पूर्वांचल के माफिया और बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी की मौत के बाद उनकी क्राइम कुंडली के चर्चे हो रहे हैं. संगीन अपराध से जुड़े कई मामलों में मुख्तार अंसारी नामजद आरोपी था. इनमें LMG यानी लाइट मशीन गन का केस सबसे चर्चित रहा. इस मामले में मुख्तार अंसारी पर आतंकवाद निरोधी कानून POTA तक लग गया था. लाइट मशीन गन की ताकत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 20 साल पहले माफिया मुख्तार अंसारी इस हथियार को एक करोड़ रुपये में खरीदने को तैयार हो गया था.
लाइट मशीन गन का इस्तेमाल सिर्फ सेना के द्वारा किया जाता है. क्योंकि, यह बेहद घातक ऑटमैटिक हथियार है. आइये आपको बताते हैं एलएमजी की कीमत और शूटिंग रेंज. आखिर ये कैसे दूर बैठे दुश्मन के परखच्चे उड़ा सकती है.
क्या है LMG
लाइट मशीन गन यानि LMG, सटीक रेंज और दुश्मनों को तगड़ा नुकसान पहुंचाने के लिए जानी जाती है. एलएमजी, सेना के शास्त्रागर में रखी सबसे घातक गन है. दुनिया के कई देशों की सेनाओं के पास एलएमजी होती है. हालांकि, इसकी कीमत, शूटिंग रेंज और प्रकार अलग-अलग हैं. मार्च 2021 में भारतीय सेना के लिए इजराइल में निर्मित लाइट मशीन गन NG-7 की पहली खेप भारत में आई थी. इसका इस्तेमाल दुनिया भर के सैन्य संघर्ष क्षेत्रों में किया जाता है. NEGEV NG7 को दुनिया की सबसे बेहतरीन, सबसे हल्की, सबसे विश्वसनीय लाइट मशीन गन माना जाता है.
-इजराइल वेपन इंडस्ट्री की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, NEGEV NG7 लाइट मशीन गन 7.62X51mm क्षमता से लैस एक एडवांस, कॉम्पैक्ट और लाइट मशीन गन है.
-इस एलएमजी की शूटिंग रेंज 800 मीटर है यानी एक किलोमीटर से थोड़ी-सी कम. ऐसे में दूर बैठे दुश्मन को आसानी से निशाना बनाया जा सकता है.
-NG-7 से एक मिनट में 700 गोलियां दागी जा सकती हैं. इस मशीन गन में एक बार में 150-200 बुलेट आती हैं और चंद सेंकड में नया राउंड लगाया जा सकता है.
-M249 भी एक लाइट मशीन गन है जिसकी इफेक्टिव शूटिंग रेंज 700-800 मीटर है.
माफिया मुख्तार क्यों खरीदना चाहता था LMG
माफिया मुख्तार अंसारी ने बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या से पहले सेना से चुराई गई एलएमजी को खरीदने की योजना बनाई थी. उस समय के तत्कालीन डीएसपी शैलेंद सिंह कई इंटरव्यू में यह बता चुके हैं कि उन्होंने मुख्तार अंसारी के फोन टैप किए थे. इस दौरान उन्हें यह पता लगा कि मुख्तार अंसारी किसी शख्स से लाइट मशीन गन खरीदने की बात कर रहा था. इसके लिए 1 करोड़ रुपये की डील तक हो गई थी. शैलेंद्र सिंह के अनुसार, मुख्तार अंसारी, लाइट मशीन गन का इस्तेमाल कृष्णानंद राय की हत्या के लिए करना चाहता था.