Bangladesh dengue cases: डेंगू की मार से बेहाल बांग्लादेश, हजार से ज्यादा की हुई मौत

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Bangladesh dengue cases: बांग्लादेश में मच्छर जनित बीमारी का सबसे खराब प्रकोप जारी है और यह जलवायु परिवर्तन के कारण लगातार बढ़ रहा है. यहां इस साल डेंगू बुखार से 1,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. बांग्लादेश के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय के आंकड़ों में कहा गया है कि 2 लाख से अधिक पुष्टि किए गए मामलों में से 1,006 लोगों की मौत हो गई है. एजेंसी के पूर्व निदेशक बेनजीर अहमद ने कहा कि इस साल अब तक हुई मौतों की संख्या पिछले हर साल की तुलना में अधिक है.

उन्होंने सोमवार को एएफपी को बताया, “बांग्लादेश और दुनिया दोनों में यह चौंकाने देने वाली घटना है.’ विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी कहा है कि डेंगू और चिकनगुनिया, येलो फीवर और जीका जैसे मच्छर जनित वायरस से होने वाली अन्य बीमारियां, जलवायु परिवर्तन के कारण तेजी से और आगे फैल रही हैं. हेल्‍थ एक्‍सपर्ट्स का कहना है कि डेंगू उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाई जाने वाली एक बीमारी है. इससे तेज बुखार, सिरदर्द, मतली, उल्टी, मांसपेशियों में दर्द और सबसे गंभीर मामलों में रक्तस्राव होता है जिससे मृत्यु हो सकती है.

रिकॉर्ड तोड़ मरीज और मौतों के बाद मचा हड़कंप
इस साल के आंकड़ों ने पूरे सिस्टम को हिलाकर रख दिया है. बीते साल जहां पूरे साल में केवल 281 मौतें दर्ज हुईं थीं जबकि इस साल यह आंकड़ा करीब पांच गुना अधिक हो गया है. मृतकों में किशोर और कम उम्र के बच्‍चे भी शामिल हैं.

आखिर ऐसा भयंकर रोग कैसे फैला, क्‍या रहे कारण
वैज्ञानिकों ने आशंका जताते हुए कहा है कि बांग्लादेश में इस साल अनियमित बारिश और लगातार गर्म बने से तापमान के कारण मच्‍छरों की तादाद तेजी से बढ़ी. मानसून के दौरान हालात गंभीर बने रहे. ढाका के जहांगीरनगर यूनिवर्सिटी में जूलॉजी के प्रोफेसर कबीरुल बशर ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि इस साल डेंगू का प्रकोप कई देशों में देखा गया है. यह केवल बांग्‍लादेश में ही नहीं हो रहा जबकि कई ट्रॉपिकल और सब ट्रॉपिकल देशों में हालात चिंताजनक रहे.

जलवायु परिवर्तन को बताया दोषी
उन्होंने कहा कि डेंगू फैलाने वाला एडीज मच्छर “वायरस के प्रसार के लिए इष्टतम तापमान” पर पनपता है. वैश्विक जलवायु परिवर्तन इस तापमान स्तर को प्रदान करने में भूमिका निभा रहा है. बांग्लादेश में 1960 के दशक से डेंगू के मामले दर्ज किए गए हैं, लेकिन डेंगू रक्तस्रावी बुखार का पहला प्रकोप 2000 में दर्ज किया गया था, जो इस बीमारी का एक गंभीर और कभी-कभी घातक लक्षण है.

मानसूनी मौसम के दौरान बढ़ते हैं मरीज
प्रोफेसर बशर ने कहा कि बीमारी का कारण बनने वाला यह वायरस अब बांग्लादेश के लिए लोकल हो चुका है. इस साल सबसे अधिक मरीज देखे गए हैं. हालांकि अधिकांश मामले जुलाई-से-सितंबर मानसून के मौसम के दौरान दर्ज किए जाते हैं. इन्‍हीं महीनों में देश की अधिकांश वार्षिक वर्षा होती है और इसके साथ-साथ बाढ़ और भूस्खलन का खतरा भी होता है. हालांकि, हाल के वर्षों में, बांग्लादेश के अस्पतालों ने सर्दियों के महीनों के दौरान इस बीमारी से पीड़ित रोगियों को भर्ती करना भी शुरू कर दिया है. जिन लोगों को बार-बार संक्रमण होता है उनमें जटिलताओं का खतरा अधिक होता है.

बार-बार बीमार पड़ने वाले हो जाते हैं गंभीर, बचाना होता है मुश्किल
ढाका के शहीद सुहरावर्दी मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर मोहम्मद रफीकुल इस्लाम ने कहा कि उनके अस्पताल में भर्ती अधिकांश मरीज़ डेंगू के दूसरे या तीसरे मामले से पीड़ित थे. उन्होंने बताया कि जब लोगों को दूसरी, तीसरी या चौथी बार डेंगू होता है, तो गंभीरता बढ़ जाती है. मौतों की संख्या भी अधिक होती है. उन्होंने कहा कि कई लोग हमारे पास तब आ रहे हैं जब उनकी हालत बीमारी के कारण बहुत बिगड़ चुकी है. उनका इलाज करना वाकई जटिल है. ढाका के प्रमुख अस्पतालों में डेंगू वार्ड बिस्तर पर पड़े मरीजों से भरे हुए हैं.

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