टैक्स ऐसी फांस है जिसमें जरा सी चूक लाखों का नुकसान करा सकती है. देश में बहुत से लोग हैं जो अपना पुराना मकान बेचकर नया खरीदते हैं या फिर दूसरी जगह नया मकान बनवाते हैं. अब ये बात तो सभी को पता है कि पुराना मकान बेचने पर आपको ज्यादा कीमत मिलती है, जो मुनाफे के रूप में होती है. अगर आपको मुनाफा हुआ है तो इस पर टैक्स भी चुकाना पड़ता है. लेकिन, इनकम टैक्स कानून आपको टैक्स बचाने का मौका भी देता है, अगर आप पुराना मकान बेचकर दूसरा आवासीय मकान बनाते या खरीदते हैं. हालांकि, इसके लिए आपको कुछ डेडलाइन और नियमों का ध्यान रखना जरूरी होगा. अगर इस नियम की जानकारी नहीं है और आप चूक गए तो लाखों रुपये का टैक्स चुकाना पड़ सकता है.
दरअसल, इनकम टैक्स कानून की धारा 54 के तहत पुराना मकान बेचने पर जो प्रॉफिट होता है, उस पर दूसरा मकान खरीदने या बनवाने पर टैक्स छूट दिए जाने का प्रावधान है. हाल में इनकम टैक्स अपीलीय ट्रिब्यूनल (ITAT) ने एक फैसले में कहा है कि करदाता को सेक्शन 54 के तहत टैक्स छूट क्लेम करते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि उसने मकान कब खरीदा या बनवाया है. अगर यह इनकम टैक्स कानून की तय सीमा के भीतर नहीं है तो फिर टैक्स छूट नहीं दी जाएगी. इसमें ध्यान देने वाली बात ये है कि टैक्स छूट के लिए समय की गणना मकान के पजेशन से होगी न कि उसके एग्रीमेंट से.