खास कार्यक्रम ‘राइजिंग भारत’ में संगीत की दुनिया के चार महारथी पहुंचे. सिंगर और कंपोजर शंकर महादेवन के अलावा बांसुरी वादक राकेश चौरसिया, पर्कशनिस्ट वी. सेल्वागणेश और वायलिस्ट गणेश राजगोपालन ने मंच पर आकर भारत और भारतीयता पर अपने विचार जाहिर किए. सभी सितारे मशहूर तबला वादक जाहिर हुसैन को मंच पर मिस कर रहे थे.
संगीत की दुनिया की मशहूर शख्सियतें ‘शक्ति बैंड’ का हिस्सा हैं, जिसने ग्रैमी अवॉर्ड 2024 में ‘दिस मोमेंट’ के लिए अलग-अलग कैटेगरी में ग्रैमी अवॉर्ड जीतकर देश का मान बढ़ाया है. शंकर महादेवन ने मंच पर उस दौर को याद किया, जब उन्होंने संगीतकारों के साथ मिलकर यूरोप में खूब काम किया था, कॉन्सर्ट किए थे. वी. सेल्वागणेश ने देश पर कहा, ‘भारत दुनिया की शक्ति है और भारत के प्रधानमंत्री भी ग्रैमी अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट हुए थे.’ राकेश चौरसिया के लिए भारत, सांस लेने जैसा है.
पांच साल की उम्र से सक्रिय हैं शंकर महादेवन
शंकर महादेवन ने बॉलीवुड के कई यादगार गाने गाए हैं. वे ग्रैमी अवॉर्ड विनर हैं और ‘शंकर-एहसान-लॉय’ तिकड़ी का हिस्सा रहे हैं, जो भारतीय फिल्मों के लिए गीत-संगीत रचते रहे हैं. बता दें कि शंकर महादेवन पांच साल की उम्र से संगीत की दुनिया में हैं. उन्होंने संगीत में कदम रखने से पहले सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर काम किया था.
‘ब्रेथलेस’ से मशहूर हुए थे शंकर महादेवन
शंकर महादेवन शुरू में भारतीय पॉप स्टार के रूप में लोकप्रिय हुए. उनका एल्बम ‘ब्रेथलेस’ साल 1998 में टॉप पर रहा था. पर्कशनिस्ट वी. सेल्वगणेश की बात करें, तो उन्होंने तमिल फिल्म ‘Vannila Kabadi Kuzhu’ से बतौर कंपोजर डेब्यू किया था.