कर्नाटक के पूर्व मंत्री और जनता दल (सेक्युलर) के विधायक सा रा महेश ने हाल ही में (#IAS officer Rohini Sindhuri) आईएएस अधिकारी रोहिणी सिंधुरी के खिलाफ दायर मानहानि का मुकदमा वापस ले लिया. सिंधुरी ने मैसूर के डिप्टी कमिश्नर के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान जमीन हड़पने और अतिक्रमण का आरोप लगने के बाद महेश ने सितंबर 2022 में मामला दर्ज करवाया था.
भ्रष्टाचार की शिकायत कराई थी दर्ज
शनिवार को महेश ने याचिका वापस ले ली, जिसके बाद मैसूरु शहर की एक कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी. विधायक ने कहा कि उन्होंने मुकदमा वापस ले लिया, क्योंकि सिंधुरी ने उनसे माफी मांगी थी. दोनों के बीच तनातनी के बाद विधायक ने आईएएस अधिकारी के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत दर्ज कराई थी.
नौकरशाही को हुई काफी बदनामी
इसी साल फरवरी में (#IAS officer P Manivannan) आईएएस अधिकारी पी मणिवन्नन द्वारा मध्यस्थता किए गए समझौते की तस्वीरें सामने आईं थीं, जिसके बाद (#IPS officer D Roopa) आईपीएस अधिकारी डी रूपा ने सिंधुरी के खिलाफ भ्रष्टाचार और के आरोप लगाए थे. विवाद के बाद सिंधुरी और रूपा दोनों को बिना पोस्टिंग के स्थानांतरित कर दिया गया था. इस मुद्दे से संबंधित एक ऑडियो लीक ने राज्य की नौकरशाही को काफी बदनामी को सामना करना पड़ा था, क्योंकि एमएलसी एएच विश्वनाथ ने सवाल किया था कि कैसे मणिवन्नन ने महेश और सिंधुरी के बीच मध्यस्थता की. उन्होंने पूछा था कि क्या राज्य सरकार ने अधिकारी को ‘मामले निपटाने’ का अधिकार दिया है.
मुद्दे को नहीं बढ़ाएंगे आगे
पूर्व मंत्री महेश ने सिंधुरी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव भी पेश किया था और राज्य विधानमंडल के हालिया (#budget session) बजट सत्र के दौरान उनके खिलाफ शिकायतें उठाने के लिए समय मांगा था. इसके बाद विधायक ने कहा था कि सिंधुरी ने माफी मांग ली है और अब वो इस मुद्दे को आगे नहीं बढ़ाएंगे. सरकार और मुख्य सचिव को सौंपे गए दस्तावेजों के बारे में पूछे जाने पर महेश ने कहा कि सरकार तय करे कि एक्शन लेना है. उन्होंने कहा था, ‘मैं कार्रवाई शुरू करने या इस (मामलों) के बारे में कोई बयान देने के लिए कोई दबाव नहीं बनाऊंगा.’