JEE में गेन की रैंक 1, फिर भी किया यह काम

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जज्बा अगर जुनून बन जाए, तो किसी भी काम को पूरा होने से कोई नहीं रोक सकता है. फिर चाहे कोई भी परीक्षा ही क्यों न हो, उसमें सफल होने से कोई नहीं रोक सकता है. ऐसे ही कहानी आईआईटी जेईई टॉपर शितिकंठ कश्यप की है. आईआईटी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के लिए लोगों के लिए जेईई मेन और एडवांस्ड एक एंट्री गेट माना जाता है. इसे पास किए बगैर यहां से पढ़ाई करने का सपना पूरा नहीं हो सकता है. आईआईटी जेईई की परीक्षा में हर साल लाखों छात्र इस परीक्षा के लिए शामिल होते हैं. उनमें से कुछ ही लोग इसे पास करने में सफल हो पाते हैं. इसके बावजूद इस परीक्षा में रैंक 1 लाना मानों किसी सपने को पूरा होने से कम नहीं है.

शितिकंठ कश्यप (Shitikanth Kashyap) ने वर्ष 2008 में आईआईटी जेईई की परीक्षा में टॉप 1 रैंक हासिल की हैं. उन्होंने सेंट माइकल हाई स्कूल, पटना से कक्षा 10वीं की परीक्षा पास की. शितिकंठ ने कक्षा 10वीं की परीक्षा में 93% और 12वीं की परीक्षा में 91% अंक हासिल किए. इसके बाद उन्होंने आईआईटी जेईई के लिए दो साल से राजस्थान के कोटा में तैयारी की. शितिकांत के माता- पिता दोनों डॉक्टर हैं. उनका बचपन से ही फिजिक्स के प्रति झुकाव था. इसलिए वह आईआईटी कानपुर से पढ़ाई करने के बाद क्वांटम कंप्यूटिंग में पीएचडी की पढ़ाई की.

आईआईटी जेईई की परीक्षा में टॉप 1 रैंक लाने के बाद शितिकांत (Shitikanth Kashyap) ने आईआईटी कानपुर से कंप्यटर साइंस में ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद वह कनाडा के वाटरलू विश्वविद्यालय से क्वांटम कंप्यूटिंग में पीएचडी पूरी की. हालांकि वह वर्तमान में क्या कर रहे हैं, लेकिन उनकी फेसबुक प्रोफ़ाइल के अनुसार उन्होंने पेरिस में लेबोरेटोएरे डी’इंफॉर्मेटिक एल्गोरिथमिक: फोंडेमेंट्स एट एप्लीकेशन में रिसर्च के तौर पर भी काम किया है.

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