मेमोरी यानी याददाश्त को तेज करने के लिए लोग कई तरीके अपनाते हैं. कुछ लोग इसके लिए मेडिटेशन करते हैं, तो कई लोग बाजार में मिलने वाले तमाम प्रोडक्ट्स के जरिए याददाश्त बढ़ाने की कोशिश करते हैं. हालांकि मेमोरी को तेज करने के लिए नेचुरल तरीके ज्यादा कारगर साबित हो सकते हैं. इनसे आपकी सेहत को भी कोई खतरा नहीं होगा और आपकी याददाश्त भी कंप्यूटर की तरह तेज हो सकती है. अगर आप भी छोटी-छोटी बातों को भूलने लगे हैं और यह परेशानी बढ़ती जा रही है, तो आपको याददाश्त बढ़ाने के लिए कुछ नेचुरल तरीके जान लेने चाहिए.
न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक आपको हेल्दी लाइफस्टाइल अपनानी चाहिए और पोषक तत्वों से भरपूर डाइट लेनी चाहिए. मेमोरी को बूस्ट करने के लिए सभी लोगों को रोजाना 7-8 घंटे की अच्छी नींद लेनी चाहिए. अच्छी नींद लेने से लॉन्ग टर्म मेमोरी इंप्रूव होती है. अमेरिकी न्यूरोसाइंटिस्ट राचेल समर्स का मानना है कि मेमोरी को तेज बनाने के लिए लोगों को रात में 8 से 10 घंटे की नींद लेनी चाहिए. इससे कम समय में याददाश्त को तेज करने में मदद मिल सकती है. मेमोरी को शार्प करने के लिए रोजाना एक्सरसाइज या कोई अन्य फिजिकल एक्टिविटी जरूर करनी चाहिए.
कई रिसर्च में यह बात सामने आई है कि एरोबिक एक्सरसाइज करने से लोगों की याददाश्त तेज हो सकती है. जानकारों की मानें तो एक्सरसाइज, स्विमिंग, रनिंग और वॉकिंग से ब्रेन तक ब्लड फ्लो बेहतर होता है और इससे ब्रेन की फंक्शनिंग इंप्रूव हो सकती है. याददाश्त तेज करने के लिए माइंडफुलनेस भी एक बेहतरीन तरीका है. अब आप सोचेंगे कि यह क्या होता है. आपको बता दें कि एक जगह आराम से बैठकर अपने माइंड और बॉडी पर फोकस करने की प्रैक्टिस को माइंडफुलनेस कहा जाता है. कई रिसर्च की मानें तो माइंडफुलनेस प्रैक्टिस अटेंशन और मेमोरी को बूस्ट करने में कारगर हो सकती है.
आपको जानकर हैरानी होगी कि कई एक्टिविटीज आपकी याददाश्त को तेज कर सकती हैं. इन्हें ब्रेन बूस्टिंग एक्टिविटी कहा जाता है. ये वे एक्टिविटीज हैं, जिनमें आपके ब्रेन को चैलेंज मिलता हो, जैसे- कोई नई भाषा सीखना, कोई इंस्ट्रूमेंट बजाने की प्रैक्टिस या कोई अनोखा काम करना आदि. इस तरह की एक्टिविटीज मेमोरी परफॉर्मेंस को बेहतर बनाती हैं. ये एक्टिविटीज ब्रेन को स्टिम्युलेट करती हैं और न्यू न्यूरल कनेक्शंस की ग्रोथ को प्रमोट करती हैं. इससे मेमोरी को बूस्ट करने में मदद मिलती है. इसके अलावा लोगों को गूगल के भरोसे नहीं रहना चाहिए और चीजों को याद रखने की कोशिश करनी चाहिए.