Jaipur Road Rage: सरकार के खिलाफ में जयपुर में उतरे हिन्दू संगठ, बवाल में बदली लड़ाई

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Jaipur Road Rage: राजधानी जयपुर के गंगापोल इलाके में पांच दिन पहले हुई युवक इकबाल की हत्या के बाद यह मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. इस मामले में गहलोत सरकार की कथित तुष्टिकरण की नीतियों के विरोध में आज ‘जयपुर बचाओ संघर्ष समिति’ की ओर से बड़ा धरना दिया गया. प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि मामले को मॉब लिंचिग का नाम देकर हिन्दू परिवारों को प्रताड़ित किया जा रहा है. वहीं उन्होंने घटना के बाद एकत्र हुई भीड़ द्वारा हिन्दू व्यापारियों की दुकानों में लूटपाट का भी आरोप लगाया.

मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस प्रशासन अलर्ट मोड पर रहा है. धरनास्थल और शहर के भीतरी हिस्से के सभी संवेदनशील इलाकों में चप्पे-चप्पे पर भारी पुलिस फोर्स को तैनात किया गया था. जयपुर बचाओ संघर्ष समिति की ओर से धरना सुबह 10 बजे शहर के हदृयस्थल बड़ी चौपड़ दिया गया. इस दौरान जयपुर व्यापार महासंघ की ओर से 3 घंटे जयपुर बंद का आह्वान किया गया था. धरने में बड़ी संख्या में लोग उमड़े.

हिन्दुओं की दुकानों में लूटपाट का आरोप
जयपुर व्यापार महासंघ के अध्यक्ष सुभाष गोयल ने सुबह 10 बजे से दोपहर1 बजे तक बाजार बंद होने की जानकारी देते हुए आरोप लगाया कि सुभाष चौक थाना इलाके के गंगापोल में युवक की हत्या के बाद कुछ युवकों ने दुकानें बंद करवाने की कोशिश थी. आरोप है कि इस दौरान भीड़ में शामिल युवकों ने हिन्दू व्यापारियों की दुकानों में लूटपाट की. उन आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर आज 3 घंटे जयपुर के बाजार बंद रखने का निर्णय लिया गया था.

500 से ज्यादा अतिरिक्त पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया
धरने में बड़ी संख्या में बीजेपी नेता, कार्यकर्ता और साधु संत पहुंचे थे. मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए वहां 500 से ज्यादा अतिरिक्त पुलिसकर्मियों का जाब्ता तैनात किया गया था. जयपुर के परकोटे के भीतर के सभी संवेदनशील इलाकों में पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे. इसके लिए जयपुर पुलिस कमिश्नरेट के अन्य जिलों के अफसरों को भी नार्थ जिले में तैनात किया गया था.

ड्रोन से की गई प्रदर्शन की निगरानी
ड्रोन और अभय कमांड कंट्रोल सेंटर से पूरे प्रदर्शन की निगरानी की गई. इससे पहले पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने धर्म गुरुओं और शांति समिति के सदस्यों की बैठक ली थी. वहीं दोनों समुदायों के प्रबुद्धजनों के जरिये युवाओं से शांति की अपील की गई थी. धरने के दौरान एक बारगी माहौल तल्ख हो गया था. इससे प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प भी हो गई लेकिन बाद में जल्द ही समझा बुझाकर मामले को शांत करा दिया गया.

29 सितंबर की रात को हुई थी युवक की हत्या
उल्लेखनीय है कि जयपुर के सुभाष चौक थाना इलाके में 29 सितंबर की रात को दो बाइक की आपस में टक्कर हो गई. बाद में इस मामले को लेकर दो समुदायों के लोग आपस में उलझ पड़े थे. उसके बाद हुई मारपीट में युवक इकबाल (20) की मौत हो गई थी. इससे इलाके में तनाव फैल गया. समुदाय विशेष के लोग अगले दिन सुबह सड़कों पर उतर आए. मामला बढ़ता देखकर गहलोत सरकार ने दखल देकर मृतक युवक के परिजनों को हाथोंहाथ 50 लाख रुपये का मुआवजा दिया. वहीं युवक के एक परिजन को संविदा पर नौकरी और एक डेयरी बूथ के आवंटन का आश्वासन दिया गया था.

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