डॉ. अमरेंद्र पाठक बताते हैं कि, न केवल टॉयलेट बल्कि शरीर से निकलने वाले अन्य तरल पदार्थ जैसे पसीना, मासिक धर्म का रक्त, कफ और मल भी बाहर निकल सकते हैं. इसलिए, यदि आप नहाते समय पेशाब करते हैं, तो बेझिझक उसे त्याग दें. ऐसा करना बिलकुल गलत नहीं होता है. (Image- Canva)
ये बात सच है, कि लोगों को अक्सर नहाते समय पेशाब लग जाती है. लेकिन टॉयलेट और नहाने का स्थान अलग-अलग होता है. नहाने की जगह साफ-सुथरी होनी चाहिए. जाहिर है यहां आप अपने शरीर की गंदगी को साफ करते हैं. नहाने से पहले और बाद में बाथरूम पूरी तरह साफ और स्वच्छ होना चाहिए. (Image- Canva)
नहाते समय पेशाब करने की आदत का मतलब है कि हम जो मूत्र त्यागते हैं उसमें इलेक्ट्रोलाइट्स और यूरिया जैसे स्वस्थ पोषक तत्व होते हैं. इनका बाहर निकलना ठीक माना जाता है. साथ ही इस टॉयलेट में बैक्टीरिया भी कम होते हैं. इसलिए शरीर पर पेशाब करने से कोई संक्रमण नहीं होता है. (Image- Canva)
पेशाब त्वचा के लिए भी अच्छा माना जाता है. बता दें कि, त्वचा की सुरक्षा के लिए सौंदर्य प्रसाधनों में भी यूरिया मिलाया जाता है. जिंक पाइरिथियोन ओवर-द-काउंटर उत्पादों में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है. साथ ही यह खोपड़ी की परत को कम करने में भी मदद करता है यानी कवक के विकास को रोकता है. (Image- Canva)
पर्यावरण की दृष्टि से, मूत्रालय नहाते समय पानी बचाते हैं. इसे फ्लश करने के लिए अतिरिक्त पानी की आवश्यकता नहीं होती है. दुनियाभर के देश पानी की कमी के दौरान इस तरकीब का इस्तेमाल करते हैं. (Image- Canva)