दाहिने हाथ से ही क्यूँ मिलता है आशीर्वाद, शास्त्रों के माध्यम से जाने

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शास्त्रों में ऐसी कई बातों का उल्लेख मिलता है, जिसका अगर नियम के साथ पालन किया जाए तो घर की समृद्धि बनी रहती है. ऐसी मान्यता है किसी भी शुभ काम को करने के लिए दाहिने हाथ का ही इस्तेमाल किया जाता है. इसमें सबसे पहले बात आती है आशीर्वाद की. इसमें भी दाहिने हाथ से आर्शीवाद देने का महत्व बताया गया है. बात चाहे पूजा-पाठ, आर्शीवाद की हो या फिर मांगलिक आयोजन की, हर शुभ कार्यों को दाहिने हाथ से ही संपन्न किया जाता है. माना जाता है कि दाहिने हाथ से आशीर्वाद मिलने पर व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव होते हैं और शुभ परिणाम मिलते हैं.

1. दाहिने हाथ को क्यों माना जाता है शुभ?
दाहिना हाथ सूर्य ऊर्जा से संबंध रखता, इसलिए दाहिने हाथ को शुभ माना जाता है. ऐसे में अगर दाहिने हाथ से आशीर्वाद दिया जाए तो इससे सकारात्मकता का संचार होता है.

2. सकारात्मकता से संबंध
मान्यता है कि मनुष्य के शरीर का दाहिना हिस्सा ताकत और सकारात्मक गुणों से भरपूर होता है. इसके विपरीत बायां हिस्सा कमजोरी और नकारात्मकता से संबंध रखता है.

3. दूर रहती है नकारात्मक ऊर्जा
दाहिने हाथ से आशीर्वाद, यह किसी भी नकारात्मक एनर्जी को दूर रखता है. हिंदू धार्मिक परंपराओं में दाहिने हाथ को सौर ऊर्जा के विस्तार के साथ जोड़कर भी देखा जाता है. जो आशीर्वाद के रूप में सकारात्मकता को बढ़ावा देता है. इसी वजह से अक्सर दाहिने हाथ से आशीर्वाद देना शुभ माना जाता है.

4. दाहिना हाथ एक्टिव होता है
इसके अलावा व्यक्ति का दाहिना हाथ एक्टिव होता है और बाएं हाथ के अपेक्षा मजबूत भी, इसलिए हम अक्सर अपने कार्य दाहिने हाथ से ही करते है. ऐसे कार्य जिसमें ज्यादा ऊर्जा की आवश्कता होती है, वे काम दाहिने हाथ से होते हैं. दाहिने हाथ का इस्तेमाल पवित्र कार्य को संपन्न करने के लिए भी होता है.

5. ज्योतिष दृष्टिकोण भी है खास
व्यक्ति का शरीर का दाहिना हाथ ज्योतिषीय उल्लेख में भी आशीर्वाद देने के लिए महत्वपूर्ण माना गया है. ज्योतिष मान्यताएं हैं कि हमारे शरीर के कुछ विशेष अंग ग्रहों से संबंध रखते हैं. वहीं दाहिने हाथ की बात करें तो इसका संबंध सिंह राशि और उसके शासक ग्रह सूर्य से होता है. सिंह शरीर के ऊपरी अंगों पर प्रभाव रखता है, जिससे वो साहस, मजबूती का प्रतिनिधित्व करता है.

6. बाएं हाथ से आशीर्वाद क्यों नहीं देते है?
बाएं हाथ से कोई भी शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं. इसकी वजह ये है कि बायां हाथ शुद्ध नहीं होता है. इससे कोई भी पवित्र कार्य करने की मनाही होती है.

7. बायां हाथ अपवित्र होता है
आपने अक्सर पूजा-पाठ में दाहिने हाथ का इस्तेमाल ही देखा होगा क्योंकि दाहिने हाथ को शुभ कार्य के लिए पवित्र माना गया है. इसके विपरित बायां हाथ अपवित्र होता है, इसलिए पूजा-पाठ या कोई भी शुभ कार्य बाएं से करने की पूर्णता मनाही होती है.

8. शास्त्रों में भी है इस बात का उल्लेख
इन्ही वजहों से शास्त्रों में भी इस बात का उल्लेख मिलता है कि किसी भी प्रकार का शुभ काम बाएं हाथ से न किया जाए. वो कार्य सिर्फ दाहिने हाथ से ही संपन्न हों. ताकि आपकी पूजा सफल रहे और आपको इसका पूरा लाभ मिले, इसलिए आर्शीवाद जैसे शुभ काम को भी दाहिने हाथ से ही किया जाता है. ताकि व्यक्ति को इसका पूरा सकारात्मक लाभ मिले.

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