NEET Result 2024: ग्रेस मार्क्स के कारण 1563 छात्रों का परिणाम रद्द फिर होगा एग्जाम

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हाल ही में घोषित NEET 2024 के परिणामों में बहुत विवाद हुआ है. 1563 कैंडिडेट्स, जिन्होंने ग्रेस मार्क्स प्राप्त किया था, के परिणाम रद्द कर दिए गए हैं और उन्हें फिर से परीक्षा देनी होगी. आइए, इस मामले को गहराई से समझते हैं और इसके विभिन्न पक्षों पर विचार करते हैं।

NEET Exam Result 2024: सुप्रीम कोर्ट ने NEET UG परीक्षा में ग्रेस मार्क्स पाने वाले 1563 उम्मीदवारों के रिजल्ट को रद्द करने का प्रस्ताव मंजूर किया है। अब इन उम्मीदवारों को दोबारा परीक्षा में भाग लेने का अवसर मिलेगा।

NEET Exam Result 2024: केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 1563 कैंडिडेट एनईटी यूजी रिजल्ट को रद्द करने का निर्णय लिया गया है, जिसे टाइम लॉस मामले में ग्रेस मार्क्स दिया गया था। इसमें कहा गया है कि इन विद्यार्थियों को फिर से परीक्षा देने का मौका मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की इस मांग को मान्यता दी है। भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने NEET UG परीक्षा में कथित अनियमितताओं के मुद्दे पर एक याचिका को खारिज कर दिया और केंद्र को 1,563 उम्मीदवारों के परिणामों को रद्द करने की अनुमति दी. 5 मई को, इन उम्मीदवारों को समय बर्बाद होने के कारण ग्रेस मार्क्स दिए गए।

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अदालत ने इन कैंडिडेट के लिए दोबारा परीक्षा करने का प्रस्ताव भी माना। सुप्रीम कोर्ट में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि नीट-यूजी में पेपर लीक का कोई सबूत नहीं था, जबकि एनटीए ने कहा कि कैंडिडेट्स को ग्रेस मार्क्स देने का निर्णय गलत था।

विवाद का मूल कारण

NEET 2024 के परिणामों में ग्रेस मार्क्स देने का निर्णय एक विवादास्पद मुद्दा बन गया। राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) ने 1563 छात्रों को ग्रेस मार्क्स देने का निर्णय लिया था, जिससे वे न्यूनतम कट-ऑफ को पार कर सके। लेकिन बाद में इस निर्णय पर सवाल उठाए गए और जांच के बाद पाया गया कि इस प्रक्रिया में कुछ त्रुटियाँ थीं।

रिजल्ट रद्द होने का निर्णय

जांच में पाया गया कि ग्रेस मार्क्स देने की प्रक्रिया में कुछ खामियाँ थीं और इसे सही तरीके से लागू नहीं किया गया था। इसके परिणामस्वरूप, उन 1563 छात्रों के परिणाम रद्द करने का निर्णय लिया गया। यह निर्णय छात्रों के लिए एक बड़ा झटका साबित हुआ, क्योंकि उन्होंने अपनी सीटों के लिए मेहनत की थी और अब उन्हें दोबारा परीक्षा देनी होगी।

23 जून को दोबारा परीक्षा नहीं देना चाहने वाले उम्मीदवारों के पास क्या विकल्प हैं?

23 जून को सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए को दोबारा परीक्षा करने की अनुमति दी और उन 1563 उम्मीदवारों के स्कोरकार्ड को रद्द कर दिया। इसमें कहा गया है कि प्रभावित उम्मीदवार को ग्रेस मार्क्स के मूल अंक को स्वीकार करना होगा अगर वे दोबारा परीक्षा नहीं देना चाहते हैं।

NTA ने स्पष्ट किया है कि उनका उद्देश्य हमेशा परीक्षा की प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाना है। उन्होंने स्वीकार किया कि ग्रेस मार्क्स देने में त्रुटियाँ हुई थीं, और इसे सुधारने के लिए उन्होंने यह कठोर कदम उठाया है। NTA ने यह भी आश्वासन दिया है कि नई परीक्षा जल्द ही आयोजित की जाएगी और इसके लिए सभी आवश्यक सुविधाएँ और समय दिया जाएगा ताकि छात्र अच्छी तैयारी कर सकें।

फिर से परीक्षा की तैयारी

1563 छात्रों के लिए फिर से परीक्षा देने का फैसला निश्चित रूप से चुनौतीपूर्ण है, लेकिन इसे सकारात्मक दृष्टिकोण से देखने की आवश्यकता है। छात्रों को अपनी तैयारियों को पुनः व्यवस्थित करना होगा और अपने कमजोर क्षेत्रों पर अधिक ध्यान देना होगा।

पुनः तैयारी के लिए सुझाव:

  1. समय प्रबंधन: दोबारा परीक्षा की तैयारी के लिए छात्रों को समय प्रबंधन पर विशेष ध्यान देना चाहिए। एक सटीक समय सारणी बनाकर उस पर अमल करना चाहिए।
  2. मॉक टेस्ट: मॉक टेस्ट देने से वास्तविक परीक्षा के पैटर्न को समझने और अपनी गति को बढ़ाने में मदद मिलेगी। इससे आपको अपनी तैयारी का सही आकलन भी हो सकेगा।
  3. अध्ययन सामग्री: अपनी पुरानी अध्ययन सामग्री की समीक्षा करें और यदि आवश्यक हो, तो नई और प्रासंगिक सामग्री को शामिल करें। पिछले परीक्षा के सवालों को हल करें और उन विषयों पर ध्यान केंद्रित करें जो आपको पहले मुश्किल लगे थे।
  4. स्वास्थ्य का ख्याल रखें: परीक्षा की तैयारी के दौरान अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना बेहद महत्वपूर्ण है। सही खान-पान, पर्याप्त नींद और नियमित व्यायाम से आपकी शारीरिक और मानसिक सेहत अच्छी रहेगी।
  5. मानसिक तैयारी: परीक्षा की तैयारी के साथ-साथ मानसिक तैयारी भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। सकारात्मक सोच बनाए रखें और यदि जरूरत हो, तो काउंसलिंग लें। मानसिक तनाव को कम करने के लिए ध्यान (मेडिटेशन) और योग का अभ्यास करें।

भविष्य की दिशा

यह घटना NEET जैसी महत्वपूर्ण परीक्षा की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर सवाल उठाती है। इससे यह स्पष्ट होता है कि परीक्षा प्रणाली में सुधार और निगरानी की आवश्यकता है ताकि भविष्य में इस प्रकार की समस्याओं से बचा जा सके।

सुधार के उपाय:

  1. प्रक्रियाओं की सख्त निगरानी: ग्रेस मार्क्स देने जैसी प्रक्रियाओं पर सख्त निगरानी होनी चाहिए ताकि किसी भी प्रकार की त्रुटि से बचा जा सके।
  2. पारदर्शिता बढ़ाना: परीक्षाओं के परिणाम घोषित करते समय पारदर्शिता बढ़ाई जानी चाहिए ताकि छात्रों को यह स्पष्ट हो कि उनके अंक कैसे आए हैं।
  3. छात्रों के लिए सहायता: इस प्रकार की घटनाओं से प्रभावित छात्रों के लिए सहायता प्रदान की जानी चाहिए ताकि वे मानसिक और शारीरिक रूप से परीक्षा के लिए तैयार हो सकें।
  4. नियमित समीक्षा: NEET परीक्षा प्रक्रिया और उसके नियमों की नियमित समीक्षा और अपडेट किया जाना चाहिए ताकि कोई भी त्रुटि न हो सके।

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