग करें. पूजा सामग्री में फूल, माला, अक्षत्, चंदन, धूप, दीप, बत्ती, कपूर, फल, मिठाई, नैवेद्य आदि का उपयोग करें. (Canva)

रामलला की छोटी मूर्ति लिए लड्डू का भोग लगाएं. यदि मूर्ति बड़ी है तो उनको 56 भोग का भोग लगाएं या घर पर आप जो भी भोजन बनांए, उसका भोग लगाएं. (Canva)

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन आप अपने घर पर रामायण या रामचरितमानस पाठ का आयोजन कर सकते हैं. आपके पूरे परिवार पर प्रभु राम की कृपा होगी. उनके आशीर्वाद से जीवन में हर सुख प्राप्त होगा.