गुरुग्राम नीरू गुप्ता
हरियाणा इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के जनक धर्मेंद्र दांगी
फिल्म दादा लख्मी में सब्जी बेचने वाले छोटे से दुकानदार की भूमिका असंध करनाल के धर्मेंद्र दांगी ने अदा की है। हरियाणा के इतिहास में हरियाणा इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के जनक भी धर्मेंद्र दांगी ही कहलाये जाते हैं। इस फेस्टिवल के माध्यम क्षेत्रीय कलाकारों के साथ ही बॉलीवुड के नामचीन कलाकारों – यशपाल शर्मा, प्रतिभा शर्मा, सुमित्रा हुड्डा पेंडेण्कर, मनोज वाजपेई, अखिलेन्द्र मिश्रा जैसे सिनेमा के धुरन्धर कलाकारों को एक छत के नीचे लाये। ताकि सभी आपस में अपने विचार साँझा करें , नए आयडिया एवं एक दूसरे के सहयोग से क्रिएटिव सिनेमा बनाएं। धर्मेंद्र इस फेस्टिवल के जरिये हरियाणवी सिनेमा को विदेशी धरती पर ले जाने के संकल्प को लिए आगे बढ़ रहे हैं। आइये जानते हैं उनके सिनेमाई जीवन के बारे में :
1 दादा लख्मी फिल्म में आपकी भूमिका बताएं।
दादा लख्मी फिल्म में मैंने बाजार में सब्जी बेचने वाले का किरदार किया है। जो कि लख्मी के घर के पड़ोस से ही हैं। हालाँकि बहुत बड़ा करेक्टर नहीं था लेकिन अपने आप में परिपूर्ण था। डायरेक्टर और निर्देशक ने फिल्म की मांग के अनुसार सभी करेक्टर का चयन किया और हरेक करेक्टर ने दर्शकों के दिल पर अपनी अलग अलग छाप छोड़ी।
- आपकी शिक्षा के बारे में बताएं।
प्रारम्भिक शिक्षा मैंने अपने जन्मस्थान असंध करनाल से ही प्राप्त की है । मास्टर्स इन इंग्लिश की डिग्री जींद से और मास्टर्स इन टूरिज्म इन जर्मन लैंग्वेज का डिप्लोमा कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से प्राप्त किया । स्कूली शिक्षा के साथ ही मैंने बचपन से ही मंचीय कार्यक्रमों और नाटकों में भूमिका निभानी शुरू कर दी थी और थियटर की भागीदारी निरंतर जारी रही।
- हरियाणा इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के आयोजन के बारे बताएं कि इसके आयोजन कैसे विचार आया, कैसे शुरुआत हुई।
पढाई के साथ ही यूथ फेस्टिवल में थियेटर के कार्यक्रमों की तैयारियां करवाने लगा। मुझे अनेकों बार बेस्ट एक्टर का पुरस्कार भी प्राप्त हुआ। प्राइवेट जॉब के साथ ही मैंने धीरे-धीरे लेखन, वीडियो रिकॉर्डिंग और अभिनय का जिधर भी मौका मिलता करता चला जाता। दूरदर्शन हिसार की स्थापना के बाद मैंने उसमें विभिन्न प्रोजेक्ट्स के लिए कार्य किया जिसमे लेखन, डायरेक्शन, एक्टिंग, प्रोडक्शन इत्यादि सभी कार्य शामिल थे। हरियाणवी कलाकारों के साथ विभिन्न ब्रांडस के लिए दर्जनों ऐड फिल्म्स बनाई। हरियाणा का पहला हरियाणवी सीरियल “म्हारा हरियाणा म्हारी बात” दूरदर्शन हिसार पर प्रसारित मेरा ही बनाया हुआ था। इसी कड़ी में मैंने शार्ट फिल्म बनाई वैष्णवी जिसको राजस्थान इंटरनेशन फिल्म फेस्टिवल में बेस्ट स्टोरी के लिए पुरस्कार मिला। हमें उसी राजस्थान फिल्म फेस्टिवल से प्रेरणा मिली की हम हरियाणा में भी ऐसे ही हरियाणा इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल