Rahul Dravid: इतने शांतिपूर्वक इंशान है द्रविड़, फिर भी घिर चुके हैं इन 5 बड़े विवादों से

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Rahul Dravid: ग्रेग चैपल जब टीम इंडिया के कोच थे तब सौरव गांगुली से उनके मतभेद खुलकर सामने आए. ग्रेग चैपल ने अपनी कोचिंग पावर का इस्तेमाल करते हुए सौरव गांगुली को टीम से बाहर तक करा दिया था. खबरों के मुताबिक जब सौरव गांगुली से ग्रेग चैपल का विवाद चल रहा था, तब राहुल द्रविड़ चुप्पी साधे हुए थे और चैपल के फैसलों पर हां में हां मिलाए जा रहे थे. सौरव गांगुली ने एक बयान भी दिया था, जिसमे उन्होंने कहा था कि राहुल द्रविड़ ने गलती की थी, जो वह ग्रेग चैपल के फैसलों के खिलाफ नहीं बोले थे. बाद में वर्ल्ड कप 2007 में हार के बाद बीसीसीआई ने उन्हें भारतीय कोच पद से हटा दिया था.

  1. शोएब अख्तर से हुआ झगड़ा
    राहुल द्रविड़ अपने 16 साल के लंबे क्रिकेट करियर में कभी अपना आप खोते हुए नजर नहीं आए, लेकिन वह चैंपियंस ट्रॉफी साल 2004 में पाकिस्तान के खिलाफ हुए मैच में अपना आप खो बैठे थे. दरअसल, राहुल द्रविड़ जब रन ले रहे थे, तो वह शोएब अख्तर से टकरा गए थे. टकराने के बाद अख्तर उन्हें कुछ बोलने लगे थे. ऐसे में द्रविड़ ने अपना गुस्सा दिखाया और शोएब अख्तर से बहसबाजी की. इसके बाद अंपायर और बाकि खिलाड़ियों ने मामले को शांत कराया था. इस मैच में भारतीय टीम को 7 विकेट से हार का सामना करना पड़ा था. भारत से मिले 201 रन के लक्ष्य को पाकिस्तान ने 7 विकेट खोकर 49.2 ओवर में हासिल कर लिया था.

  2. सचिन को दोहरा शतक बनाने का मौका नहीं दिया
    साल 2004 में पाकिस्तान के खिलाफ खेले गए मुल्तान टेस्ट मैच में वीरेंद्र सहवाग के तिहरा शतक जमाने के बाद ही कप्तान राहुल द्रविड़ ने पारी घोषित कर सभी को चौंका दिया था. उस समय सचिन तेंदुलकर 194 रन बनाकर क्रीज पर मौजूद थे और उन्हें अपना दोहरा शतक बनाने के लिए केवल 6 रन की जरूरत थी. वीरेंद्र सहवाग के तिहरे शतक के कुछ देर बार ही राहुल द्रविड़ ने भारत की पहली पारी 5 विकेट पर 675 रनों के स्कोर पर घोषित कर दी थी. यह देख सचिन तेंदुलकर भी हैरान रह गए थे. हालांकि भारत ने यह मैच पारी और 52 रनों से अपने नाम कर लिया था. मैच में सहवाग ने 309 रन की पारी खेली थी. मैच के बाद राहुल द्रविड़ की खूब आलोचना हुई थी.

  3. जिम्बाब्वे के खिलाफ 2004 में बॉल टेम्परिंग
    ICC ने क्रिकेट को जेंटलमैन गेम बनाए रखने के लिए कुछ कानून बनाए हैं. इसमें गेंद से जुड़े सख्त कानून भी हैं. इस कानून के मुताबिक कोई भी खिलाड़ी गेंद के आकार और उसकी बनावट के साथ छेड़छाड़ नहीं कर सकता है. यदि ऐसी कोई घटना पाई जाती है, तो उसे बॉल टेंपरिंग कहा जाता है. साल 2004 में ऑस्ट्रेलिया में हुई ट्राई सीरीज के दौरान ब्रिस्बेन में जिम्बाब्वे के खिलाफ हुए वनडे मैच में राहुल द्रविड़ पर बॉल पर जैली लगाने का आरोप लगा था. इस मामले में मैच रेफरी क्लाइव लॉयड ने उन पर जुर्माना लगाया था. इस मैच में राहुल द्रविड़ ने 106 गेंदों पर 84 रनों की पारी भी खेली थी. उनकी इस पारी के दम पर भारत 255 रन बना पाया था. जवाब में जिम्बाब्वे की टीम 231 रन ही बना पाई थी और टीम इंडिया ने जीत दर्ज की थी.

  4. स्पॉट फिक्सिंग के वक्त थे राजस्थान रॉयल्स के कप्तान
    IPL 2013 में भारतीय टीम के तेज गेंदबाज एस श्रीसंत, अजित चंदीला और अंकित चव्हाण स्पॉट फिक्सिंग में लिप्त पाए गए थे. जिसके चलते उन्हें अपने कुछ दिन जेल में भी बिताने पड़े थे. एस श्रीसंत के साथ अजित चंदीला व अंकित चव्हाण जैसे खिलाड़ी भी स्पॉट फिक्सिंग में शामिल थे. बता दे कि साल 2013 के IPL में एस श्रीसंत समेत अजित चंदीला और अंकित चव्हाण को दिल्ली पुलिस ने एक होटल से पकड़ा था, जिसके बाद तीनों पर स्पॉट फिक्सिंग का केस चला था. तीनों ने ही अपना कुछ समय जेल में बिताया था. बीसीसीआई ने इन तीनों ही खिलाड़ियों पर आजीवन क्रिकेट से प्रतिबंधित कर दिया था. उस समय राहुल द्रविड़ ही राजस्थान रॉयल्स टीम के कप्तान थे और कुछ समय के लिए उनका नाम भी विवादों में पड़ गया था.

 

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