India Budget 2024: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश करेंगी. इस बजट में किसी तरह की कोई बड़ी घोषणा नहीं होगी. अंतरिम बजट 2024 में किसी तरह का बड़ा नीतिगत बदलाव होने की उम्मीद नहीं है. केंद्रीय बजट 2024 अप्रैल-मई में नई सरकार के गठन के बाद ही पेश किया जाएगा. पहले आम बजट हर साल अलग ही दिन पेश किया जाता था. लेकिन पिछले कुछ सालों से इसे 1 फरवरी को पेश किया जा रहा है.
फरवरी के अंत में पेश किया जाता था बजट
लेकिन अभी भी बहुत से लोगों के दिमाग में यही है कि संसद में बजट को हर साल फरवरी के अंत में पेश किया जाता है. बजट को संसद के पटल पर पेश करने के दिन की परंपरा को पहली बार साल 2017 में बदला गया। उस समय वित्त मंत्रालय की तरफ से बजट दस्तावेज पहली बार महीने के आखिरी सप्ताह की बजाय 1 फरवरी को पेश किया गया. 1 फरवरी 2017 को तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ऐलान किया था कि केंद्रीय बजट अब फरवरी के पहले दिन पेश किया जाएगा, न कि महीने के लास्ट वर्किंग डे पर.
आम बजट पेश करने की तारीख क्यों बदली गई?
बजट को महीने के आखिरी दिन के बजाय 1 फरवरी को पेश करने का पहला कारण ब्रिटिश शासन के तहत औपनिवेशिक युग के दौरान अपनाई जाने वाली प्रथा को समाप्त करना था. हालांकि, तारीख बदलने का यह एक कारण नहीं था. अरुण जेटली ने बताया था कि फरवरी के अंत में बजट पेश करने से सरकार को 1 अप्रैल से एक महीने की अवधि में नई नीतियों और बदलावों के लिए तैयारी करने के लिए कम समय मिलता है. इसलिए बजट पेश करने की तारीख में बदलाव कर इसे 1 फरवरी कर दिया गया.
रेलवे बजट अलग से पेश होना बंद
इसके अलावा तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने रेलवे के लिए अलग बजट पेश करने की प्रथा को भी खत्म कर दिया. ब्रिटिश शासनकाल में रेलवे बजट अलग से पेश किया जाता था. अरुण जेटली ने घोषणा की थी कि रेलवे बजट को केंद्रीय बजट में मिला दिया जाएगा. पहले बजट पेश करने का समय भी अलग-अलग होता था. ब्रिटिश काल में बजट स्थानीयानुसार शाम 5 बजे पेश किया जाता था. इस प्रथा को आजादी के लंबे समय बाद तक भी नहीं बदला गया था. 1999 में तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी की एनडीए सरकार के दौरान वित्त मंत्री यशवंत सिंह ने प्रस्ताव दिया कि केंद्रीय बजट शाम 5 बजे के बजाय सुबह 11 बजे पेश किया जाना चाहिए. इससे सांसदों को बजट के बारे में चर्चा और बहस के लिए ज्यादा समय मिल सकेगा.