बच्चों को रोजगार से जोड़ने के उद्देश्य से लगातार कुछ ना कुछ अनोखे प्रयास किया जा रहे हैं. इसी कड़ी में अब उच्च प्राथमिक विद्यालय में पंजीकृत बच्चों को तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास में दक्ष किया जाएगा. आपको बता दें कि पढ़ाई के साथ-साथ अब तकनीकी शिक्षा और रोजगार परक प्रशिक्षण बच्चों को दिया जाएगा. इसके लिए प्रत्येक विद्यालय में धनराशि भी आवंटित कर दी गई है. वहां पर स्किल डेवलपमेंट लैब तैयार कर जनपद में यह सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी.
बेसिक शिक्षा विभाग के प्रयास से जिले में संचालित 434 उच्च प्राथमिक विद्यालयों में प्रथम चरण में 26 विद्यालयों को इसमें चिन्हित किया गया है. भविष्य में आगे अन्य विद्यालयों में यह मिशन चलाया जाएगा. इसमें कक्षा 6, 7, 8 और 9 के बच्चों को कौशल विकास में हुनरमंद बनाया जाएगा. बच्चों को कोई असुविधा न हो इसके लिए कौशल विकास मिशन के मास्टर ट्रेनर बच्चों को उनकी पसंद के ट्रेड में उनको ट्रेनिंग देकर सेवायोजित करने का काम करेंगे.
अलग-अलग क्षेत्र में दिया जाएगा प्रशिक्षण
बच्चों को भविष्य में रोजगार के अवसर मिल सके. इसके लिए शिक्षक स्कूलों में जाकर बच्चों को अलग-अलग ट्रेडों में प्रशिक्षण देंगे. इन ट्रेड में इंजीनियरिंग वर्कशॉप, एनर्जी एनवायरमेंट, एग्रीकल्चर, नर्सरी, गार्डनिंग, हेल्थ केयर के साथ अन्य ट्रेड शामिल हैं. इस लैब के जरिए बच्चों को यहीं पर सभी कंप्यूटर ज्ञान के साथ अन्य ज्ञान उपलब्ध कराए जाएंगे. जिससे बच्चे रोजगार के अवसर से लाभवांवित होंगे. आपको बता दें कि इस पूरे ट्रेड में बच्चों को प्रशिक्षण देना शुरू कर दिया गया है और कुछ बच्चे अलग-अलग क्षेत्र में प्रशिक्षण ले भी रहे हैं.
पढ़ाई के साथ बच्चे होंगे सेवायोजित
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी संजय कुमार तिवारी ने लोकल 18 से बातचीत के दौरान बताया कि हमारा मुख्य उद्देश्य बच्चों को रोजगार से जोड़ना है. जिसके लिए हमारे जनपद में 26 उच्च प्राथमिक विद्यालयों का चयन किया गया है. जिसमें बच्चों को कौशल विकास के तहत लर्निंग बाय डूइंग में उनको प्रशिक्षित किया जाएगा. कौशल विकास मिशन के तहत पढ़ाई के साथ बच्चों को सेवायोजित करने में मदद भी मिलेगी.