M S Swaminathan Death News : हरित क्रांति के साथ देश के लिए दिए बड़े योगदान, PM ने जताया दुःख

M S Swaminathan Death News : तमिलनाडु के एक अस्पताल में भारतीय कृषि के मशहूर वैज्ञानिक एम एस स्वामीनाथन ने अंतिम सांस ली. 98 साल की उम्र में उनका निधन हो गया. 7 अगस्त, 1925 को तमिलनाडु के तंजावुर जिले में जन्मे स्वामीनाथन ने 1970 के दशक में वो काम कर दिखाया जिसके बाद भारत खाद्यान्न आयातक की जगह निर्यातक बन गया. उन्होंने इस बात पर विशेष ध्यान दिया था कि जब तक भारतीय किसान उपज बढ़ाने की दिशा में काम नहीं करेंगे तब कर खेती के क्षेत्र में तरक्की नहीं हो सकती है. उन्होंने भारत सरकार से गुजारिश की खाद्यान्न उत्पादन में बढ़ावा के लिए संस्थागत विकास जरूरी है, सरकार को सिंचाई के साधनों, फर्टिलाइजर और हाई यिल्डिंग सीड्स पर काम करना होगा.

पीएम ने जताया दुख
एम एस स्वामीनाथन के निधन पर पीएम नरेंद्र मोदी ने दुख जताते हुए कहा कि कृषि के क्षेत्र में भारत को अपूर्णीय क्षति हुई है. कृषि के क्षेत्र में उनके योगदान को देश सदैव याद रखेगा. बता दें कि 1972 से 1979 तक आईसीएआर की जिम्मेदारी संभाली. कृषि क्षेत्र में शानदार योगदान के लिए भारत सराकर ने पद्म भूषण से सम्मानित किया था.

जब स्वामीनाथन का बदल गया मन

स्वामीनाथन के बारे में कहा जाता है कि वो पहले पुलिस अधिकारी बनना चाहते थे. पेशे से सर्जन पिता की भी चाहत थी कि उनका बेटा पुलिस सेवा में जाए लेकिन हालात कुछ इस तरह से बदले की सोच बदल गई. आजादी की लड़ाई में महात्मा गांधी का इतना असर पड़ा की स्वामीनाथन की सोच बदल गई और वो खेती की बेहतरी की दिशा में काम करने के बारे में सोचने लगे. 1965 की लड़ाई में जब अमेरिका ने भारत को सड़ा अनाज भेजा उस वक्त तत्कालीन पीएम ने देश के कृषि वैज्ञानिकों से कृषि के क्षेत्र में बेहतरी की अपील की और उस पृष्ठभूमि में हरित क्रांति का विचार सामने आया

TheNationTimes

Learn More →

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

%d bloggers like this: