हर घर के किचन में तरह-तरह के मसाले और हर्ब्स मिल जाएंगे. ये मसाले और हर्ब्स खाने के स्वाद में इजाफा तो करते ही हैं, सेहत को भी कई तरह से लाभ पहुंचाते हैं. लौंग, हल्दी, रोजमेरी, दालचीनी, सेज (sage), काली मिर्च, जावित्री, बड़ी, छोटी इलायची, सूखी लाल मिर्च, तेजपत्ता, अजवाइन, जीरा, मेथी आदि के साथ ही पाउडर मसालों का भी खूब इस्तेमाल किया जाता है. इनमें ढेरों पोषक तत्व मौजूद होते हैं, खासकर एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज. हालांकि, कई बार जानकारी के अभाव में लोग एक ही मसाले को कई महीने, सालों तक इस्तेमाल करत रहते हैं. खासकर, सूखे साबुत मसाले, क्योंकि ये डेली अधिक इस्तेमाल में नहीं आते हैं. तो क्या मसालों का भी कोई एक्सपायरी डेट होता है? चलिए जानते हैं किस मसाले को आप कितने दिनों तक इस्तेमाल कर सकते हैं और इन्हें कैसे स्टोर करना चाहिए ताकि ये जल्दी खराब ना हों.
हर्ब्स और मसालों की शेल्फ लाइफ
हेल्थलाइन में छपी एक खबर के अनुसार, मसाले (spices) किसी पौधे की सूखी जड़ों, छाल या तने से तैयार होते हैं, जबकि जड़ी-बूटियां (herbs) पौधे की सूखी या ताज़ी पत्तियां होती हैं. जब सूखी जड़ी-बूटियों और मसालों के शेल्फ लाइफ को निर्धारण करने की बात होती है तो उनके प्रकार, प्रॉसेसिंग और भंडारण यानी स्टोरेज शामिल हैं. उदाहरण के लिए, सूखे मसाले सूखी जड़ी-बूटियों की तुलना में अधिक समय तक चलते हैं. मसाला जितना अधिक साबुत या कम प्रॉसेस्ड होता है, उसकी शेल्फ लाइफ उतनी ही लंबी होती है.
ड्राइड हर्ब्स आमतौर पर 1 से 3 साल तक इस्तेमाल कर सकते हैं. ये सूखी जड़ी-बूटियां इस प्रकार हैं-
ऑर्गैनो
तुलसी
अजवायन के फूल
रोजमैरी
तेज पत्ता
डिल
अजमोद
धनिया
पुदीना
पिसे हुए या पाउडर किए हुए मसालों की शेल्फ लाइफ आमतौर पर 2-3 साल होती है. ये मासले इस प्रकार हैं-
अदरक का पाउडर या सोंठ
लहसुन का पाउडर
दालचीनी का पाउडर
मिर्च पाउडर
पिसी हुई हल्दी
पीसी हुई इलायची
ग्राउंड पेपरिका
क्रश्ड रेड पेपर फ्लेक्स
सीजनिंग ब्लेंड्स
साबूत या बिना पिसे मसालों की शेल्फ लाइफ सबसे लंबी होती है, क्योंकि उनकी सतह का कम हिस्सा हवा, रोशनी और नमी के संपर्क में आता है. इनमें मौजूद सुगंधित तेलों और फ्लेवर कम्पाउंड लंबे समय तक बने रहते हैं. इन्हें यदि अच्छी तरह से स्टोर किया जाए तो आप इन मसालों का इस्तेमाल कम से कम 4 साल तक कर सकते हैं. इनमें निम्न मसाले शामिल हैं-
साबुत काली मिर्च
धनिया
सरसों के बीज
सौंफ के बीज
जीरा
साबुत जायफल
लौंग
दालचीनी
साबूत सूखी मिर्च
लेमनग्रास
कैसे पहचानें की मसाले हो गए हैं खराब
आमतौर पर ड्राइड हर्ब्स और मसाले एक्सपायर या जल्दी खराब नहीं होते, लेकिन जब किसी मसाले का स्वाद, पोटेंसी और रंग बदला गया हो तो आप उसे बदल सकते हैं. इसका ये मतलब नहीं कि आप इन्हें भोजन में इस्तेमाल करेंगे तो आप बीमार हो जाएंगे. इसकी संभावना काफी कम होती है. वैसे सभी मसालों के पैकेट पर इन्हें इस्तेमाल करने की डेट दी होती है, जो उस समय सीमा को दर्शाती है, जिसके दौरान वे सबसे बेहतरीन स्वाद और गुणवत्ता कायम रखते हैं. यदि आप डेट निकल जाने के बाद भी इनका सेवन करते हैं तो कोई अधिक नुकसान नहीं होगा, लेकिन पहले की तुलना में ये अधिक स्वाद, अरोमा, फ्लेवर, क्वालिटी, रंग भोजन में एड नहीं करेंगे. हां, फफूंद, नमी हो तो बदल देना ही बेहतर है.
मसालों की शेल्फ लाइफ बढ़ाने के लिए ऐसे करें स्टोर
मसालों को जितना हो सके धूप, गर्मी, हवा, मनी से बचाए रखें. इससे हर्ब्स और मसालों की गुणवत्ता तो बनी ही रहेगी, शेल्फ लाइफ भी बढ़ेगी. कभी भी गैस चूल्हे के पास डिब्बे में मसालों को भरकर ना रखें. इससे इनकी क्वालिटी, पोटेंसी कम हो सकती है. बेहतर है कि आप कूल, ड्राई और डार्क जगह पर इन्हें स्टोर करके रखें जैसे पैंट्री, ड्रॉअर, अलमारी में ओवन, स्टोव से दूर रखें. ग्लास और सिरैमिक कंटेनर में मसाले और हर्ब्स को रखना बेस्ट ऑप्शन है. इनसे हवा और नमी दूर रहती है.