Honeytrap Gang: यूपी ग्रेटर नोएडा पुलिस ने लोगों को हनीट्रैप में फंसाकर रुपये ऐंठने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ करने का दावा किया है. पुलिस के मुताबिक एक 38 वर्षीय महिला ने अपनी नाबालिग बेटी और भतीजी की मदद से कथित तौर पर पांच लोगों को हनीट्रैप में फंसाया. इस तरह उसने पिछले साल में लगभग 10 लाख रुपये कमाए.
इस गिरोह का भंडाफोड़ तब हुआ जब 7 जनवरी को एक 40 वर्षीय शख्स ने सूरजपुर पुलिस स्टेशन में एक शिकायत दर्ज कराई. शिकायत में जबरन डिजिटल वॉलेट का पासवर्ड लिए जाने और 1.5 लाख रुपये की शॉपिंग करने का आरोप लगाया गया.
मैसेज भेज कर दोस्ती की निमंत्रण
एडिशनल डीसीपी (सेंट्रल नोएडा) हिरदेश कठेरिया ने कहा कि आरोपी महिलाएं पुरुष व्हाट्सएप यूजर्स को मैसेज कर ऑनलाइन दोस्ती करने के मैसेज करती थी. महिलाएं ये फोन नंबर ओपन ग्रुप के जरिए हासिल करती थीं.
कठेरिया ने कहा, ‘अगर कोई व्यक्ति जवाब देता, तो लड़कियां उसे एक सुनसान इलाके पर मिलने के लिए बुलाती. जब वह शख्स मौके पर पहुंचता तो मुख्य आरोपी, कविता चौधरी, अपने दो साथियों – फारूक, (जो खुद को वकील बताता था) और विष्णु के साथ वहां पहुंच जाती और जाल मे फंसे शख्स पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाती. अगर वह शख्स पैसे देने से इनकार करता तो वे उसे फर्जी बलात्कार के मामले में फंसाने की धमकी देते.’
प्राइवेट कंपनी का अधिकारी बना गिरोह का निशाना
रविवार को नोएडा की एक प्राइवेट कंपनी का अधिकारी उनका पांचवां निशाना बना. शिकायतकर्ता ने दावा किया कि 7 जनवरी को एक महिला, (जिसने खुद को ‘कविता’ बताया) ने उसे एक अज्ञात नंबर से फोन किया और ग्रेटर नोएडा के देवला गांव में उससे मिलने के लिए कहा.
कठेरिया ने कहा, ‘अपनी शिकायत में, उस व्यक्ति ने दावा किया कि वह महिला से मिलने के लिए सहमत हो गया और शाम 7 बजे के आसपास तय जगह पर पहुंच गया. उसने महिला को अपनी बाइक पर पीछे बैठा लिया. वह महिला द्वारा सुझाए गए पते की ओर जाने लगा, तभी एक वैगनआर कार ने उन्हें रोक लिया. एक महिला, जिसकी पहचान हमने बाद में कविता के रूप में की, और उसके दो पुरुष साथी कार से उतरे और पीड़ित के साथ मारपीट करना शुरू कर दिया.’
शिकायतकर्ता को दी झूठे केस में फंसाने की धमकी
शिकायतकर्ता ने दावा किया कि महिला ने उस पर उसकी नाबालिग बेटी का अपहरण करने की कोशिश करने का आरोप लगाया, जबकि दो लोगों ने उसके साथ मारपीट की. उन्होंने पहले शिकायतकर्ता से पैसे मांगे, बाद में डिजिटल वॉलेट का पासवर्ड शेयर करने के लिए मजबूर किया. उसने दावा किया कि आरोपियों ने उसका मोबाइल फोन भी ले लिया.
शिकायतकर्ता के मुताबिक, अगली सुबह उसे पता चला कि उसके खाते से 1.47 लाख रुपये की खरीदारी की गई है.
पांच लोग गिरफ्तार 2.8 लाख कैश बरामद
पुलिस ने इस मामले में जबरन वसूली, गलत तरीके से रोकना, आपराधिक धमकी, हमला और जानबूझकर अपमान के आरोप में एफआईआर की. पुलिस टीमों ने तकनीकी सर्विलांस की मदद से गिरोह पर नज़र रखना शुरू कर दिया.
एडिशनल डीसीपी ने कहा, ‘पांचों लोगों को मंगलवार को सूरजपुर से गिरफ्तार किया गया. हमने उनके घर से 2.8 लाख रुपये कैश, चार मोबाइल फोन, एक वैगनआर और कई कपड़े और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बरामद किए हैं.’
पुलिस के मुताबिक, कविता मेरठ की मूल निवासी है और अपनी 17 वर्षीय बेटी और भतीजी पूजा चौधरी (20) के साथ सूरजपुर इलाके में रहती थी. फारूक 27 साल का है और विष्णु उर्फ डमरू श्रीवास्तव 19 साल का है.
नाबालिग को सुधार गृह भेज दिया गया, जबकि गिरोह के अन्य सदस्यों को अदालत में पेश किया गया और न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.
पुलिस को जांच में पिछले साल गिरोह द्वारा कथित तौर पर फाइल की गई तीन फर्जी बलात्कार शिकायतें मिली हैं और अधिक जानकारी के लिए रिकॉर्ड की जांच की जा रही है.