की शुरुआत करेंगे। बॉलीवुड कलाकार और हरियाणा के बेटे यशपाल शर्मा का साथ मिलने से हमारी सोच को और मज़बूती मिली। हमारा यह प्रयास रंग लाया, कलाकारों के साथ ही दर्शकों ने भी इसको हाथों हाथ लिया। हरियाणा के विभिन्न शहरों में हमने लगातार चार साल तक सफल हरियाणा इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल्स का आयोजन किया जिसमें हरियाणा के साथ ही बॉलीवुड की नामचीन हस्तियों ने भाग लिया। कोरोना के कारण दो साल तक यह कारवां रुक गया। कोरोना काल के बाद हम नए जोश और नयी तैयारियों के साथ यह सिलिसिला फिर से आरम्भ कर दिया। करुक्षेत्र में आयोजित फेस्टिवल में दादा लख्मी फिल्म के शो के दौरान दर्शकों की भीड़ संभालना भारी पड़ गया था। विदेशों के दर्शक और कलाकार भी अब हरियाणा इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल से जुड़ चुके हैं। इस साल सातवें फिल्म फेस्टिवल का आयोजन किया जायेगा।
हरियाणा इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल का मुख्य उद्देश्य सभी कलाकारों और सिनेमा से जुड़े अन्य व्यक्ति एक मंच पर इकठ्ठा हो सकें। हान कलाकार जो गुमनामी की जीवन यापन कर रहे हैं उनको दर्शकों से रूबरू करवाना ताकि सभी आपसी विचारों का आदान प्रदान करें । हमारे फिल्म फेस्टिवल्स में सिनेमा से जुडी विभिन्न महान हस्तियों के नाम पर हर साल अवार्ड दिए जाते हैं।
- आपके मन की बात या कोई सन्देश।
मेरे मन की बात है कि जिस प्रकार पंजाबी सिनेमा दुनियां के अनेकों देशों में देखा जाता है पसंद किया जाता है। ऐसे ही हमारा हरियाणवी सिनेमा भी दुनियां के अन्य देशों में देखा जाये और पसंद किया जाये। हरियाणवी सिनेमा को सिर्फ हरियाणा तक ही सीमित न रख कर उसको अन्य क्षेत्र के लोगों को देखने के लिए प्रेरित करें। इसके लिए सभी को एकजुट होकर प्रयास करने होंगे। इसी कड़ी में हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं , हो सकता है जल्द ही हमारा प्रयास सफल होगा और अंतराष्टीय स्तर पर हरियाणवी सिनेमा का मंचन होगा और लोगों द्वारा पसंद किया जायेगा।
5. क्षेत्रीय सिनेमा के बारे में आपके क्या विचार हैं।
हरियाणवी सिनेमा में बहुत संभावनाएं हैं जिसके विस्तार का अनुमान नहीं लगा सकते। हरियाणवी सिनेमा की सालों से बंजर पड़ी जमीन पर एक बड़े अंतराल के बाद फिर से नई शुरुआत हुई है। हम सभी को मिलकर इस प्रयास को निरंतर जारी रख कर नए और अच्छे सिनेमा को बनाना और पसंद करने पर कार्य करना होगा। कोई भी सिनेमा सिर्फ हरियाणवी ही नहीं विश्व के लोगों को ध्यान में रखकर बनाया जाना चाहिए। अच्छा सिनेमा बनाने के लिए अश्लीलता, नशा, द्विअर्थी संवाद या हथियार प्रदर्शित कर या कोई कंट्रोवर्सी का सहारा लेने के आवश्यकता नहीं है। इसके बिना भी आप अच्छा पारिवारिक सिनेमा बना सकते हैं जिसमे कॉमिडी, ड्रामा, दुःख, ख़ुशी आदि सभी प्रकार के रसों का रसस्वादन हो सके। फिल्म दादा लख्मी इसका बेस्ट उदाहरण है। ऐसे ही अनेक विषय हैं जिनपर अच्छा सिनेमा बनाया जा सकता है।