Kale Benefits and History: भारत में बढ़ रही है केल की डिमांड, जानिए इतिहास

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Kale Benefits and History: सर्दी का मौसम खाने-पीने वाले लोगों को खूब आनंद देता है. इस मौसम में साग-सब्जियों की भरमार हो जाती है और बड़ी बात यह है कि खाया हुआ भोजन जल्दी पच भी जाता है. इसका कारण है कि जो सब्जियां या साग सर्दी के मौसम में पैदा होते हैं, उनमें पाचन क्षमता जबरदस्त होती है. इन्हीं में से एक है केल (Kale) साग. यह विदेशी साग है, लेकिन अब भारत में आसानी से मिलता है. इस साग को शरीर के लिए बेहद गुणकारी माना जाता है. यह दिमाग को दुरुस्त रखता है और आंखों की रोशनी भी बढ़ाता है. कुछ देशों में तो यह साग इतना अधिक खाया जाता है, जितना कि भारत में पालक या सरसों का साग लोग खाते हैं.

सरसों, पालक, मैथी जैसा स्वादिष्ट, हेल्दी है केल

केल को भारत में करम का साग कहा जाता है. भारत की सुपर मार्केट में यह आजकल आसानी से खरीदा जा सकता है. दिल्ली की खान मार्केट और आइएएन जैसी पॉश मार्केट में भी इसकी उपलब्धता सहज है. वैसे तो आजकल खाने-पीने का ऑनलाइन सामान बेचने वाली कंपनियों से भी केल को सीधे घर पर ही मंगाया जा सकता है. लोगों में इसकी रुचि इसलिए बढ़ रही है, क्योंकि यह सरसों, पालक, मैथी जैसा स्वादिष्ट होता है, साथ ही गुणों में भी भरपूर है. सर्दी के दिनों में यह आसानी से मिल जाता है. भारत के जो प्रदेश अधिक ठंडे हो जाते हैं, वहां यह खूब उगता और खाया जाता है. विदेशों में तो इसकी कई किस्में व स्वाद होते हैं, लेकिन भारत में इसकी बहुत अधिक वेरायटी नहीं उगाई जाती. सरसों और पत्ता गोभी परिवार का केल विटामिन ए, विटामिन सी, कैल्शियम, आयरन और विटामिन बी6 से भरपूर होता है.

इस विदेशी साग को माना जाता है सुपरफूड है

केल एक विदेशी साग है और माना जाता है कि करीब ढाई हजार वर्ष पूर्व इसकी खेती भूमध्यसागरीय क्षेत्र, रोमन, पुर्तगाल सहित यूरोप के कई क्षेत्रों में की जा रही थी. यह वहां का मुख्य भोजन भी बन गया था. अमेरिका और पूरे यूरोप में यह लोकप्रिय सब्जियों में से एक है ओर वहां इसे सुपर फूड का दर्जा मिला हुआ है. जिन देशों में सर्दी बहुत अधिक होती है, वहां तो पोषक तत्वों की अधिकता के कारण केल को खूब खाया जाता है. इन देशों में तो केल की कई प्रजातियां उगाई जाती हैं और उनका स्वाद कुछ कड़वा, कुछ मीठा, अखरोट के स्वाद जैसा, शलजम जैसा या पालक जैसा होता है. प्राचीन समय में कुछ देशों में इसका उपयोग औषधि के रूप में भी किया जाता रहा है और माना जाता है कि केल से आंतों की समस्या का इलाज किया जा सकता है. लेखक व भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. बिश्वजीत चौधरी ने अपनी पुस्तक ‘VEGETABLES’ में केल को सर्दियों का साग माना है, जो शरीर के लिए बेहद पौष्टिक है.

डाइजेशन को भी रखे दुरुस्त केल

फूड एक्सपर्ट व होमशेफ सिम्मी बब्बर का कहना है कि विटामिन्स और मिनरल्स से भरपूर होता है केल. इसमें एंटीऑक्सीडेंट काफी होता है. विटामिन के, ए, और सी और आयरन जैसे अन्य खनिजों से भरपूर है. यही तत्व शरीर को हार्ट, सूजन जैसी खतरनाक बीमारियों को रोकने में मदद करते हैं. विटामिन के हड्डियों को सुरक्षित रखता है, जबकि विटामिन ए दृष्टि स्वास्थ्य को बढ़ाता है. इसमें मौजूद विटामिन सी स्किन और बालों के स्वास्थ्य में सुधार करता है. यह फाइबर से भी भरपूर होता है, जो डाइजेशन सिस्टम को फिट रखता है. इस साग में ओमेगा-3 भी पाया जाता है. यह तत्व कोशिकाओं को रिपेयर करता रहता है. यही कार्य दिमाग को दुरुस्त रखता है और उसे कूल भी बनाए रखता है. इसमें पाया जाने वाला विटामिन के भी दिमाग के लिए लाभदायक माना जाता है. इसमें मौजूद विटामिन ए आंखों की रोशनी के लिए बेहद लाभकारी है.

 

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